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साधु संतों से क्या नहीं पूछना चाहिए?

Solution : साधु से ज्ञान पूछना चाहिए, उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए

कबीर के अनुसार साधु संतों से क्या नहीं पूछना चाहिए?

साधु की जाति इसलिए नहीं पूछनी चाहिए क्योकि हमें उनसे ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। ज्ञानवान मनुष्य तो किसी भी जाति का हो सकता है और उसकी दृष्टि में सभी समान महत्त्व रखते हैं। मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेनेवाले दोष होते हैं।

साधु से उसकी जाति न पूछ कर क्या पूछना चाहिए?

साधु की जाति इसलिए नहीं पूछनी चाहिए क्योकि हमें उनसे ज्ञान प्राप्त करना चाहिए
  • हमें उसके ज्ञान को प्राप्त करने की चेष्टा करनी चाहिए
  • बराबर जाति वाले से ज्ञान प्राप्त करके ही हम ज्ञानवान बन सकते हैं।
  • जाति पूछने से यह ज्ञान नहीं देता।
  • जाति पूछने से यह ज्ञान नहीं देता।

साधु से क्या प्राप्त करना चाहिए?

साधु(सन्यासी) का मूल उद्देश्य समाज का पथप्रदर्शन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष प्राप्त करना है। साधु सन्यासी गण साधना, तपस्या करते हुए वेदोक्त ज्ञान को जगत को देते है और अपने जीवन को त्याग और वैराग्य से जीते हुए ईश्वर भक्ति में विलीन हो जाते है।

हमें साधु जैसा क्यों होना चाहिए?

साधु को संतोषी बनाया गया है क्योंकि भोजन मात्र की प्राप्ति से उसे संतोष मिल जाता है । हमें भी साधु जैसा होना से चाहिएहमें अपनी इच्छाओं को सीमित रखना चाहिए । जब इच्छाएँ हम पर हावी हो जाती हैं तो हमारा मन सदा असंतुष्ट रहता है।

कबीर जी के अनुसार सच्चा साधु कौन है?

कबीर ने सच्चा संत उसे कहा है जो हिंदू-मुसलमान के पक्ष-विपक्ष में न पड़कर इनसे दूर रहता है और दोनों को समान दृष्टि से देखता है, वही सच्चा संत है। उसकी पहचान यह है कि किसी धर्म/संप्रदाय के प्रति कट्टर नहीं होता है और प्रभुभक्ति में लीन रहता है।

संत कबीर के फायदे?

कबीर की वाणी

एक आम आदमी को समाज में आज जो भी समस्याएं या मुश्किलें दिखाई दे रही हैं, उनके बारे में ने बहुत पहले ही विस्तार से चर्चा कर दी थी। साथ ही उसके व्यवहारिक समाधान भी बताए थे। संत कबीर की दिव्य वाणी का प्रकाश आज भी हमें समस्याओं के अंधेरे से निकाल कर समाधान के प्रकाश में ले जाती है।

साधु किसका भूखा होता है?

साधु प्रेम-भाव का भूखा होता है, वह धन का भूखा नहीं होता। जो धन का भूखा होकर लालच में फिरता रहता है, वह सच्चा साधु नहीं होता। निरबैरी निहकांमता, साईं सेती नेह।

सच्चा साधु कौन हो सकता है?

कबीर कहते हैं कि साधु प्रेम-भाव का भूखा होता, वह धन का भूखा नहीं होता। जो धन का भूखा होकर लालच में फिरता है, वह सच्चा साधु नहीं होता। सच्चा संत वही है, जो सहज भाव से विचार करे और आचरण करे। जब उसका मान हो, तब उसे अभिमान न हो और कभी उसका अपमान हो जाए, तो उसे अहंकार नहीं करना चाहिए।

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साधु को क्या नहीं पूछना चाहिए?

साधु से किस प्रकार के प्रश्न नहीं करना चाहिए? उत्तर- साधु-सज्जन व्यक्ति से उसकी जाति नहीं पूछना चाहिए, वरन् उसके ज्ञान को देखना चाहिए। उसके ज्ञान को आत्मसात करना चाहिए

क्या महिला साधु होते हैं?

महिला साधु (साध्वियां) कई संप्रदायों में मौजूद हैं । कई मामलों में, त्याग का जीवन अपनाने वाली महिलाएं विधवा होती हैं, और इस प्रकार की साध्वियां अक्सर तपस्वी यौगिकों में एकांत जीवन व्यतीत करती हैं। साध्वियों को कभी-कभी देवी, या देवी के रूपों या रूपों के रूप में माना जाता है, और उन्हें इस तरह सम्मानित किया जाता है।

कबीर ने किसकी पूजा की?

उन्होंने भगवान के निर्गुण रूप की पूजा की जिसे वे राम, अल्लाह, हरि, सैन, साहिब आदि कई नामों से पुकारते हैं। इसलिए कबीर के बारे में सभी कथन सत्य हैं।

कबीर भगवान कौन है?

कबीर दास (1398-1518) 15वीं शताब्दी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे । उनके लेखन ने हिंदू धर्म के भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया, और उनके छंद सिख धर्म के ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब, संत गरीब दास के सतगुरु ग्रंथ साहिब और कबीर सागर में पाए जाते हैं।

कबीर जी का मूल मंत्र?

‘ॐ पवित्राय नम:,पवित्राय नम:’ का जप करते पंडित जी और ‘लाहौल-विला-कूवत, कमबख्त (कबीर) ने बड़ा खराबा किया था’ कह कर लानत भेजते मौलवी साहब तो मेरे तसव्वुर में अपना पूरापन समेटे बड़ी शान से रक्स कर रहे हैं। श्रुतियाँ, स्मृतियाँ और वृत्तियाँ सब चूक गईं हैं।

कबीर दास जी किसके अवतार थे?

सबसे पहले जवाब दिया गया: कबिर साहेब किसका अवतार है? कबीर जी किसी का अवतार नही, एक भगत, संत है, भक्ति कर के एक साधारण व्यक्ति हो कर भगवान को प्राप्त किये हैं,!!

साधु से हमें क्या नहीं पूछनी चाहिए?

Solution : साधु से ज्ञान पूछना चाहिए, उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए

साधु व्यक्ति से क्या पूछना चाहिए?

Solution : साधु से ज्ञान पूछना चाहिए, उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए

2 साधु पुरुष कैसा होना चाहिए क्यों?

उसको दुनिया और दुनियादारी से कोई मोह ना हो। मन मे तनिक भी धन का लालच नही होना चाहिये। जीवन भर सादे रहने का वचन ले। हम अगर जितने भी बड़े साधु या सन्यासी क्यो ना बन जाए,,,, हमे अपने से बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिये और अपने माता पिता की सेवा करना चाहिये,,, यही एक सच्चे साधु की पहचान होता है।

साधु से क्या नहीं पूछना चाहिए और लेना चाहिए?

Solution : साधु से ज्ञान पूछना चाहिए, उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए

कबीर जी भगवान है या नहीं?

कबीर जी स्वयं भगवान नहीं अपितु वे जिस निराकार की भक्ति करते थे वह भगवान है ।

कबीर के अनुसार भगवान?

कबीर के अनुसार भगवान का वास शरीर में ही था । किंतु भगवान क’ वास शरीर में नहीं होता है । वह युग में किसी एक शरीर के माध्यम से अवतरित होता है.।
  • वेद में उसे “जगतप्रसवकर्ता” अर्थात संसार को पैदा करनेवाला कहा गया है। …

कबीर ने ईश्वर को सबसे?

साखियाँ एवं सबद

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कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस’ में क्यों कहा है? ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में’ से कवि का तात्पर्य यह है कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त हैं, सभी मनुष्यों के अंदर हैं। जब तक मनुष्य की साँस (जीवन) है तब तक ईश्वर उनकी आत्मा में हैं। तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक ही है?

Solution : कबीर के पद पद के साथ: उत्तर: कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। इसके समर्थन में उन्होंने निम्न तर्क दिए हैं – <br> • कबीर के अनुसार जिस प्रकार विश्व में एक ही वायु और जल है, उसी प्रकार संपूर्ण संसार में <br> एक ही परम ज्योति व्याप्त है। <br> • सभी मानव एक ही मिट्टी से अर्थात् ब्रम्ह द्वारा निर्मित हैं।

महा मंत्र कौन सा है?

सभी हिन्दू शास्त्रों में लिखा है कि मंत्रों का मंत्र महामंत्र है गायत्री मंत्र। यह प्रथम इसलिए कि विश्व की प्रथम पुस्तक ऋग्वेद की शुरुआत ही इस मंत्र से होती है। माना जाता है कि भृगु ऋषि ने इस मंत्र की रचना की है। यह मंत्र इस प्रकार है- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

क्या कबीर सिंह असली है?

1984 में पोर्टलैंड, ओरेगन में रूढ़िवादी भारतीय माता-पिता के घर पैदा हुए , कबीर सिंह को कम उम्र में ही एहसास हो गया था कि स्कूल में दोस्त बनाना आसान नहीं होगा। सौभाग्य से कबीर के लिए, वह जल्द ही ओरेगन में सबसे मजेदार भारतीय बच्चे के रूप में जाना जाने लगा – ओरेगन में वह एकमात्र भारतीय बच्चा था, यह देखते हुए बहुत मुश्किल नहीं था।

कबीर ने किस भगवान की पूजा की थी?

उन्होंने भगवान के निर्गुण रूप की पूजा की जिसे वे राम, अल्लाह, हरि, सैन, साहिब आदि कई नामों से पुकारते हैं। इसलिए कबीर के बारे में सभी कथन सत्य हैं।

कबीर दास जी ने सबसे बड़ा पाप किसे कहा है?

अर्थात कबीर कहते हैं कि इस संसार में सच्चाई के मार्ग पर चलने से बड़ा कोई तप नहीं है, यानि जो सत्य के मार्ग पर चलता है वह ही सच्चा तपस्वी है। इस संसार में झूठ बोलने से बड़ा कोई पाप नहीं, झूठ बोलने वाला व्यक्ति महापापी होता है।

गाली के बदले गाली देने से क्या होता है?

Answer: कबीर ने गालियों के संबंध में कहा कि यदि कोई व्यक्ति एक गाली देता है तो दूसरा कई गाली देकर उत्तर देता है। इस प्रकार गालियों का सिलसिला चल पड़ता है।

संत पुरुषों से क्या नहीं पूछना चाहिए *?

Solution : साधु से ज्ञान पूछना चाहिए, उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए

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पूर्ण भगवान कौन है?

पूर्ण परमात्मा सच्चिदानंद ,स्वरूप, निराकार सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु ,अजन्मा अनंत, निर्विकार, अनादि ,अनुपम,सर्वआधार सर्वेश्वर ,सर्वव्यापक ,सर्वांतर्यामी ,अजर अमर, अभय, नित्य ,पवित्र और सृष्टि करता है ,सृष्टि का पालन करता है, समय आने पर संघार भी करता है।

ईश्वर का वास कहाँ होता है?

संसार के कण-कण में ईश्वर का वास है। हर जीव, पेड़-पौधे में परमपिता परमेश्वर का अंश है।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूंढते है?

मनुष्य ईश्वर को देवालय (मंदिर), मस्जिद, काबा तथा कैलाश में ढूँढता फिरता है।

मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति कब होती है?

जब तक मनुष्य की साँस (जीवन) है तब तक ईश्वर उनकी आत्मा में हैं।

सर्वोच्च भगवान कबीर या कृष्ण कौन है?

कबीर सर्वोच्च देवता हैं। कृष्ण अमर देवता नहीं हैं।

सुबह उठने के बाद कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

“कराग्रे वसते लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंदः, प्रभाते कर दर्शनम्‌‌।।” और मूल भाग में भगवान गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है, मैं अपनी हथेलियों में इनका दर्शन करता/करती हूं।

शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

कबीर दास हिंदू थे या मुसलमान?

अर्थात्, कबीरहिन्दू थे, न मुसलमान थे, न जुलाहा थे, उनकी पहचान यह थी कि वे दलित थे और दलित धर्म को मानते थे

कबीर सिंह की नौकरानी कौन है?

यह अदाकारा कोई और नहीं बल्कि वनिता खरात (Vanita Kharat) है। जिन्होंने कबीर सिंह फिल्म में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की नौकरानी का किरदार निभाया था।

कबीर ने किसे ईश्वर?

कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है। उनके अनुसार ईश्वर न मंदिर में है, न मस्जिद में; न काबा में हैं, न कैलाश आदि तीर्थ यात्रा में; वह न कर्म करने में मिलता है, न योग साधना से, न वैरागी बनने से। ये सब उपरी दिखावे हैं, ढोंग हैं। इनमें मन लगाना व्यर्थ है।

कबीर दास जी के मंत्र?

इस पर कबीर दास जी उठ खड़े हुए और कहा कि यह शब्द ‘राम राम’ ही मेरा गुरुमंत्र है और आप मेरे गुरु हैं। राम नाम के मंत्र ने ही कबीरदास को संत कबीर में बना दिया। आगे चलकर संत कबीर ने अपनी रचनाओं में राम के साथ रहीम को जोड़कर भक्ति मार्ग की विशिष्ट व्याख्या की। यही वजह है कि कबीर दास को किसी एक धर्म का नहीं माना जाता।

पुलिस अगर गाली दे तो क्या करना चाहिए?

अगर कोई ऑफ़िसर अपनी पावर्स का गलत यूज़ करता है और किसी व्यक्ति को अपनी पावर के रौब में गाली देता है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है, तो इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 197 के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट से परमिशन लेकर इंटरफेयर किया जा सकता है। बल्कि जरूरत पड़ने पर उस पुलिस ऑफ़िसर के अगेंस्ट के सभी किया जा सकता है।