रामचरित मानस के सुंदरकांड में हनुमानजी कहते हैं कि ‘प्रात लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा॥’ अर्थात मैं जिस कुल से यानी वानर कुल से हूं अगर सुबह-सुबह उसका नाम ले लेता है तो उस दिन उसको भोजन भी मुश्किल से मिलता है। इसलिए सुबह बिना अन्न जल ग्रहण किए वानर नाम नहीं लेना चाहिए।
हनुमान जी का नाम कब लेना चाहिए?
-प्रतिदिन नियमित उसी समय पर नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है. -कहा जाता है जो व्यक्ति हनुमान जी के 12 नामों को दोपहर में जपता है वह व्यक्ति धनवान होता है. दोपहर और शाम के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है. हनुमान जी के 12 नामों को रात्रि में सोते समय लेने पर व्यक्ति की शत्रु से जीत होती है.
हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए?
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा सुबह और शाम के समय करना फलदायी माना जाता है. इस दिन आप सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. वैसे पूरे दिन में सूर्यास्त के बाद ही पूजा का शुभ मुहूर्त होता है.
हनुमान जी के कौन से पैर का सिंदूर लगाना चाहिए?
हनुमान जी के दोनों पैरों पर लगा सिंदूर बहुत ही प्रभावशाली होता हैं. ऐसा माना जाता हैं कि इस सिंदूर का तिलक जब कोई भी व्यक्ति अपने मस्तिष्क पर लगता हैं. तो हनुमान जी उस व्यक्ति को सद्बुद्धि प्रदान करते हैं.
हनुमान जी खुश होने पर क्या संकेत देते हैं?
- यदि आपके हाथों में मंगल रेखा स्पष्ट नजर आ रही है तो निश्चित ही हनुमानजी की आप पर कृपा है। …
- यदि कुंडली में मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि में है या सूर्य-बुध एक ही जगह पर बैठे हैं या दसवें भाव में मंगल है तो माना जाता है कि यह मंगल नेक है।
हनुमान जी का शुभ दिन कौन सा है?
मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा का खासा महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में और अच्छे तरीके से विधिवत रूप से उनकी पूजा करने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
सुबह सुबह हनुमान जी का नाम क्यों नहीं लेना चाहिए?
रामचरित मानस के सुंदरकांड में हनुमानजी कहते हैं कि ‘प्रात लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा॥’ अर्थात मैं जिस कुल से यानी वानर कुल से हूं अगर सुबह–सुबह उसका नाम ले लेता है तो उस दिन उसको भोजन भी मुश्किल से मिलता है। इसलिए सुबह बिना अन्न जल ग्रहण किए वानर नाम नहीं लेना चाहिए।
हनुमान जी का फेवरेट कलर कौन सा है?
ऐसी मान्यता है कि बजरंग बली यानी कि हनुमान जी को लाल और पीला रंग बहुत पसंद हैं।
हनुमान जी को कौन सा फल पसंद है?
काजू, बादाम, किशमिश, छुआरा, खोपरागिट पंचमेवा के नाम से जाने जाते हैं। इसका भी हनुमानजी को भोग लगता है। माना जाता है कि इसके भोग से बजरंगबली प्रसन्न होते है।
हनुमान जी कितनी पत्नी है?
शास्त्रों व लोकमान्यताओं के अनुसार हनुमान जी के तीन विवाह हुए थे। शास्त्र पाराशर संहिता के अनुसार सूर्यदेव से संपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने हेतु हनुमान जी का पहला विवाह सूर्यपुत्री सुर्वचला से हुआ था।
हनुमान जी का गुरु कौन है?
हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था। जब हनुमान जी थोड़े बड़े हुए और शिक्षा ग्रहण करने के योग्य हुए तो उनके माता-पिता ने उन्हें सूर्यदेव के पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा। हनुमानजी ने सूर्यदेव से गुरु बनने की प्रार्थना की, लेकिन सूर्य ने कहा, ‘मैं तो एक पल के लिए रुकता नहीं हूं, न ही मैं रथ से उतरता हूं।
हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?
हनुमान चालीसा की प्रयोग विधि – हनुमान जी और श्रीराम के चित्र की स्थापना करें। इसके बाद उनके सामने जल से भरा लोटा रखें। इसके बाद कम से कम 3 बार से लेकर 108 बार तक चालीसा का पाठ करें।
चालीसा कितने बजे पढ़ना चाहिए?
मान्यता अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है। वहीं सुबह पाठ करने से पहले नित्यक्रिया आदि करके स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
घर में हनुमान जी की कौन सी फोटो लगानी चाहिए?
घर में भगवान पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पंचमुखी हनुमान की फोटो लगाने से घर में सुख-शांति आएगी। इस तस्वीर से वास्तु दोष भी दूर होते हैं। घर के मेन गेट पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगानी चाहिए ताकि वह सभी को दिखाई दे।
हनुमान जी का प्रिय फल कौन सा है?
हनुमानजी को लौंग, इलायची और सुपारी भी पसंद है। शनिवार के दिन लौंग, सुपारी और इलायची चढ़ाने से शनि का कष्ट दूर हो जाता है। कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें, संकट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।
हनुमान जी को तुलसी चढ़ाने से क्या होता है?
मान्यता है कि तुलसी अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के संकटों से रक्षा करते हैं। यदि मंगलवार के दिन हनुमान जी को तुलसी अर्पित की जाए तो घर में सुख समृद्धि का वास होता है और धन संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
हनुमान चालीसा रोज पढ़ने से क्या होगा?
हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है। जो व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना है, उसकी इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत होती है। अगर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना संभव हो तो सिर्फ मंगलवार को ही कर सकते हैं।
हनुमान जी को क्या पसंद नहीं है?
जिस तरह बजरंगबली ने मां सीता को माता के समान माना था उसी तरह माना जाता है कि राम भक्त हनुमान हर स्त्री को माता स्वरूप मानते हैं. ऐसे में कोई महिला उनके चरणों के सामने झुके, वह उन्हें पसंद नहीं आता. हनुमान जी के व्रत और पूजन में किसी प्रकार के नमक का इस्तेमाल न करें. इससे हनुमान नाराज होते हैं.
हनुमान को कौन सा रंग पसंद है?
हनुमान जी को लाल या नारंगी बेहद पसंद है. मंगलवार के दिन केसरिया या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
हनुमान भोजन क्या है?
– माना जाता है कि हनुमान जी को पान का बीड़ा बहुत पसंद है. – हनुमान जी को मीठा बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें चूरमा, गुड़ चने, इमरती, केले, पंच मेवा का भोग भी गलाया जाता है. – इसके अलावा बूंदी भी हनुमान जी को प्रिय हैं.
हनुमान जी का गुप्त मंत्र कौन सा है?
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं।