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184 का मतलब क्या है?

IPC की धारा 184 के अनुसार, जो कोई ऐसी किसी सम्पत्ति के विक्रय में, जो ऐसे लोक-सेवक के नाते किसी लोक-सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिये प्रस्थापित की गई हो, साशय बाधा डालेगा, वह अपराधी माना जाएगा.

धारा 184 कब लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 184 के अनुसार, जो भी कोई ऐसी किसी संपत्ति के विक्रय में, जो किसी लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई हो, साशय बाधा डालेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा …

धारा 184 मोटर व्हीकल एक्ट क्या है?

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 184 के अनुसार

(च) किसी ऐसी रीति में गाड़ी चलाना, जो उससे बहुत कम है जिसकी किसी सक्षम और सावधान चालक से अपेक्षा की जाएगी और जहां किसी सक्षम और सावधान चालक को यह स्पष्ट होगा कि उस रीति में गाड़ी चलाना खतरनाक होगा, से ऐसी रीति में चलाना, जो पब्लिक के लिए खतरनाक हैं, अभिप्रेत होगा।

सिग्नल तोड़ने पर कौन सी धारा लगती है?

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर लाइसेंस होगा पंच, दूसरी बार सस्पेंड

Katl करने पर कौन सी धारा लगती है?

क्या है IPC की धारा 302

कोई भी व्यक्ति अगर हत्या का दोषी साबित होता है तो उसपर आईपीसी की धारा 302 लगाई जाती है. इस धारा के तहत उम्रकैद या फांसी की सजा और जुर्माना हो सकता है. हत्या के मामले में सजा सुनाने के पहले कत्ल के मकसद पर ध्यान दिया जाता है.

धारा 171 च क्या है?

IPC की धारा 171 के मुताबिक, जो कोई लोक सेवकों के किसी खास वर्ग का न होते हुए इस आशय से कि यह विश्वास (Confidence) किया जाए, या इस ज्ञान से कि सम्भाव्य (Potential) है कि यह विश्वास किया जाए, कि वह लोक सेवकों के उस वर्ग का है, लोक सेवकों के उस वर्ग द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली पोशाक के सदृश पोशाक पहनेगा, या टोकन के …

धारा 177 क्या होता है?

IPC की धारा 177 के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक को ऐसे लोक सेवक के नाते किसी विषय पर इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए उस विषय पर सच्ची इत्तिला के रूप में ऐसी इत्तिला देगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है या जिसके मिथ्या होने का विश्वास करने का कारण उसके पास है, वह अपराधी माना जाएगा.

पुलिस को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।

घर में घुसकर मारपीट करने पर कौन सी धारा लगाई जाती है?

धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।

फोन पर गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।

5 मर्डर करने पर कितने साल की सजा होती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

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धारा 151 का मतलब क्या होता है?

सीआरपीसी की धारा 151 (CrPC Section 151)

(1) कोई पुलिस अधिकारी जिसे किसी संज्ञेय अपराध करने की परिकल्पना का पता है, ऐसी परिकल्पना करने वाले व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के आदेशों के बिना और वारण्ट के बिना उस दशा में गिरफ्तार कर सकता है जिसमें ऐसे अधिकारी को प्रतीत होता है कि उस अपराध का किया जाना अन्यथा नहीं रोका जा सकता.

धारा 188 का मतलब क्या है?

आईपीसी की धारा 188 (Indian Penal Code Section 188)

दरअसल, भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 (Section 188) के अनुसार, अगर कोई शख्स लॉक डाउन या उसके दौरान सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है.

धारा 194 क्या है?

आईपीसी की धारा 194 (Indian Penal Code Section 194)

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 194 (Section 194) में मौत की सजा का हकदार बनाने वाले अपराध में फंसाकर दोषसिद्ध कराने के मकसद से झूठे सबूत देना या गढ़ना बताया गया है.

धारा 190 में क्या होता है?

आईपीसी की धारा 190 (Indian Penal Code Section 190)

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 190 (Section 190) में लोक-सेवक से संरक्षा के लिये आवेदन करने से विरत रहने के लिये किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिये क्षति की धमकी देना परिभाषित किया गया है.

महिला पर हाथ उठाने पर कौन सी धारा लगती है?

महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आइए जानते हैं आईपीसी की धारा 354 के बारे में. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है.

हाफ मर्डर करने पर कितने साल की सजा है?

हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।

झूठ बोलने की कौन सी धारा लगती है?

कानून में सजा का प्रावधान

एडवोकेट सुनील आनंद ने बताया कि झूठ बोलने वाले शख्स को पहले सीआरपीसी की धारा-344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। फिर उस पर सुनवाई होती है। झूठ साबित होने पर उसे 6 महीने की कैद व 500 से 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।

गाली गलौज करने पर कौन सी धारा लगती है?

जातिसूचक टिप्‍पणियों के मामलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराएं लगती हैं। धारा 3(1) के अनुसार, SC या ST वर्ग से ताल्‍लुक रखने वाले किसी व्‍यक्ति को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की नीयत से जान-बूझकर की गई टिप्‍पणियां या दी गईं धमकियां अपराध के दायरे में आती हैं।

घर में घुसकर मारने में कौन सी धारा लगती है?

धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।

अगर कोई बच्चा मर्डर कर दे तो उसे क्या सजा मिलेगी?

पहले उपरोक्त उम्र के किशोर कोई अपराध करते थे तो उनके केसों की सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा देने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन अब जस्टिस जुवेनाइल एक्ट 2015 में संशोधन हो चुका है और नाबालिग अपराधी को उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकेगी।

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हाफ मर्डर क्या है?

आरोपी जानता था कि इस हमले से प्रार्थी मर सकता है। ज्ञात हो बस्तर में होने वाले इस तरह के जानलेवा हमलों के मामलों को आम ग्रामीण हाफ मर्डर के रूप में जानता है। ऐसे मामले शराब या अन्य किसी मादक पेय के सेवन से ही होते हैं।

242 का क्या मतलब है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 242 के अनुसार, जो कोई ऐसे कूटकॄत सिक्के को, जिसे वह उस समय, जब वह सिक्का उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह कूटकॄत है, कपटपूर्वक या इस आशय से कि कपट किया जाए, कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी …

245 क्या होता है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 245 के अनुसार, जो कोई 1[भारत] में विधिपूर्वक स्थापित किसी टकसाल में से सिक्का बनाने के किसी औजार या उपकरण को विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना बाहर निकाल लाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

धारा 220 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 220 के अनुसार, जो कोई किसी ऐसे पद पर होते हुए, जिससे व्यक्तियों को विचारण या परिरोध के लिए सुपुर्द करने का, या व्यक्तियों को परिरोध में रखने का उसे वैध प्राधिकार हो किसी व्यक्ति को उस प्राधिकार के प्रयोग में यह जानते हुए भ्रष्टतापूर्वक या विद्वेषपूर्वक विचारण या परिरोध के लिए सुपुर्द करेगा या …

धारा 129 क्या है?

धारा 129 में कहा गया है कि ” जो कोई लोक सेवक होते हुए और किसी राजकैदी या युद्धकैदी की अभिरक्षा रखते हुए उपेक्षा से ऐसे कैदी का किसी ऐसे परिरोध स्थान से जिसमें ऐसा कैदी परिरुद्ध है, निकल भागना सहन करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक …

250 की धारा क्या होती है?

यह है धारा 250

भू राजस्व संहिता की धारा 250 कहती है कि यदि किसी भूस्वामी की जमीन पर दो माह से कब्जा है तो इस संबंध में शिकायत करने पर तहसीलदार द्वारा कार्यवाही की जा सकती है। जिले के सभी तहसीलदारों,नायब तहसीलदारों को उनके न्यायालयों में भू.

धारा 112 क्या होता है?

धारा 112 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 112 के अनुसार, यदि वह कार्य, जिसके लिए दुष्प्रेरक अन्तिम पूर्वगामी धारा के अनुसार दायित्व के अधीन है, दुष्प्रेरित कार्य के अतिरिक्त किया जाता है और वह कोई सुभिन्न अपराध गठित करता है, तो दुष्प्रेरक उन अपराधों में से हर एक के लिए दण्डनीय नहीं है ।

गाली देना कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है।

कोई झूठा आरोप लगाए तो क्या करें?

दिल्‍ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्‍ता शुभम भारती ने बताया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत झूठी एफआईआर को चैलेंज किया जा सकता है. अगर आपके खिलाफ या आपके जाननेवाले के खिलाफ कोई झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो धारा 482 के तहत उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है.

1 मर्डर करने पर कितने दिन की सजा होती है?

हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।

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गाली में कौन सी धारा लगती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।

घर में घुसकर मारपीट करने में कौन सी धारा लगती है?

धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।

मर्डर करने में कितने साल लगते हैं?

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा।

337 का मतलब क्या होता है?

धारा 337. भारत दंड संहिता की धारा 337 के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के उतावलेपन या उपेक्षा के चलते किसी कार्य द्वारा किसी मानव जीवन या किसी कि व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा या चोट पहुंचती है, तो उस व्यक्ति पर इस धारा के अंतर्गत मुकदमा चलता है।

344 का मतलब क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 344 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का दस या अधिक दिनों के लिए गलत तरीके से परिरोध करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

धारा 245 2 क्या है?

“मेरे विचार में, सीआरपीसी की धारा 245 (2) के तहत मजिस्ट्रेट की ओर से यह कानूनी आवश्यकता होगी कि वह उन कारणों पर विचार करें और रिकॉर्ड करें कि आरोपी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनाता है, जो कि अगर अप्रतिबंधित है तो उसका दोषसिद्धि वारंट होगा। इस तरह के सबूत के अभाव में आरोपी को आरोपमुक्त किया जा सकता है।

धारा 177 में क्या होता है?

IPC की धारा 177 के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक को ऐसे लोक सेवक के नाते किसी विषय पर इत्तिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए उस विषय पर सच्ची इत्तिला के रूप में ऐसी इत्तिला देगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है या जिसके मिथ्या होने का विश्वास करने का कारण उसके पास है, वह अपराधी माना जाएगा.

धारा 180 क्या है?

IPC की धारा 180 के अनुसार, जो कोई अपने द्वारा किये गये किसी कथन पर हस्ताक्षर करने को ऐसे लोक-सेवक (Public Servant) द्वारा अपेक्षा किये जाने पर, जो उससे यह अपेक्षा करने के लिये वैध रूप से सक्षम (Legally capable) हो कि वह उस कथन पर हस्ताक्षर करे, उस कथन पर हस्ताक्षर करने से इन्कार करेगा, वह अपराधी के तौर पर सजा का हकदार …

धारा 121 कब लगती है?

IPC की धारा 121 के अनुसार, यदि कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध (War against india) करता है, या ऐसा युद्ध करने की कोशिश (Attempt to war) करता है या फिर युद्ध करने के लिए उकसाता (Incites to war) है, तो वह व्यक्ति मृत्युदंड (Death sentence) या आजीवन कारावास (Life imprisonment) से दंडित किया जाएगा.

हाथापाई करने पर कौन सी धारा लगती है?

धारा 332- इस धारा का उपयोग किसी सरकारी कर्मचारी से मारपीट की स्थिति में होता है. इसमें आरोपी के 3 से 10 साल तक की सजा देने का प्रावधान है. धारा 383, 384 व 386- सरकारी कर्मचारी को ब्लैक मेल करने पर इन 3 धाराओं के तहत आपको 3 से 10 साल तक जेल की सजा दी जा सकती है.