समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार और संवैधानिक उपचार का अधिकार भारत के संविधान में निहित 6 मौलिक अधिकार हैं। पहले संपत्ति का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार था लेकिन 44वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा इसे कानूनी अधिकार बना दिया गया।
हमारे 6 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?
- समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
- स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
- शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
- धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
- सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32.
मौलिक अधिकार क्या है और कितने हैं?
(i) समानता का अधिकार, (ii) स्वतंत्रता का अधिकार, (iii) शोषण का अधिकार, (iv) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, (v) सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार, (vi) संवैधानिक उपचारों का अधिकार । मौलिक अधिकार न्याय संगत है परन्तु असीमित नहीं है ।
11 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?
- समता का अधिकार (समानता का अधिकार)
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
- कुछ विधियों की व्यावृत्ति
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
संविधान के मूल अधिकार कितने हैं?
संविधान द्वारा मूल रूप से सात मूल अधिकार प्रदान किए गए थे- समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार, संपत्ति का अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
11 मूल कर्तव्य क्या है?
- (क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
- (ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे;
- (ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
धार्मिक अधिकार क्या है?
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25-28 तक धार्मिक स्वतंत्रता का एक मौलिक अधिकार के रूप में उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 25 (अंतःकरण की स्वतंत्रता एवं धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता)। अनुच्छेद 26 (धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता)।
भारत में कितने अधिकार है?
मूल रूप में भारत के संविधान के भाग III में सात मौलिक अधिकारों को शामिल किया गया था। इनमें सम्पति का अधिकार शामिल था। जिसे 44वें संविधान संशोधन द्वारा हटा दिया गया था। अब केवल छः मौलिक अधिकार हैं; जो इस प्रकार है।
भारत में कितने अधिकार हैं?
संविधान व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सभी नागरिकों को कुछ मूलभूत स्वतंत्रता प्रदान करता है। इन्हें संविधान में मौलिक अधिकारों की छह व्यापक श्रेणियों के रूप में गारंटी दी गई है, जो न्यायोचित हैं।
रिट जारी कौन करता है?
सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32 के तहत) एवं उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226 के तहत) रिट जारी कर सकते हैं। इसके अंतर्गत गिरफ्तारी का आदेश जारी करने वाले अधिकारी को आदेश देता है कि वह बंदी को न्यायाधीश के सामने उपस्थिति दर्ज करें और उसके कैद करने की वजह बताए।
भारतीय संविधान कितने प्रकार के होते हैं?
- विकसित संविधान (Evolved Constitution) –
- बनाया गया संविधान (Enacted Constitution) –
- लिखित संविधान (Written Constitution) –
- अलिखित संविधान (Un-Written Constitution) –
- लचीला संविधान (Flexible Constitution) –
6 मौलिक अधिकार कौन से हैं?
मौलिक अधिकारों का वर्गीकरण
समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक। स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक। शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक। धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
मनुष्य का परम कर्तव्य क्या है?
कर्तव्य मनुष्य मात्र में स्वयं का चरित्र तथा आत्मबोध है। यह सहज और सरल आत्म अनुशासन है। जीवन भर सीखने और सीख को धारण करने की प्रबल प्रक्रिया से कर्तव्य का दर्शन प्रकट होता है। सत्य को आत्मसात करने से कर्तव्य की भावना जागृत होती है।
भारत के 6 मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?
- समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
- स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
- शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
- धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
- सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32.
मनुष्य के कितने अधिकार होते हैं?
मानव अधिकारों के प्रकार
इस घोषणापत्र में कुल 30 अनुच्छेद हैं, जिनमें उल्लिखित मानवाधिकारों को सामान्य तौर पर नागरिक-राजनीतिक और आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक श्रेणियों में बाँटा गया है। इसके अनुच्छेद-3 में व्यक्ति की स्वतंत्रता एवं सुरक्षा के अधिकारों की बात कही गई है जो अन्य सभी अधिकारों के उपभोग के लिये ज़रूरी हैं।
क्या भारत का संविधान उधार का थैला है?
भारतीय संविधान के बहुत अंश विभिन्न देशों के संविधान से लिया गया है इसलिए उधार का थैला कहा जाता है जो इस प्रकार है। 1950 का संविधान भारत सरकार अधिनियम 1935 द्वारा शुरू की गई विरासत का उप-उत्पाद था। यह ब्रिटिश सरकार द्वारा 321 धाराओं और 10 अनुसूचियों के साथ पारित सबसे लंबा अधिनियम था।
मनुष्य का जन्मजात स्वतंत्रता क्या है?
ऐसे अधिकार जो किसी मनुष्य को जन्मजात प्राप्त होते हैं, कोई भी स्वतंत्रता किसी भी मनुष्य को दी नहीं जाती अपितु वह स्वतंत्रता उस मनुष्य को जन्मजात ही प्राप्त होती है, जैसे कि किसी मनुष्य को जीवन का अधिकार उसके जन्म के साथ प्रारंभ हो जाता है परंतु इस जीवन के अधिकार में मृत्यु का अधिकार नहीं है।
धारा 226 क्या है?
नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर अनुच्छेद 226 (Article 226) के तहत उच्च न्यायालय नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रवर्त कराने के लिए रिट जारी कर सकता है। जो कि बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार -पृच्छा रिट हैं।
भारत का संविधान किसने लिखा है?
प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा भारतीय संविधान के सुलेखक थे। मूल संविधान उनके द्वारा प्रवाहित इटैलिक शैली में हस्तलिखित था। मूल संस्करण को नंद लाल बोस और बेहर राममनोहर सिन्हा सहित शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सुशोभित और सजाया गया था।
भारत के संविधान का पिता कौन है?
भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे।
मनुष्य का प्रथम धर्म क्या है?
इंसान का पहला धर्म इंसानियत होता है।
व्यक्ति का सबसे बड़ा कर्तव्य क्या है?
पहले जन्म से प्राप्त कर्तव्य को करना चाहिए और उसके बाद सामाजिक जीवन में हमारे पद के अनुसार जो कर्तव्य हो उसे संपन्न करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति जीवन में किसी न किसी अवस्था में अवस्थित है। उसके लिए उसी अवस्थानुसार कर्म करना सबसे बड़ा कर्तव्य है।
भारत का असली धर्म कौन सा है?
इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे ‘वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म‘ भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है।
दुनिया में हिंदुओं के कितने देश हैं?
1. विश्व में भारत, नेपाल और मॉरीशस में हिन्दू बहुसंख्यक हैं। 2. अनुमानित रूप से विश्व के करीब 52 से अधिक देशों में हिंदू रहते हैं, जिसमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, रशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूक्रेन, दक्षिण कोरिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, जर्मन, सूरीनाम, मॉरीशस और हालैंड का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
संविधान बनाने वाला कौन है?
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे।
भारतीय संविधान किसकी देन है?
भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया।
जीवन में स्वतंत्रता क्यों आवश्यक है?
कहने का तात्पर्य यह है कि स्वतंत्रता की महत्ता अनगिनत है और वह प्रत्येक प्राणी के सर्वोत्तम विकास के लिये आवश्यक है। अगर स्वतंत्रता की आवश्यकता पर बात की जाए तो स्वतंत्रता ही वह साधन है जिसके द्वारा नए विचार, रचनात्मक कला, नित नए उत्पादन, जीवन की गुणवत्ता और विकास के सर्वोत्तम रास्तों का विकास होता है।
स्वतंत्र मनुष्य का क्या अर्थ है?
swatantra kya hai स्वतंत्रता का अर्थ है नियंत्रणों से मुक्ति, अथवा उनका अभाव। किसी व्यक्ति को मुक्त अथवा कुछ करने में स्वतंत्र माना जा सकता है, जब उसके कार्य अथवा विकल्प दूसरे के कार्यों अथवा विकल्पों द्वारा बाधित अथवा अवरुद्ध न हों।
पांच रिट कौन जारी करता है?
सर्वोच्च न्यायालय (अनुच्छेद 32 के तहत) एवं उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 226 के तहत) रिट जारी कर सकते हैं।
संविधान में कितने रिट?
Detailed Solution. पांच प्रकार के रिट हैं – बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश रिट, प्रतिषेध रिट, उत्प्रेषण लेख और अधिकार पृच्छा , जो अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
भारत का संविधान कहां है?
मूल 1950 का संविधान नई दिल्ली में संसद भवन में नाइट्रोजन से भरे मामले में संरक्षित है।
भारत का कानून किसने लिखा था?
इसके अध्यक्ष, थॉमस बबिंगटन मैकाले के नेतृत्व में, भारतीय दंड संहिता का मसौदा तैयार किया गया, अधिनियमित किया गया और 1862 तक लागू किया गया। आपराधिक प्रक्रिया संहिता भी उसी आयोग द्वारा तैयार की गई थी। साक्ष्य अधिनियम (1872) और अनुबंध अधिनियम (1872) जैसे अन्य विधियों और कोडों के मेजबान।
संविधान बनाने वाला व्यक्ति कौन था?
भीमराव अंबेडकर को निर्मात्री समिति का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की।
भारत के 7 मौलिक अधिकार क्या हैं?
संविधान द्वारा मूल रूप से सात मौलिक अधिकार प्रदान किए गए थे – समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, संपत्ति का अधिकार और संवैधानिक उपचारों का अधिकार ।
30 मानव जिम्मेदारियां क्या हैं?
उन 30 लेखों को वर्तमान में मानवाधिकारों की 30 सार्वभौमिक घोषणा या 30 बुनियादी मानवाधिकारों के रूप में जाना जाता है, जिसमें जीवन के अधिकार, शिक्षा के अधिकार, संगठित करने के अधिकार और अन्य चीजों के बीच उचित व्यवहार के अधिकार शामिल हैं। 30 सार्वभौमिक मानवाधिकार भी राय, अभिव्यक्ति, विचार और धर्म की स्वतंत्रता को कवर करते हैं।
दुनिया में नंबर 1 धर्म कौन सा है?
ईसाई धर्म – ईसाई धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा ईसाई धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. 2.2 अरब से भी अधिक लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं. इस्लाम धर्म – दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इस्लाम धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है.
हिंदू धर्म कहां जमा हुआ है?
हिंदू धर्म मुख्य रूप से भारत में समूहीकृत है। अनुयायियों की सबसे बड़ी संख्या वाले अन्य जातीय धर्मों को एशिया में कहीं और समूहबद्ध किया गया है।
दुनिया में सबसे तेजी से कौन सा धर्म फैल रहा है?
किसी भी मज़हब के मुक़ाबले इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है.
दो बच्चों का कानून क्या है?
किन-किन राज्यों में लागू है दो–बच्चों की नीति
मध्य प्रदेश सिविल सर्विस नियमों के मुताबिक, अगर 26 जनवरी 2001 से पहले किसी के तीसरे बच्चे का जन्म हुआ है तो वह सरकारी नौकरी में नहीं जा सकता. उच्च न्यायिक सेवाओं में भी यह नियम लागू है.
बच्चों को मारने पर कौन सी धारा लगती है?
आईपीसी की धारा 323 (मारपीट), 324 (जख्मी करना), 325 (गंभीर जख्म पहुंचाना) के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है. धारा-325 तहत आरोप सिद्ध होने पर 7 साल तक की जेल का प्रावधान है. अगर बच्चे पर जानलेवा हमला किया गया हो तो फिर धारा-307 लगाया जा सकता है इसमें अधिकतम 10 साल या फिर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
आर्टिकल 21 में क्या है?
भारतीय संविधान में जीवन का अधिकार
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।