शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयम्भू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं।
वेदों के अनुसार शिवलिंग क्या है?
शिवलिंग ही ब्रह्मांड हैं और शिव का आदि-अनादी रूप
वेद शास्त्रों में शिवलिंग का अर्थ बताया गया है परम कल्याणकारी शुभ सृजन ज्योति, संपूर्ण ब्रह्मांड और हमारा शरीर इसी प्रकार है । भृकुटी के बीच स्थित हमारी आत्मा या कहें कि हम स्वयं भी इसी तरह हैं बिंदु रूप ।
शिवलिंग किसका प्रतीक है?
शिवलिंग का अर्थ इस तरह होता है शिव का प्रतीक. बिलकुल ठीक ऐसे ही हिंदी व्याकरण में में पुर्लिंग कर अर्थ हो जाता है पुरुष का प्रतीक और स्त्रीलिंग का अर्थ होता है स्त्री का प्रतीक.
शिवलिंग के नीचे क्या होता है?
ये तीन भाग ब्रह्मा (नीचे), विष्णु (मध्य) और शिव (शीर्ष) का प्रतीक हैं. शीर्ष पर जल डाला जाता है, जो नीचे बैठक से बहते हुए बनाए एक मार्ग से निकल जाता है. शिव के माथे पर तीन रेखाएं (त्रिपुंड) और एक बिंदू होता है, ये रेखाएं शिवलिंग पर समान रूप से अंकित होती हैं.
शिवलिंग का वास्तविक अर्थ क्या है?
"संकेत, प्रतीक या चिह्न"), जिसे कभी-कभी लिंग या शिव लिंग के रूप में संदर्भित किया जाता है, शैववाद में हिंदू भगवान शिव का एक सार या अलौकिक प्रतिनिधित्व है। यह आमतौर पर शिव को समर्पित हिंदू मंदिरों में प्राथमिक मूर्ति या भक्ति छवि है, जो छोटे मंदिरों में या स्वयं प्रकट प्राकृतिक वस्तुओं के रूप में भी पाई जाती है।
शिवलिंग में योनि क्या है?
योनी, (संस्कृत: “निवास,” “स्रोत,” “गर्भ,” या “योनि”) हिंदू धर्म में, देवी शक्ति का प्रतीक, स्त्री जनन शक्ति और, एक देवी के रूप में, शिव की पत्नी । शैव धर्म में, भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित हिंदू धर्म की शाखा, योनी को अक्सर लिंगम से जोड़ा जाता है, जो शिव का प्रतीक है।
शिवलिंग टूट जाए तो क्या होता है?
शास्त्रों में बताया गया है कि अगर शिवलिंग खंडित हो जाता है तो उसे खंडित नहीं माना जाता। वह कितनी बार भी खंडित हो जाए, उसकी पवित्रता हमेशा बनी रहती है और पूजनीय माना जाता है। शिवलिंग किसी भी स्थान से टूट जाए, उसे बदलने की परंपरा नहीं है। क्योंकि भगवान शिव ब्रह्मरूप होने के साथ-साथ निराकार भी है।
महिलाओं को शिवलिंग को छूने की अनुमति क्यों नहीं है?
इसका कारण यह है कि भगवान शिव को सबसे अच्छा पति माना जाता है और लड़कियां उनसे अपने लिए उनके जैसा पति मांगती हैं। लिंग पुराणम के अनुसार, सभी पुरुष भगवान शिव के अंश हैं और सभी लड़कियां पार्वती के अंश हैं। इसलिए भले ही लड़कियों को शिवलिंग को छूने की मनाही है, लेकिन इसमें जल चढ़ाने की कोई मनाही नहीं है।
भोलेनाथ की बेटी का नाम क्या है?
पद्म पुराण में भी शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का जिक्र किया गया है. माना जाता है कि देवी पार्वती अपने अकेलेपन और उदासी से मुक्ति पाने के लिए कल्प वृक्ष से पुत्री की कामना की जिससे एक सुंदर सी पुत्री का जन्म हुआ. इसलिए उसका नाम अशोक सुंदरी रखा गया.
मृत्यु की देवी कौन है?
मां काली मृत्यु की देवी भी मानी जाती हैं।
स्त्री को किसकी पूजा करनी चाहिए?
महिलाओं को शिव की पूजा मूर्ति रूप में करनी चाहिए.
शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से क्या लाभ होता है?
इसका कारण यह है कि भगवान शिव को सबसे अच्छा पति माना जाता है और लड़कियां उनसे अपने लिए उनके जैसा पति मांगती हैं। लिंग पुराणम के अनुसार, सभी पुरुष भगवान शिव के अंश हैं और सभी लड़कियां पार्वती के अंश हैं। इसलिए भले ही लड़कियों को शिवलिंग को छूने की मनाही है, लेकिन इसमें जल चढ़ाने की कोई मनाही नहीं है।
कौन सा शिवलिंग घर में नहीं रखना चाहिए?
शिवलिंग पर रोजाना चावल के 5 दाने चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं एवं अपने भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शिवलिंग पर नियम से अक्षत (भगवान पर अक्षत चढ़ाने का मंत्र) चढ़ाता है उसे धन लाभ होता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
घर में कभी भी बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिए. शास्त्रों में अंगूठे के ऊपर वाले पोर से बड़ा शिवलिंग घर में कभी नहीं रखना चाहिए. शिवपुराण में वर्णित है कि घर में एक से अधिक शिवलिंग नहीं होना चाहिए. अगर आपके भी घर में एक से ज्यादा शिवलिंग है तो उसे तुरंत हटा दें.
क्या तुलसी के पास शिवलिंग रख सकते हैं?
महिलाओं को शिव की पूजा मूर्ति रूप में करनी चाहिए.
क्या हम घर पर लिंगम रख सकते हैं?
तुलसी के पास न रखें शिवलिंग
कई लोग तुलसी के गमले में शिवलिंग रख देते हैं और वहीं तुलसी और शिवलिंग का पूजन करते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार कभी ही तुलसी के पौधे में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। दरअसल तुलसी का पूर्व जन्म में नाम वृंदा था और वह जालंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी थी।
शिव के कितने बच्चे हैं?
शिवलिंग पर रोजाना चावल के 5 दाने चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं एवं अपने भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शिवलिंग पर नियम से अक्षत (भगवान पर अक्षत चढ़ाने का मंत्र) चढ़ाता है उसे धन लाभ होता है।
पूजा घर में क्या नहीं करना चाहिए?
इसका कारण यह है कि भगवान शिव को सबसे अच्छा पति माना जाता है और लड़कियां उनसे अपने लिए उनके जैसा पति मांगती हैं। लिंग पुराणम के अनुसार, सभी पुरुष भगवान शिव के अंश हैं और सभी लड़कियां पार्वती के अंश हैं। इसलिए भले ही लड़कियों को शिवलिंग को छूने की मनाही है, लेकिन इसमें जल चढ़ाने की कोई मनाही नहीं है।
लिंगम कैसे लगाते हैं?
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कभी भी एक ही देवी-देवता की अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. वास्तु में इसे अशुभ माना गया है. इसके अलावा मंदिर में कभी भी रौद्र रूप वाली मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए. ऐसी तस्वीर या मूर्ति रखने से अनिष्ट होता है.
शिव जी को कौन सा रंग पसंद है?
तुलसी के पास न रखें शिवलिंग
कई लोग तुलसी के गमले में शिवलिंग रख देते हैं और वहीं तुलसी और शिवलिंग का पूजन करते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार कभी ही तुलसी के पौधे में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। दरअसल तुलसी का पूर्व जन्म में नाम वृंदा था और वह जालंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी थी।
शिव जी का प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए?
धर्म शास्त्रों के मुताबिक हरा रंग भोलेनाथ का प्रिय रंग होता है। ऐसे में सिर्फ सावन सोमवार में ही नहीं बल्कि भक्त शिवरात्रि के दौरान भी हरे रंग के वस्त्र धारण करते हैं। इसके अलावा शिव जी के दौरान आप हरे रंग के अलावा संतरी, पीले, सफेद और लाल रंग के कपड़े भी धारण कर सकते हैं।
शिव जी की मृत्यु कैसे हुई?
शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है यानि इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं. शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं.
क्या मृत्यु के समय दर्द होता है?
उनकी राय है कि मौत के समय दर्द नहीं होता लेकिन अप्राकृतिक मौत के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता. आम तौर पर मौत के समय दांत दर्द से भी कम दर्द हो सकता है.
मरने से पहले यमराज क्या संकेत देते हैं?
– मरने वाले व्यक्ति को अपनी छाया दिखनी बंद हो जाती है. जब ऐसा हो तो यह व्यक्ति के मौत के बेहद नजदीक होने का इशारा है. – वहीं मरने से 2-3 दिन पहले से ही व्यक्ति को अपने आसपास अदृश्य शक्तियों के होने का अहसास होने लगता है. उसे यमराज (Yamraj)के दूत दिखाई देने लगते हैं.
घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?
कौन से देवी देवता रखने चाहिए
घर के पूजनस्थल में किन देवी-देवताओं को स्थापित करना चाहिए यह भी वास्तु के लिहाज से आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है।
सबसे सुंदर देवी कौन सी है?
कथाओं के अनुसार यह गौतम ऋषि की पत्नी और ब्रह्माजी की मानसपुत्री थी। ब्रह्मा ने अहल्या को सबसे सुंदर स्त्री बनाया। सभी देवता उनसे विवाह करना चाहते थे। ब्रह्मा ने एक शर्त रखी जो सबसे पहले त्रिलोक का भ्रमण कर आएगा वही अहल्या का वरण करेगा।