जो भक्त निष्पक्ष भाव से ईश्वर की आराधना करता है, संसार में वही सच्चा संत कहलाता है।
सच्चा संत कौन है?
सच्चे संत की पहचान हिंदू धर्म के पवित्र शास्त्रों में भी बताई गई है कि जो सच्चा संत होगा उसे सभी पवित्र ग्रंथों का पूरा ज्ञान होगा और वह तीन प्रकार के मंत्रों (नामों) का तीन बार जाप करेगा ।
मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढता है?
मनुष्य ईश्वर को देवालय (मंदिर), मस्जिद, काबा तथा कैलाश में ढूँढता फिरता है।
कबीर दास जी ने सच्चे प्रेम की क्या कसौटी बताई है?
कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसोटी बताई है? उत्तर: कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसौटी यह है कि उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं।
किसी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों के आधार पर क्यों करनी चाहिए?
मनुष्य के गुणों की पहचान उनके कर्म से होती है। अपने कर्म के माध्यम से ही हम समाज मे प्रतिष्ठित होते हैं। कुल तथा जाति द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा अस्थाई होती है।
भारत का सबसे बड़ा संत कौन है?
स्वामी अवधेशानंद गिरि जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, उन्हें जूना अखाड़े का प्रथम पुरुष मान जाता है। जूना अखाड़ा भारत में नागा साधुओं का बहुत पुराना और बड़ा समूह है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने लगभग दस लाख नागा साधुओं को दीक्षा दी है और वे उनके पहले गुरु हैं। इनका आश्रम कनखल, हरिद्वार में है।
पूरी दुनिया में सच्चा गुरु कौन है?
उत्तर:- कबीर परमात्मा ही पूर्ण संत, पूर्ण गुरु हैं। सतगुरु के…”
भगवान ने मनुष्य को किस चीज से बनाया है?
यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया, और आदम जीवता प्राणी बन गया। यहोवा परमेश्वर ने पूर्व में अदन देश में एक वाटिका लगाई थी; और वहाँ उस मनुष्य को रखा जिसे उसने रचा था।
ईश्वर को कहाँ प्राप्त किया जा सकता है?
उन्होंने कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने का सबसे उत्तम और सरल उपाय प्रेम ही है। प्रेम भक्ति का प्राण भी होता है। प्रेम के बिना इंसान चाहे कितना ही जप, तप, दान कर ले, ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता है।
सच्चे प्रेमी की क्या विशेषता है?
उत्तर:- कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी बताते हुए यह बताया है कि सच्चा प्रेमी अर्थात् जो ईश्वर को ही अपना प्रेमी समझकर उसे पाने का प्रयास करता है। सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उसे मोह और संसार के बंधन भी नहीं बाँध सकते।
अच्छे कर्मों का फल कब मिलता है?
जो कर्म ज्यादा होते हैं उसे बाद में तथा जो कम होते है उसे पहले भोगने को मिलता है। वैसे इसका कोई एक ही पैमाना ना होकर परिस्थिति तथा दैवी कृपा से निर्धारण होते देखा या सुना गया है। यदि अच्छे कर्म ज्यादा हैं तो बुरे कर्मों का फल इसी जन्म में तथा अच्छे का फल अगले जन्म में या इसी जन्म के बाद के दिनों में भोगने को मिलता है।
सबसे बड़ा म * * * * * * कौन है?
परिणाम डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी को ‘सबसे महान भारतीय’ के रूप में की मंजूरी दे दी है।
पूरे पृथ्वी पर असली संत कौन है?
उत्तर:- कबीर परमात्मा ही पूर्ण संत, पूर्ण गुरु हैं। सतगुरु के…”
मनुष्य के जीवन में कितने गुरु होते हैं?
स्वामी नारदानंद जी महाराज सरस्वती संत शिरोमणि गोस्वामी श्री तुलसीदास जी लिखते हैं : पर उपकार वचन मन काया।
कलयुग में सच्चा संत कौन है?
विज्ञान, भगवान को नही मानता, क्योंकि उन्हें सिद्ध करने के लिए कि, भगवान है, उनके पास कोई सबूत नही है, किन्तु हमे लगता है कि, कुछ वैज्ञानिक तो भगवान को मानते होंगे जो आस्तिक होंगें। मानने का क्या है !
गूगल क्या साइंस भगवान को मानता है?
तुलसीदासजी प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त थे। उनकी भगवान दर्शन की कहानी भी अजीब है। तुलसीदासजी जब चित्रकूट में रहते थे तब जंगल में शौच करने जाते थे और शौच का जल जो शेष रह जाता था उसे एक शमी के वृक्ष के ऊपर डाल देते थे। जिस शमी के वृक्ष के ऊपर जल डालते उसके ऊपर एक प्रेत रहता था।
क्या किसी ने भगवान को देखा है?
विज्ञान, भगवान को नही मानता, क्योंकि उन्हें सिद्ध करने के लिए कि, भगवान है, उनके पास कोई सबूत नही है, किन्तु हमे लगता है कि, कुछ वैज्ञानिक तो भगवान को मानते होंगे जो आस्तिक होंगें। मानने का क्या है !
दुनिया का सबसे बड़ा ईश्वर कौन है?
सत्य यह है कि एक ही सच्चा ईश्वर है जिसने आकाश और पृथ्वी को बनाया और केवल मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया। जी हां! ईश्वर हम से प्रेम करते हैं और केवल मनुष्य को ही उसने अपने स्वरूप में रचा है। इसलिए हमारा स्वभाव जानवरों, पक्षियों, पेड़ पौधों जैसा नहीं है क्योंकि हम परमेश्वर के स्वरूप में रचे गए हैं।
मैं एक अच्छा प्रेमी कैसे बन सकता हूं?
कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसोटी बताई है? उत्तर: कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसौटी यह है कि उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं।
दो सच्चे प्रेमी मिलने से क्या होता है?
यहोवा परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूंक दिया, और आदम जीवता प्राणी बन गया। यहोवा परमेश्वर ने पूर्व में अदन देश में एक वाटिका लगाई थी; और वहाँ उस मनुष्य को रखा जिसे उसने रचा था।
क्या मनुष्य को गुरु बनाना जरूरी है?
उत्तर:- कबीर परमात्मा ही पूर्ण संत, पूर्ण गुरु हैं। सतगुरु के…”
संसार के गुरु कौन है?
उत्तर:- कबीर परमात्मा ही पूर्ण संत, पूर्ण गुरु हैं। सतगुरु के…”
भगवान कहाँ है?
गंगाजल का खराब ना होना
गंगा में स्नान करने और पूजा अर्चना करने से कई पापों से मुक्ति मिलती है । वैज्ञानिक भी इस बात को मानते है गंगाजल में कई प्रकार के औषधिये गुण पाए जाते हैं । इसमें नहाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाता है इससे यह सिद्ध होता है कि यह भगवान के होने का सबूत है ।
भगवान होने का क्या सबूत है?
शिव ही महाकाल हैं, उन्हे देवों के देव महादेव के नाम से जाना जाता हैं. शिव ही सृष्टि के निर्माता हैं और शिव की सृष्टि का नाश करते हैं. शिव ऐसी शक्ति हैं जिनसे बाकी देवी देताओं की उत्पति हुई हैं. इसीलिए यह कहा जा सकता हैं कि शिव शकंर ही सबसे बड़े भगवान हैं.
भगवान से बड़ा कौन है?
अगर आपको रात में नींद के दौरान बार-बार सपने आते हैं और सपनों में मंदिर, भगवान की मूर्ति या फोटो दिखाई देती हैं तो इसका मतलब है कि आप पर भगवान की कृपा बनी हुई है। कई बार ऐसा होता है कि आप किसी चीज को लेने के लिए आगे बढ़ते हैं, लेकिन लेते वक्त आपके मन में उसे लेकर कुछ संशय आ जाता है।
हमें कैसे पता चलेगा कि भगवान हमारे साथ है?
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान बैकुंठ,और स्वर्ग आदि लोकों में रहते हैं। इस्लाम धर्म के अनुसार भगवान यानी अल्लाह जन्नत, मक्का-मदीना, और मस्जिद में रहते हैं। इसी तरह अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग स्थानों का जिक्र है। कुछ लोग उन्हें ढूंढने मंदिर जाते हैं, तो कुछ उन्हें ढूंढनेेेेे मस्जिद जाते हैं।
भगवान शिव कहां रहते हैं?
इन्द्र को सर्वोच्च देवता शंकर भी कहा जाता है , 33 में से पहला है, उसके बाद अग्नि है।
हिंदू धर्म में सबसे अच्छा भगवान कौन है?
जी, भगवान सच में होते हैं। सभी धर्मों के पवित्र शास्त्र प्रमाणित करते है की भगवान ब्रह्मा, विष्णु या शिव जी या ईसा मसीह नही है बल्कि कबीर साहेब हैं जो साकार है निराकार नहीं। जरा सोचिए भगवान नही है तो यह सब ग्रह, सृष्टि कैसे चलती है। अगर भगवान न होते तो आज सब जगह हाहाकार मच रही होती।
गूगल क्या भगवान होते हैं कि नहीं?
यहोवा, इस्राएलियों के परमेश्वर का नाम, “YHWH” के बाइबिल उच्चारण का प्रतिनिधित्व करता है, इब्रानी नाम निर्गमन की पुस्तक में मूसा को प्रकट किया गया था। योद, हेह, वाव और हेह व्यंजनों के अनुक्रम से मिलकर YHWH नाम को टेट्राग्रामेटन के रूप में जाना जाता है।
भगवान का पहला नाम क्या है?
कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसोटी बताई है? उत्तर: कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसौटी यह है कि उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं।
प्यार करने वाले को कैसे पहचाने?
सच्चे प्रेमी कभी अपने साथी को लेकर असुरक्षा की भावना से ग्रस्त नहीं होते और उन्हें आजादी देते हैं। अपने साथी को जीवन में आगे बढ़ने की आजादी। अपने साथी के पंखों को वे कभी काटने का प्रयास नहीं करते हैं। प्यार के लिए हमेशा ही साथ रहना भी जरूरी नहीं, सच्चे प्रेमी का प्यार दूरियों में भी बरकरार रहता है।
प्रेमी की पहचान कैसे करें?
नौकर, जो अनपढ़ है, फिर पासिंग रोमियो और बेनवोलियो से इसे पढ़ने में मदद मांगता है। यह महसूस करते हुए कि रोज़लीन- रोमियो के एकतरफा प्यार की वस्तु- सूची में है, रोमियो और बेनवोलियो पार्टी में शामिल होने की योजना बनाते हैं, भले ही वह दुश्मन के घर में हो।
नौकर रोमियो से क्या करने को कहता है?
अच्छे कर्म वो होते हैं जिनको करने के बाद आपको न तो भय लगता है और रात को चैन और आनंद की नींद आती है ।
मनुष्य के अच्छे कर्म क्या है?
१. संचित कर्म २. प्रारब्ध कर्म और ३. क्रियमाण कर्म।
अच्छे कर्म कितने होते हैं?
अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के कर्मों का फल मिलता है। यदि मानव अच्छे कर्म करता है तो वह इस जन्म के साथ अगले जन्म में भी सुख भोगेगा लेकिन बुरे कर्म करेगा और जीवों की हिंसा, दूसरों को परेशान करेगा तो उसे अगले भव में नरक या तिरमन्स गति मिलेगी। मानव को यदि सुख पाना है तो वह अच्छे कर्म करे तथा बुरे कर्मों को करने से बचे।
मनुष्य को कौन सा कर्म करना चाहिए?
अच्छे कर्म वो होते हैं जिनको करने के बाद आपको न तो भय लगता है और रात को चैन और आनंद की नींद आती है ।
अच्छे कर्म कैसे करते हैं?
विज्ञान, भगवान को नही मानता, क्योंकि उन्हें सिद्ध करने के लिए कि, भगवान है, उनके पास कोई सबूत नही है, किन्तु हमे लगता है कि, कुछ वैज्ञानिक तो भगवान को मानते होंगे जो आस्तिक होंगें। मानने का क्या है !
बाइबिल में भगवान कौन है?
ईसाई धर्म में ईश्वर को शाश्वत, सर्वोच्च प्राणी माना जाता है जिसने सभी चीजों का निर्माण और संरक्षण किया है । ईसाई भगवान की एक एकेश्वरवादी अवधारणा में विश्वास करते हैं, जो दोनों पारलौकिक है (पूर्ण रूप से स्वतंत्र है, और भौतिक ब्रह्मांड से हटा दिया गया है) और आसन्न (भौतिक ब्रह्मांड में शामिल)।
कौन सा देश जो भगवान को नहीं मानता?
मध्य और पूर्वी यूरोपीय पड़ोसी देशों के विपरीत यूरोप महाद्वीप में बसे चेक गणराज्य के लोग ईश्वर में विश्वास नहीं रखते। प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के मुताबिक 18 देशों में किये गये प्रयोग से यह पता चला है कि चेक गणराज्य के लोग ईश्वर में यकीन नहीं रखते यानि वो पूरी तरह नास्तिक होते हैं।
असली भगवान कौन है?
ईश्वर की कल्पना या तो व्यक्तिगत या अवैयक्तिक के रूप में की गई है। आस्तिकता में, ईश्वर ब्रह्मांड का निर्माता और निर्वाहक है , जबकि ईश्वरवाद में, ईश्वर सृष्टिकर्ता है, लेकिन ब्रह्मांड का निर्वाहक नहीं है। सर्वेश्वरवाद में, ईश्वर स्वयं ब्रह्मांड है, जबकि सर्वेश्वरवाद में, ब्रह्मांड ईश्वर का हिस्सा (लेकिन संपूर्ण नहीं) है।
भगवान क्या खाता है?
सनातन धर्म की मान्यता है कि भगवान खाते-पीते नहीं हैं। ‘न वै देवा: तु खादन्ति, न पिबन्ति जलं फलम्।