न्याय के देवता भगवान शनि देव महाराज को प्रसन्न करने के लिए, उनके साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. दीपक जलाने का सही समय प्रातः काल 5:00 से 10:00 बजे तक होता है. सायंकाल 5:00 से 7:00 बजे तक दीपक जलाना शुभ होता है.
दीपक जलाने का सही टाइम क्या है?
दीपक जलाना का सबसे उत्तम समय शाम 5 से 7 बजे के बीच का सही माना जाता है।
तुलसी पर दीपक कब जलाना चाहिए?
प्रातःकाल तुलसी के पौधे में जल डालकर, इसकी परिक्रमा करनी चाहिए. नियमित रूप से सायंकाल इसके नीचे घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम होता है.
सुबह दीया जलाने का टाइम क्या है?
दीपक जलाने का सही समय सुबह 5:00 बजे से 10:00 बजे तक है। शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तक दीपक जलाना शुभ होता है। जाने-अनजाने में हम भगवान के लिए दीपक जलाते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं। उन गलतियों के फलस्वरूप हमें पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाएगा।
सुबह सुबह दीपक जलाने से क्या होता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर रोज सुबह-शाम दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है। साथ ही इससे घर में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है।
घर में रोज दिया जलाने से क्या होता है?
अगर नियमित रूप से दीपक जलाया जाता है तो घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है। वास्तु दोष बढ़ाने वाली नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। दीपक के धुएं से वातावरण में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं। दीपक अंधकार खत्म करता है और प्रकाश फैलाता है।
रात में दिया जलाने से क्या होता है?
दीपक जलाने से सुख-समृद्धि का वास होता है और शांति की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में भी दीपक जलाने के महत्व के बारे में बताया गया है. दिवाली के दिन यूं तो हर कोने में दीपक जलाया जाता है, लेकिन वास्तु नियमों के अनुसार दिवाली पर कुछ विशेष जगहों पर दीपक जलाना बेहद शुभ होता है.
घर में कौन से तेल का दीपक जलाना चाहिए?
घी का दीपक जलाना है बेहद शुभ
लेकिन क्या आप जानते हैं कि घी के दीपक को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। घी का दीपक भगवान को समर्पित करने के लिए जलाया जाता है। घर में घी का दीपक जलाने से देवताओं और माता लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
तुलसी में दीपक कब जलाना चाहिए?
प्रातःकाल तुलसी के पौधे में जल डालकर, इसकी परिक्रमा करनी चाहिए. नियमित रूप से सायंकाल इसके नीचे घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम होता है.
क्या खड़े होकर पूजा करना चाहिए?
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, खड़े होकर पूजा करना सही नहीं माना जाता है. इस तरह से पूजा करने पर कोई फल नहीं मिलता. घर पर पूजा करते समय खड़े होकर पूजा न करें और ना ही सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करें. पूजा करने से पहले हमेशा आसन बिछाएं और आसन में बैठकर ही पूजा करें.
मेन गेट पर दीपक क्यों जलाते हैं?
मान्यता है देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी विशेष प्रिय है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक अनिवार्य रूप से जलाया जाता है। रोज शाम के समय मुख्य द्वार के पास दीपक लगाना चाहिए। ये दीपक घर में नकारात्क ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है। पूजा में घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए।
तुलसी की पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?
1-तुलसी स्तुति मंत्र :
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।। तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी का पत्ता तकिए के नीचे रखने से क्या होता है?
बस सोने से पहले अपने तकिए के नीचे पांच तुलसी के पत्ते रखकर सो जाएं। इससे घर की सारी नेगेटिविटी दूरी हो जाएगी। सुबह के समय तुलसी के 4 पत्तियों को तोड़ लें। फिर पीतल के बर्तन में पानी डालकर भिगो दें।
क्या रविवार को तुलसी में दीपक जलाना चाहिए?
तुलसी पूजा की सावधानियां
रविवार के दिन तुलसी के नीचे दीपक नहीं जलाने चाहिए. भगवान विष्णु और इनके अवतारों को तुलसी दल जरूर अर्पित करें. भूलकर भी भगवान गणेश और मां दुर्गा को तुलसी अर्पित न करें. तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते हैं.
आटे के दिया जलाने से क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि बजरंग बली के सामने आटे का दीपक जलाने से कर्ज, आर्थिक संकट और शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल सकती है। इसी तरह मां अन्नपूर्णा देवी से भी आटे के दीये जलाकर घर में आर्थिक संकट दूर करने की प्रार्थना की जाती है।
सरसों का दिया जलाने से क्या होता है?
मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ पर लगातार 40 दिनों तक सरसों के तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति को आकस्मिक धन लाभ होता है, और रुका हुआ धन मिलने की संभावना भी बड़ जाती है. सरसों के तेल के दीपक को बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से धन लाभ होता है, और गरीबी दूर होती है.
घर में किसकी पूजा करनी चाहिए?
घर के पूजनस्थल में किन देवी-देवताओं को स्थापित करना चाहिए यह भी वास्तु के लिहाज से आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है।
सुबह सबसे पहले किसकी पूजा करनी चाहिए?
सर्वप्रथम प्रथमपूज्यनीय गणेश की पूजा की जाती है।
दीया में फूल बनने का क्या मतलब होता है?
दीपक में फूल बनने का मतलब है (Deepak me Phool Banana) कि आपकी पूजा आपके इष्ट देव तक पहुंच रही है। आपके ऊपर ईश्वर की असीम कृपा है। ईश्वर किसी ना किसी रूप में आपकी सहायता कर रहे हैं। आप जिस भी देवता को अपना इष्ट देव मानते हैं, वह आपके कार्यों में सहायता कर रहे हैं।
दीया में फूल बनने से क्या होता है?
यानि इस प्रकार दीपक की लो में अगर फूल बनता है तो ये आपकी पूजा आपके ईष्ट तक पहुंचने का संकेत है और उनकी कृपा दृष्टि आपके ऊपर जरुर बनेगी। वो किसी ना किसी रुप में, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपके साथ हैं और आपके कार्यों में आपकी सहायता कर रहे हैं और आपके हर कार्य को बना रहे हैं।
तुलसी के पास कौन सी पांच चीजें नहीं रखनी चाहिए?
तुलसी के आस-पास कभी भी जूते या चप्पल नहीं रखना चाहिए. तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. माना जाता है कि तुलसी के पास जूते-चप्पल रखने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं. तुलसी के गमले में कभी भी शिवलिंग नहीं रखना चाहिए.
तुलसी को रात में क्यों नहीं छूना चाहिए?
रात के समय क्यों न करें तुलसी का स्पर्श
शास्त्रों के अनुसार कभी भी रात के समय तुलसी को छूना नहीं चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है और यदि इस पौधे का स्पर्श रात में किया जाता है तो घर में धन हानि के योग बनते हैं। मान्यता यह भी है कि तुलसी में कभी भी रात के समय जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
तुलसी के पास दीपक जलाने से क्या होता है?
इसके अलावा शाम के वक्त तुलसी के पेड़े का घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होती है। तुलसी को मां लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए तुलसी को प्रसन्न करने से आपके घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है आपको धन की प्राप्ति होती है।
तुलसी में दीपक जलाने से क्या होता है?
तुलसी के सामने दीया जलाने का क्या है धार्मिक महत्व
कार्तिक में शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. देव कृपा से परिपूर्ण कार्तिक के शुभ महीने में ऐसा करने से श्रीहरि और मां लक्ष्मी समेत सभी देवी देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है.
सबसे खराब तेल कौन सा है?
पाम का तेल है नुकसानदायक
द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकशित एक अध्ययन के अनुसार, पाम तेल कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे खराब तेलों में से एक है । इसमें सैचुरेटेड फैट की ज्यादा उपस्थिति, बैड लिपिड या कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है।
कौन कौन से दिन तेल नहीं लगाना चाहिए?
इन दिनों नहीं लगाना चाहिए तेल
जिसके अनुसार, रविवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए. हालांकि, आयुर्वेद षड्विंदु और महाभृंगराज तेल को इन दिनों लगाया जा सकता है. रविवार के दिन तेल लगाने से बुखार हो सकता है. इसी तरह मंगलवार, गुरुवार के दिन तेल लगाना कष्टदायक होता है.
घर के मुख्य द्वार पर दिया जलाने से क्या होता है?
मान्यता है देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी विशेष प्रिय है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक अनिवार्य रूप से जलाया जाता है। रोज शाम के समय मुख्य द्वार के पास दीपक लगाना चाहिए। ये दीपक घर में नकारात्क ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है।
घर में सरसों का दिया जलाने से क्या होता है?
कहा जाता है कि जिस घर में रोज सरसों तेल का दीया जलाया जाता है, वहां पर भगवान शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है। शास्त्र कहता है कि यदि किसी घर में रोज सरसों तेल का दीया जलाया जाता है तो उस घर में वंश की वृद्धि होती है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
घर में पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
- पहली पूजा -ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः 4:30 से 5:00 बजे के बीच
- दूसरी पूजा प्रातः 9 बजे तक
- मध्याह्न पूजा– दोपहर 12 बजे
- संध्या पूजा-शाम को 4:30 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच
- शयन पूजा -रात 9:00 बजे
पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?
पूजा में क्षमा मांगने के लिए बोला जाता है ये मंत्र
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
घर के बाहर दिया क्यों जलाते हैं?
दीपक अंधकार खत्म करता है और प्रकाश फैलाता है। मान्यता है देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी विशेष प्रिय है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक अनिवार्य रूप से जलाया जाता है। रोज शाम के समय मुख्य द्वार के पास दीपक लगाना चाहिए। ये दीपक घर में नकारात्क ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है।
पीने के पानी के स्थान पर दीपक क्यों जलाना चाहिए?
यदि पीने के पानी का स्थान उत्तर या उत्तर-पूर्व में भी है तो भी उचित माना गया है और उस पर भी पितृ के निमित दीपक जलाने से पितृदोष का नाश होता है, क्योंकि पानी में पित्तरों का वास माना गया है और पीने के पानी के स्थान पर उनके नाम का दीपक लगाने से पितृदोष की शांति होती है ऐसी मान्यता है।
दीपक से दीपक क्यों नहीं चलानी चाहिए?
दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए, क्युकी ये सब नहीं होता लेकिन दीपक जलाने से ऊर्जा का संचार होता है। किसी शुभ कार्य में दीपक जलाने से एक नई ऊर्जा और वातावरण शुद्ध हो जाता है ।
तुलसी के पास कौन सी पांच चीजें ना रखें?
तुलसी के आस-पास कभी भी जूते या चप्पल नहीं रखना चाहिए. तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. माना जाता है कि तुलसी के पास जूते-चप्पल रखने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं. तुलसी के गमले में कभी भी शिवलिंग नहीं रखना चाहिए.