सती प्रथा में पति की मृत्यु के बाद पत्नी को भी चिता पर बिठा दिया जाता था. उसे भी अपने प्राण त्यागने के लिए विवश किया जाता था. 2 सती प्रथा में पति की मृत्यु के बाद पत्नी को भी चिता पर बिठा दिया जाता था. उसे भी अपने प्राण त्यागने के लिए विवश किया जाता था.
सती प्रथा क्या है class 8?
क्या थी सती प्रथा? यह एक ऐसी प्रथा थी जिसमें पति की मौत होने पर पति की चिता के साथ ही उसकी विधवा को भी जला दिया जाता था। कई बार तो इसके लिए विधवा की रजामंदी होती थी तो कभी-कभी उनको ऐसा करने के लिए जबरन मजबूर किया जाता था। पति की चिता के साथ जलने वाली महिला को सती कहा जाता था जिसका मतलब होता है पवित्र महिला।
सती प्रथा की शुरुआत कब हुई थी?
सती प्रथा कब शुरू हुई थी? भारतीय इतिहास में सती प्रथा होने के पहले प्रमाण गुप्तकाल में 510 ईसवी के आसपास मिलते हैं जब महाराजा भानुप्रताप के साथ युद्ध में गोपराज भी थे. गोपराज की युद्ध में मृत्यु हो जाने के बाद उनकी पत्नी ने अपने प्राण त्याग दिये.
सती प्रथा से आप क्या समझते हैं?
सती प्रथा में जीवित विधवा पत्नी को मृत पति की चिता पर ज़िंदा ही जला दिया जाता था। सती प्रथा का पहला अभिलेखीय साक्ष्य 510 ई. एरण अभिलेख में मिलता है।
सती प्रथा का अंत कब और किसने किया?
महिलाओं पर हो रहे इस अत्याचार के खिलाफ ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राम मोहन राय ने आवाज उठाई। उन्हीं के प्रयासों से 4 दिसंबर, 1829 को ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में सती प्रथा पर रोक लगाई गई।
भारत की अंतिम सती कौन थी?
उन्होंने 39 लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था. इन सब पर आरोप था कि दिवराला गांव में इकट्ठा होकर सती प्रथा का महिमामंडन किया. बता दें कि राजस्थान में सती प्रथा की परंपरा थी. आजादी के बाद राज्य में सती होने की 29 घटनाएं हुई थीं, जिसमें रूप कंवर आखिरी सती थी.
क्या भारत में अभी भी सती होती है?
सती नामक प्राचीन हिंदू परंपरा, जिसमें एक विधवा अपने पति की चिता पर खुद को फेंक देती थी और जलकर मर जाती थी, शुरू में एक स्वैच्छिक कार्य था जिसे साहसी और वीर माना जाता था, लेकिन बाद में यह एक मजबूर प्रथा बन गई। हालाँकि सती को अब पूरे भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है , लेकिन इसका एक काला इतिहास है।
सती पूर्व जन्म में कौन थी?
आदि शक्ति माता जगदम्बा ने हिमालय पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लेने से पहले पूर्वजन्म में दक्षपुत्री सती के रूप में जन्म लेकर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था।
सती किसकी पत्नी है?
सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी। इनकी उत्पत्ति तथा अंत की कथा विभिन्न पुराणों में विभिन्न रूपों में उपलब्ध होती है।
स्त्री प्रथा क्या है?
क्या थी सती प्रथा? यह एक ऐसी प्रथा थी जिसमें पति की मौत होने पर पति की चिता के साथ ही उसकी विधवा को भी जला दिया जाता था। कई बार तो इसके लिए विधवा की रजामंदी होती थी तो कभी-कभी उनको ऐसा करने के लिए जबरन मजबूर किया जाता था। पति की चिता के साथ जलने वाली महिला को सती कहा जाता था जिसका मतलब होता है पवित्र महिला।
सती का पति कौन था?
सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी।
माता सती के अंग कहाँ कहाँ गिरे?
प्रभास, जूनागढ़ जिला, गुजरात में देवी सती का आमाशय गिरा था और यहां वे चंद्रभागा के नाम से पूजी जाती हैं. भैरव पर्वत पर क्षिप्रा नदी के किनारे उज्जयिनी, मध्य प्रदेश में देवी के ऊपरी होंठ गिरे थे यहां वे अवंति नाम से जानी जाती हैं. जनस्थान, नासिक, महाराष्ट्र में देवी की ठोड़ी गिरी और देवी भ्रामरी रूप में स्थापित हुईं.
शिवलिंग शिव जी का कौन सा अंग है?
क्योंकि इस उत्तर दिशा में भगवान शिव जी का बाया अंग होता है और शक्ति रूपा देवी उमा/पार्वती जी का स्थान होता है। शिवलिंग को शिवलिंग क्यों कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंलिंग रूप में इन्हें समस्त ब्रह्मांड में पूजा जाता है क्योंकि वो समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं. इसलिए शिव मूर्ति और लिंग दोनों रूप में पूजे जाते हैं.
भगवान शिव की 5 पुत्री का नाम क्या है?
भगवान शिव की इन नाग कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि है। भगवान शिव ने अपनी पुत्रियों के बारे में बताते हुए कहा कि जो भी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन इन नाग कन्याओं की पूजा करेगा, उनके परिवार को सर्पदंश का भय नहीं रहेगा।
खुद कटी प्रथा क्या है?
खुंटकट्टी प्रणाली क्या है? (What is Khuntkatti System?)
‘खुंटकट्टी’ प्रणाली आदिवासी लोगों द्वारा भूमि का संयुक्त स्वामित्व है। इस प्रणाली के तहत, मुंडा आदिवासी आमतौर पर जंगलों को साफ करते हैं और भूमि को खेती के लिए उपयुक्त बनाते हैं। खेती योग्य भूमि पर पूरे कबीले का स्वामित्व होता है न कि किसी व्यक्ति विशेष का।
हिंदू धर्म स्त्री के बारे में क्या कहता है?
वेद महिलाओं को उच्च सम्मान में रखते हैं और उन्हें धर्म पत्नी (जीवन के सही आचरण को बढ़ावा देने और संरक्षित करने वाली) के रूप में संबोधित करते हैं । परंपरागत रूप से हिंदू धर्म में, परिवार की धार्मिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने सहित एक महिला की भूमिका को पारिवारिक जीवन का समर्थन करने के रूप में देखा गया है।
क्या वैष्णोदेवी मंदिर एक शक्ति पीठ है?
मंदिर दुर्गा को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक है , जिन्हें वैष्णो देवी के रूप में पूजा जाता है। यह भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थस्थलों में से एक है।
शिव जी की मृत्यु कैसे हुई?
शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है यानि इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं. शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं.
जन्म से ही कोई स्त्री स्त्री नहीं होती है उसे स्त्री बनाया जाता है यह कथन किसका है?
नारीवादी लेखिका सिमोन द बोउवार का एक बेहद प्रसिद्ध कथन है, “स्त्री पैदा नहीं होती, बनाई जाती है।” उनके अनुसार परिवार और समाज के द्वारा ही एक बच्चे में स्त्री होने के गुण भरे जाते हैं।
भगवान ने स्त्री को क्यों बनाया?
भगवान ने जवाब दिया- क्या तुमने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं। यह हर प्रकार की परिस्थितियों को संभाल सकती है। यह एकसाथ अपने सभी बच्चों को संभाल सकती है एवं खुश रख सकती है। यह अपने प्यार से घुटनों की खरोंच से लेकर टूटे दिल के घाव भी भर सकती है।
भगवान शिव की उम्र कितनी है?
शिव जी की आयु विष्णु जी की आयु से 7 गुना होती है। इसमें शिव जी का एक दिन 1000 चतुर्युग का होता है और रात्रि भी 1000 चतुर्युग की होती है। मतलब की शिव जी की आयु 504000000 × 7 = 3528000000 (तीन अरब बावन करोड़ अस्सी लाख) चतुर्युग की होती है।