Solution : लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट इसलिए खरीदा क्योंकि लेखक का अनुमान था कि सेकंड क्लास का डिब्बा खाली होगा, जिससे वे भीड़ से बचकर नई कहानी के विषय में एकांत में चिंतन करने के साथ-साथ प्राकृतिक दृश्यों की शोभा भी निहार सकेंगे।
लेखक के अनुसार नवाब साहब ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा?
वे भीड़ से बचकर एकांत में यात्रा करते हुए नई कहानी के बारे में सोचना चाहते थे। वे खिड़की के पास बैठकर प्राकृतिक दृश्य का आनंद उठाना चाहते थे। सेकंड क्लास का कम दूरी का टिकट बहुत महँगा न था।
लेखक ने सेकं ड क्लास का टिकि क्यों ललया?
लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट इसलिए खरीदा क्योंकि वह हमेशा खाली रहती है और लेखक को खाली सफर करने में बहुत मजा आता है लेकिन वहां पर बैठे एक नवाब साहब के हाव भाव देखकर उन्हें लगा कि नवाब साहब हां अकेले ही सफर करना चाहते हैं और एक यात्री के प्रति दूसरे से यात्री में जो उत्सुकता से चेहरे पर होनी चाहिए वह उत्सुकता नवाब साहब …
लेखक के मन में द्वितीय श्रेणी में रेलगाड़ी की यात्रा करने का विचार क्यों आया?
लेखक सेकंड क्लास के डिब्बे में यात्रा क्यों कर रहा था? सेकंड क्लास का किराया अधिक था। इसीलिए उसमें ज़्यादा भीड़ नहीं होती। लेखक को नई कहानी के सोच-विचार के लिए एकांत चाहिए था।
नवाब सेकंड क्लास में यात्रा क्यों करना चाहते थे?
नवाब साहब क्योंकि नवाब साहब थे, भले ही वह वर्तमान में नवाब नहीं हो लेकिन उनमें नवाबी ठसक बाकी थी। इसलिए वह दिखावे करने के लिए सेकंड क्लास में यात्रा कर रहे हों। नवाब साहब को शायद भीड़ से राहत पाना हो और वह मानसिक शांति में सुकून से यात्रा करना चाहते हों, इसलिए उन्होंने सेकंड क्लास की यात्रा की हो।
लेखक ने ट्रेन में यात्रा करने के लिए कौन सा टिकट खरीदा?
Solution : लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट इसलिए खरीदा क्योंकि लेखक का अनुमान था कि सेकंड क्लास का डिब्बा खाली होगा, जिससे वे भीड़ से बचकर नई कहानी के विषय में एकांत में चिंतन करने के साथ-साथ प्राकृतिक दृश्यों की शोभा भी निहार सकेंगे।
लेखक को ऐसा क्यों लगा कि उसकी दूसरी टाँग भी टूट गई?
Solution. लेखक कहते हैं कि मेरी दूसरी टाँग उस जगह तोड़ना जहाँ कोई परिचित न हो – उस जगह लेखक के परिचित होंगे तो लेखक से समय-असमय मिलने आकर तंग करेंगे।
डिब्बे में पहले से ही कौन बैठे थे?
लेखक ने डिब्बे में प्रवेश किया तो वहाँ पहले से ही एक सज्जन पुरुष पालथी लगाए सीट पर बैठे थे। उनके सामने खीरे रखे थे। लेखक को देखते ही उनके चेहरे के भाव ऐसे हो गए जैसे लेखक का आना अच्छा नहीं लगा। ऐसा लग रहा था जैसे लेखक ने उनके एकांत चिंतन में विघ्न डाल दिया था।
लेखक ट्रेन के किस डिब्बे में चढ़ा और क्यों?
Expert-Verified Answer. लेखक ट्रेन के सेकण्ड डिब्बे में चढ़े , क्योंकि एक बर्थ पर लखनवी की नबाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन पालथी मारकर बैठे थे| उनके सामने साफ़ तौलिए पर दो चिकने खीरे रखे थे।
नवाब साहब ने खीरे को क्यों नहीं खाया?
नवाब साहब को झूठी शान दिखाने की आदत रही होगी। वे खीरे को गरीबों का फल मानते होंगे और इसलिए किसी के सामने खीरे को खाने से बचना चाहते होंगे। वह यह भी दिखाना चाहते होंगे कि नफासत के मामले में उनका कोई सानी नहीं है। इसलिए उन्होंने खीरे को बड़े यत्न से काटा, नमक-मिर्च बुरका और फिर खिड़की से बाहर फेंक दिया।
नवाब साहब ने खीरे को क्यों फेंक दिया?
Answer: नवाब साहब द्वारा दिए गए खीरा खाने के प्रस्ताव को लेखक ने अस्वीकृत कर दिया। खीरे को खाने की इच्छा तथा सामने वाले यात्री के सामने अपनी झूठी साख बनाए रखने के कश्मकश में नवाब ने खीरे को काटकर खाने की सोची तथा फिर अन्तत: जीत नवाब के दिखावे की हुई। अत: इसी इरादे से उसने खीरे को फेंक दिया।
लेखक ने संसार को क्या कहा है?
लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है? जैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।
फूल मालाएँ मिलने पर लेखक क्या सोचने?
उत्तर : फूल मालाएं मिलने पर लेखक सोचने लगे कि आस-पास कोयी माली होता तो फूल मालाएं बेच लेते।
तत्काल टिकट खो जाने पर क्या करें?
आई-टिकट खो जाए तो तुरंत डुप्लीकेट टिकट लेना जरूरी होता है जो कि रिजर्वेशन काउंटर से मिल सकती है। रिजर्वेशन काउंट पर जाएं। स्टेशन मास्टर के नाम एक आवेदन लिखें, जिसमें पीएनआर नंबर, कहां से कहां तक यात्रा, यात्री का नाम, उम्र की जानकारी दें। आवेदन के साथ अपने आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की एक-एक कॉपी लगाएं।
ट्रेन का किराया कैसे पता करें?
- ट्रेन के किराये की जांच कैसे करें
- IrctcPnr.org के माध्यम से जांच वेबसाइट पर यह पृष्ठ आपके मानदंडों के अनुसार वर्तमान ट्रेन किराया प्रदान करेगा। …
- रेलवे स्टेशन पर जाएं दूसरा उपलब्ध विकल्प सीधे निकटवर्ती रेलवे स्टेशन पर जाते हैं।
लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर क्यों आया?
लेखक को अधिक गुस्सा अपनी पत्नी पर आया । उत्तर: क्योंकि आदमी को रोता देखकर उसकी पत्नी को लगा कि वह उसके पति का रिश्तेदार या करीबी मित्र होगा। इसी कारण उसने टैक्सीवाले को पैसे दे दिए थे। २.
लङ्कोर में रात को लेखक ने क्या खाया था?
उत्तर: लङ्कोर में वे एक अच्छी जगह रुके। उनके यजमान अच्छे थे। पहले चाय पी, सत्तू खाया और रात को थुक्पा मिला।
ट्रेन में 3A का मतलब क्या होता है?
SL: इसका मतलब होता है स्लीपर क्लास. इस वर्ग में ज्यादातर लोग यात्रा करते हैं. स्लीपर क्लास में 72 से 78 सीटें होती हैं और सीट कॉन्फ़िगरेशन 3 + 3 + 2 जैसा होता है.
ट्रेन में SL का मतलब क्या होता है?
3A थर्ड क्लास के वातानुकूलित कोच: भारतीय रेलवे ने सस्ते दर पर ट्रेन में वातानुकूलित सफर का आंनद कराने के लिए ट्रेनों में 3A यानी तृतीय श्रेणी के कोच लगाए है. इस कोच में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होती है. खासकर मध्यमवर्गीय लोग इसमें सफर करना पसंद करते है.
ट्रेन में a1 का मतलब क्या होता है?
SL: इसका मतलब होता है स्लीपर क्लास. इस वर्ग में ज्यादातर लोग यात्रा करते हैं. स्लीपर क्लास में 72 से 78 सीटें होती हैं और सीट कॉन्फ़िगरेशन 3 + 3 + 2 जैसा होता है.
लेखक सेकंड क्लास डिब्बे में क्यों चढ़ गया *?
जैसे, 1A का मतलब होता है फर्स्ट एसी, 2A का मतलब होता है सेकेंड एसी और 3A का मतलब थर्ड एसी होता है। इसी तरह SL का मतलब स्लीपर क्लास, 2S का मतलब सेकेंड सिटिंग, CC का मतलब चेयर कार और EC का मतलब एग्जीक्यूटिव चेयर कार होता है।
लेखक छोटे डिब्बे में क्यों चढ़ गए?
लेखक को नई कहानी के सोच-विचार के लिए एकांत चाहिए था। साथ में प्राकृतिक दृश्य देखते हुए किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं होती। एकांत की इच्छा के कारण लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट खरीदा।
ठाली बैठे कल्पना करते रहने की पुरानी आदत किसकी है?
उत्तर : लेखक सेकंड क्लास के डिब्बे में इसलिये यात्रा कर रहा था क्योंकि उसे यात्रा के दौरान एकांत चाहिए था। सेकंड क्लास का किराया अधिक होने के कारण वहां पर भीड़ कम होती थी। केवल प्रबुद्ध और अमीर वर्ग के लोग ही उस दर्जे में यात्रा करते थे।
नवाब साहब खीरे को कैसे छील रहे थे *?
यशपाल-लखनवी अन्दाज़ ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। … लेखक की यह पुरानी आदत थी कि वह जब अकेला होता अथवा खाली होता तो अनेक प्रकार की कल्पनाएं करने लग जाता था क्योंकि वह एक लेखक है इसलिए कल्पना के आधार पर अपनी रचनाएँ करता है।
नवाब साहब खीरे को खाए बिना कैसे तृप्त हो गए?
Solution : नवाब साहब अपनी नवाबी का दिखावा कर रहे थे। नवाब साहब की नवाबी पर व्यंग्य किया गया है उन्होंने खीरे को पहले धोया, सुखाया, छीला और फिर फाँकों में काटकर सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया इससे उनके दिखावटी पूर्ण जीवन का पता चलता है कि वे खीरे को अपदार्थ और तुच्छ समझते हैं।
खीरे को काटने से पहले नवाब साहब ने क्या किया?
उत्तरः नवाब साहब अपने तरीके से खीरा खाने के बाद लेट गए। उन्होंने जोर से डकार ली मानो वे तृप्त हो गए हों। वे खीरा खाने की तैयारी तथा प्रयोग से अपने आप को थका हुए दिखाने के लिए आराम फरमाने का दिखावा एवं चेष्टा करने लगे थे।
दुनिया किससे भरी है?
प्रश्न (ग). खीरों को काटने से पहले नवाब साहब ने क्या किया ? उत्तरः खीरों को काटने से पहले नवाब साहब ने खीरों को धोकर तौलिये से पोंछा फिर दोनों के सिर काटकर, उनका झाग निकाला।
प्रकृति के अक्षर कौन हैं?
दुनिया किससे भरी हुई है? यह उन चीजों से भरा है जो उत्पन्न होती हैं, बनी रहती हैं और समाप्त हो जाती हैं । उन्हें पकड़ लो और उनसे लिपट जाओ, और वे पीड़ा उत्पन्न करते हैं। उन्हें मत समझो और उनसे चिपटे रहो, और वे दुख उत्पन्न नहीं करते।
पास होने पर लेखक के मन में क्या आया?
लेखक ने पेड़-पौधों, पत्थरों, नदियों, जंगलों, हड्डियों आदि प्राकृतिक चीजों को प्रकृति के अक्षर कहा है।
दुनिया में गुस्सा करने वाला आदमी कौन है?
उत्तर- बड़े भाई साहब ने देखा कि उनके फेल होने और खुद के पास होने से लेखक के मन में घमंड हो गया है। उसका घमंड दूर करने के लिए उसने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि रावण चक्रवर्ती राजा था, जिसे संसार के अन्य राजा कर देते थे।
मुझे छोटी-छोटी बातों पर इतना गुस्सा क्यों आता है?
1988 में, विननेबागो इंडस्ट्रीज (मोटरहोम के एक निर्माता) के लिए एक प्रोमो वीडियो पूरी तरह से डाउनहिल हो गया: विक्रेता जैक रेबनी को एक मंदी का सामना करना पड़ा जिसमें एक अद्भुत मात्रा में प्रफुल्लित करने वाला शपथ ग्रहण शामिल था।
लडकोर में लेखक को क्या भोजन मिला?
समय-समय पर चिड़चिड़ापन महसूस करना आम बात है, लेकिन अगर आप हर समय असामान्य रूप से चिड़चिड़ा या चिड़चिड़ा महसूस करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से बात करें क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का लक्षण हो सकता है, जैसे अवसाद, चिंता या द्विध्रुवी विकार, या एक शारीरिक स्थिति ।
लेखक और उसका ममेरा भाई बारात में क्यों नहीं गए?
O सत्तू,चाय और गरमा गरम थुक्पा 0 सत्तू ब्रेड O लड्डू चाय
एक ट्रेन कितने रुपए में बनती है?
अगर हम किसी एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें, जिसमें 24 कोच होते हैं. तो 2 करोड़ रुपये प्रति कोच के हिसाब से इसकी कीमत 48 करोड़ रुपये हो जाती है. इसमें इंजन के 20 करोड़ रुपये जोड़ने पर इसकी कीमत करीब 68 करोड़ रुपये तक हो जाती है. ट्रेन के इंजन के अलावा उसमें कई तरह के कोच होते हैं.
ट्रेन में S का मतलब क्या होता है?
H का मतलब है टिकट फर्स्ट एसी क्लास कोच की है. S का मतलब है कि टिकट स्लीपल क्लास कोच की है. D का मतलब है कि टिकट सेकेंड सीटिंग क्लास कोच की है.
डिब्बे में पहले से कौन बैठा था?
लेखक ने डिब्बे में प्रवेश किया तो वहाँ पहले से ही एक सज्जन पुरुष पालथी लगाए सीट पर बैठे थे। उनके सामने खीरे रखे थे। लेखक को देखते ही उनके चेहरे के भाव ऐसे हो गए जैसे लेखक का आना अच्छा नहीं लगा। ऐसा लग रहा था जैसे लेखक ने उनके एकांत चिंतन में विघ्न डाल दिया था।
1 लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया?
Solution : लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट इसलिए खरीदा क्योंकि लेखक का अनुमान था कि सेकंड क्लास का डिब्बा खाली होगा, जिससे वे भीड़ से बचकर नई कहानी के विषय में एकांत में चिंतन करने के साथ-साथ प्राकृतिक दृश्यों की शोभा भी निहार सकेंगे।
पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन कब शुरू की गई थी?
50 साल पहले यानी 17 मई 1972 को इस ट्रेन ने तत्कालीन बॉम्बे सेंट्रल (Bombay Central) से राष्ट्रीय राजधानी के लिए अपनी उद्घाटन यात्रा शुरू की थी। वैसे भारत की पहली पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन नई दिल्ली और हावड़ा (कोलकाता) के बीच चली। उसके ठीक तीन साल बाद यह सेवा शुरू हुई।
नवजात शिशु को जल्दी कैसे गोद लें?
इसके लिए मात्र आपको सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) की वेबसाइट cara.nic.in पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद बनने वाली मेरिट लिस्ट और मंजूरशुदा अनाथालयों में पहुंचने वाले बच्चों की उपलब्धता के आधार पर जरूरतमंद दंपती को दिया जाता है। पंगूड़े में बच्चा आने के बाद अनाथालयों में भेज दिया जाता है।
भारत में कुल कितने अनाथ आश्रम है?
भारत में अब तक लगभग 10000 बच्चों को गोद लिया जा चुका है और इस विषय में अब तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं है कि भारत में अब तक कितने अनाथ आश्रम खोले जा चुके हैं। परंतु रिसर्च के मुताबिक भारत में लगभग 500 से भी अधिक अनाथ आश्रम खोले जा चुके हैं।
कल्पना को कैसे रोकें?
…
जब आपका मन भटकता है तो अपना ध्यान पुनर्निर्देशित करें।
- फंतासी को बाधित करने के लिए, आप उठ सकते हैं और खिंचाव कर सकते हैं या एक साधारण व्यायाम कर सकते हैं, जैसे जंपिंग जैक।
- अपने आस-पास की किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करें, जैसे कि पेपरवेट या कप।