लेखक ने तिब्बत की यात्रा भिखमंगों के वेश में की क्योंकि उस समय तिब्बत की यात्रा पर प्रतिबंध था। इसके अलावा डाँडे जैसी खतरनाक जगहों पर डाकुओं से इसी वेश में जान बचायी जा सकती थी।
लेखक को भिखमंगे के वेश में यात्रा क्यों करनी पड़ी?
भारतीय लोगों को उस समय तिब्बत जाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए लेखक ने भिखारियों जैसी वेशभूषा धारण कर अपनी यात्रा प्रारंभ की।
लेखक को उस यात्रा में शाम के समय ठहरने की अच्छी जगह क्यों नहीं मिल पाई थी?
शाम के वक्त अधिकतर लोग छङ के नशे में धुत्त रहते हैं उस उस समय उनका व्यवहार बदल सकता है। इसलिए पहली बार तो लेखक को ठहरने के लिए सही जगह मिल गई। लेकिन दूसरी बार शाम हो जाने के कारण उन्हें ठहरने के लिए सही जगह नहीं मिल पाई।
यात्रा करते समय लेखक और उसके साथियों ने डाकुओं से अपनी जान कैसे बचाई?
तिब्बते यात्रा के दौरान लेखक ने डाँड़े जैसी खतरनाक जगहों पर भिखमंगों का वेश बनाकर यात्रा की और डाकुओं जैसे किसी को देखते ही टोपी उतारकर “कुची-कुची एक पैसा” कहकर यह बताता है कि वह भिखारी है।
तिब्बत के मार्ग में क्या क्या था उसका वर्णन कीजिए?
इसे पारम्परिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है। इसके प्रायः सम्पूर्ण भाग पर चीनी जनवादी गणराज्य का अधिकार है जबकि तिब्बत सदियों से एक पृथक देश के रूप में रहा है। यहाँ के लोगों का धर्म बौद्ध धर्म की तिब्बती बौद्ध शाखा है तथा इनकी भाषा तिब्बती है।
लोगों ने क्या सलाह दी?
2. “लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।” लोगों ने यह सलाह क्यों दी ? लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि इस बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पद जाए, कुछ पता नहीं रहता।
लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा है?
लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन क्यों समझ रहा था? उत्तर:- बस की जर्जर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा था कि बस की स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती है तथा ब्रेक फेल हो सकता है। ऐसे में लेखक को डर लग रहा था कि कहीं उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाए।
डाकुओं के लिए यह जगह सबसे अच्छी कैसे थी?
Answer: लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली।
डाकुओं के लिए डाड़े सबसे अच्छी जगह क्यों हैं?
उत्तरः तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक आदमी दिखाई नहीं देता।
तिब्बत का दूसरा नाम क्या है?
तिब्बत एक स्वतंत्र राष्ट्रीय स्वायत्त क्षेत्र है, और इसकी भूमि मुख्य रूप से पठारी है। इसे पारंपरिक रूप से बोड या भोट भी कहा जाता है।
क्या तिब्बत भारत का हिस्सा है?
1950 से पहले भारत की यह सीमा सिर्फ तिब्बत-एक स्वतंत्र देश से लगती थी। चीन ने तिब्बत को हड़प लिया। तिब्बत को अपने नक्शे में शामिल कर लिया, तिब्बत का अस्तित्व मिटा दिया। भारत हमेशा-हमेशा के लिए चीन की विस्तारवादी नीति से डरने लगा।
मैं क्यों लिखता हूँ कक्षा 10?
एक उत्तर तो यह है कि मैं इसीलिए लिखता हूँ कि स्वयं जानना चाहता हूँ कि क्यों लिखता हूँ-लिखे बिना इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिल सकता है। वास्तव में सच्चा उत्तर यही है लिखकर ही लेखक उस आभ्यंतर विवशता को पहचानता है जिसके कारण उसने लिखा-और लिखकर ही वह उससे मुक्त हो जाता है।
हामिद ने खाने के पैसे क्यों नहीं लिए?
हामिद खाँ को गर्व था कि एक हिंदू ने उनके होटल में खाना खाया। साथ ही वह लेखक को मेहमान भी मान रहा था। वह आने वाले के शहर की हिंदू-मुस्लिम एकता का भी कायल हो गया था। इसलिए हामिद खाँ ने खाने के पैसे नहीं लिए।
सरत नाना के घर कितने वर्ष पूर्व आया था?
उत्तर : शरत् तीन वर्ष से अपने नाना के यहाँ रह रहा था। वह तीन वर्ष पूर्व यहाँ आया था। जब पहली बार शरत् अपने नाना के घर आया था, उस समय वह बहुत छोटा था।
नम्से कौन थे उनके चरित्र की क्या विशेषता थी?
➲ नम्से एक बौद्ध भिक्षुक थे, जो शंकर विहार की खेती के मुखिया थे। उनके चरित्र की ये विशेषता थी कि वे स्वभाव से बेहद विनम्र और सज्जन पुरुष थे। ✎… ‘ल्हासा की ओर’ शंकर विहार की खेती के मुखिया नम्से बड़े ही भद्र और सज्जन पुरुष थे।
समझदार आदमी को शाम वाली बस से सफर क्यों नहीं करना चाहिए?
‘समझदार आदमी इस शाम वाली बस में सफर नहीं करते’ लोगों ने लेखक और उसके मित्रों को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी धोखा दे सकती है। “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें।
समझदार आदमी शाम वाली बस से यात्रा क्यों नहीं करते थे?
“लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।” लोगों ने यह सलाह क्यों दी ? लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि इस बस का कोई भरोसा नहीं है कि यह कब और कहाँ रूक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पद जाए, कुछ पता नहीं रहता। उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह है।
डाकू लूटने से पहले राहगीर को क्यों मार देते थे?
प्रश्न (ग) डाकू लूटने से पहले आदमी को क्यों मारते हैं? उत्तर: अपने प्राणों की रक्षा के लिए डाकू लूटने से पहले ही आदमी को मार देते हैं।
तिब्बत में डाकू आदमियों को लूटने से पहले क्यों मार देते हैं?
तिब्बत के डाँड़े तथा निर्जन स्थलों पर डाकू यात्रियों का खून पहले इसलिए कर देते थे क्योंकि वहाँ की सरकार पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग पर ज्यादा खर्च नहीं करती थी | इस कारण वहाँ के डाकुओं को पुलिस का कोई भय नहीं था | वहाँ कोई गवाह नहीं मिलने पर उन्हें सज़ा का भी डर नहीं रहता था | वहाँ हथियारों का कानून न होने से अपनी जान …
पुलिस ने डाकुओं को घेर लिया में कौन सा कारक है?
दिए गए विकल्पों में ‘पुलिस ने चोर को दण्ड दिया’ में पुलिस ‘ने‘ यहाँ पर ‘कर्ता कारक‘ पर बल है तथा यहाँ ‘को’ विभक्ति है, अर्थात यहाँ ‘कर्म कारक‘ है।
लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?
Answer: (क) लेखक अपनी आंतरिक विवशता के कारण लिखने के लिए प्रेरित होता है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है व स्वयं को जानने के लिए भी वह लिखने के लिए प्रेरित होता है।
2 लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस?
प्रश्न 2: लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया? उत्तर: जब लेखक ने उस पत्थर को देखा जिसपर रेडियोधर्मी किरणों की अमिट तस्वीर छप चुकी थी तो उसे हिरोशिमा में बम वाली घटना की अनुभूति हुई। उस अनुभूति ने उसे हिरोशिमा का भोक्ता बना दिया।
हामिद को कितने पैसे मिले थे?
हामिद दूर खड़ा है. तीन ही पैसे तो उसके पास हैं. अपने कोष का एक तिहाई, जरा-सा चक्कर खाने के लिए, वह नदीं दे सकता. खिलौनों के बाद मिठाइयाँ आती हैं.
हामिद क्या करता है?
हामिद खाँ और लेखक के बीच तब सम्बन्ध स्थापित हुआ जब लेखक तक्षशिला के खण्डहर में घूमते हुए भूख-प्यास से बेहाल हो हामिद खाँ की दुकान में भोजन करता है। हामिद खाँ उसे आत्मीय भाव से भोजन खिलाता है और अपना मेहमान बनाकर उससे पैसे तक नहीं लेता।
बच्चों माँझी कहाँ का रहने वाला है?
अभिनेता आमिर खान मंगलवार को ‘माउंटेन मैन’ के नाम से मशहूर बिहार के दशरथ मांझी के गांव गहलौर पहुंचे. उन्होंने मांझी के परिवार से विशेष मुलाकात की. दशरथ मांझी वही शख्स थे, जिन्होंने अपने गांव में अकेले ही एक पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया था.
लेखक मामा के घर से क्या लेकर आता था?
उत्तर : लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहा करता था। वो लाख की बहुत सुन्दर चुड़ियाँ बनता था। परन्तु लेखक के लिए वह लाख की रंग बिंरगी सुन्दर गोलियाँ बनाकर दिया करता। जिसके कारण लेखक सदैव बदलू के पास जाता और यही कारण है कि लेखक को उसके मामा का गाँव भाता था।
नस्से कौन था?
➲ नम्से एक बौद्ध भिक्षुक थे, जो शंकर विहार की खेती के मुखिया थे। उनके चरित्र की ये विशेषता थी कि वे स्वभाव से बेहद विनम्र और सज्जन पुरुष थे।
नामसे कौन था?
प्रश्न (ग) नम्से कौन थे? उनका क्या कार्य था? उत्तरः नम्से बौ( भिक्षु थे व शेकर की खेती के मुखिया थे। वह खेती का इंतजाम देखने का कार्य करते थे और जागीर के आदमियों के लिये राजा से कम न थे।
लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
Solution : लेखक को यह सुनकर हैरानी इसलिए हुई कि देखने में तो बस अत्यन्त पुरानी खटारा-सी लग रही थी। उसे देखकर विश्वास नहीं हो पा रहा था कि यह सफर तय कर सकेगी। इसी कारण उसने कम्पनी के हिस्सेदार से पूछा कि यह बस चलती भी है, तब उन्होंने कहा कि यह अपने आप चलती है। यही लेखक की हैरानी का कारण था।
लेखक को ऐसा क्यों लगा?
लेखक कहता है बस के स्टार्ट होते हुए वो इतना शोर कर रहा था मानो कि उन्हें ऐसा लगा जैसे इंजन आगे नहीं अपितु पूरी बस में लगा हो, क्योंकि उसका इंजन दयनीय स्थिति में था। इससे पूरी बस हिल रही थी, इसलिए उन्हें लगा की सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।
धन देने वाला पौधा कौन सा है?
मनी प्लांट- घर में धन-सृमद्धि के प्रतीक के रूप में मनी प्लांट का पौधा सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. यह पौधा जितनी तेजी से बढ़ता है, घर में उनती ही तेजी से धन आता है. घर में मनी प्लांट लगाते समय ख्याल रखें कि इसे आग्नेय दिशा यानी दक्षिण पूर्व दिशा में ही लगाएं. मनी प्लांट के पौधे को कभी सीधे जमीन पर ना रखें.
सबसे शुभ पौधा कौन सा होता है?
शास्त्रों के अनुसार, केले का पौधा घर के वास्तु के लिए अच्छा है क्योंकि इसे भगवान विष्णु का प्रतीक कहा जाता है। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है; और लोग अक्सर इस दिन भगवान विष्णु के साथ केले के पौधे की पूजा करते हैं। इसलिए, यह वास्तु के अनुसार घर के लिए सबसे शुभ पौधों में से एक है।
पेड़ का देवता कौन है?
बेल और बरगद के पेड़ पर भगवान शिव का वास होता है. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में नियमित रूप से बेलपत्र अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
दुनिया में कितने पेड़ होते हैं?
दुनिया में हैं इतने पेड़
इस यूनिवर्सिटी की रिसर्च रिपोर्ट नेचर मैगजीन में छपी और इसके मुताबिक दुनिया में 3.04 ट्रिलियन (34 खबर) पेड़ हैं. रिसर्च में यह भी कहा गया है कि धरती पर पेड़ों की संख्या अब बमुश्किल आधी बची है क्योंकि पहले यूरोप जहां जंगलों से ढंका दिखता था, अब उनकी जगह खेतों ने ले ली है.
लेखक डाकुओं को देखते ही क्या कहकर भीख मांगने लगते थे?
अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? लेखक को ऊँचे-नीचे पहाड़ी रास्ते पर तेज धूप में यात्रा करना पड़ा। उसे यह यात्रा डाकुओं के भय के साए में करनी पड़ी। उसे रास्ते में डाकुओं जैसी सूरत को देखते ही “कुची-कुची एक पैसा” कहकर उससे भीख माँगनी पड़ी।
हा मि द खाँ कौ न था वह भा रत आकर क्या देखना चा हता था लेखक उससे कब मि ला था?
उत्तरः लेखक ने बताया कि हमारे यहाँ हिंदू-मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं और बढ़िया चाय या बढ़िया पुलाव के लिए मुसलमानी होटल में खाना खाते हैं। लेकिन लेखक की इस बात पर पठान हामिद खाँ को विश्वास न हुआ और बोला-काश मैं आपके मुल्क में आकर सब बातें अपनी आँखों से देख पाता।
डाकुओं के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है?
उत्तरः तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक आदमी दिखाई नहीं देता। यहाँ कानून का प्रभाव भी नगण्य है क्योंकि पुलिस नहीं है अतः डाकुओं को कोई डर नहीं है।
पुलिस ने चोर को दंड दिया में कौन सा कारक है?
Detailed Solution. दिए गए विकल्पों में ‘पुलिस ने चोर को दण्ड दिया‘ में पुलिस ‘ने‘ यहाँ पर ‘कर्ता कारक‘ पर बल है तथा यहाँ ‘को’ विभक्ति है, अर्थात यहाँ ‘कर्म कारक‘ है। अतः सही विकल्प ‘कर्ता एवं कर्म’ है।
चीन कौन से देश का गुलाम था?
चीन पूर्ण रूप से कभी भी किसी देश का गुलाम नहीं रहा उसको ब्रिटेन ने 1840 से अपना अर्ध उपनिवेश (गुलाम) बनाया था । 1911 में डॉ सन यात सेन के नेतृत्व में अन्तिम राजवंश छिंग वंश का तख्ता पलट कर चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई ।
चीन का असली नाम क्या है?
ऐतिहासिक रूप से चीन को सिना या सिनो, सिने, कैथे, या पश्चिमी देशों द्वारा सेरेस के नाम से भी जाना जाता है। चीन का आधिकारिक नाम प्रत्येक वंश के साथ बदलता रहा है और सबसे प्रचलित और आम नाम है झोंग्गुओ (中國), जिसका अर्थ है “केंद्रीय राष्ट्र”, या “मध्य साम्राज्य”।
चीन के पास भारत की कितनी जमीन है?
भारत की 43 हजार वर्ग मीटर भूमि पर कब्जा
लद्दाख में चीन का कब्जा करीब छह दशक से है। इसके अलावा पाकिस्तान ने दो मार्च 1963 को अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का 5,180 वर्ग किमी क्षेत्र चीन को दे दिया था। इस तरह से देखा जाए तो चीन का भारत की कुल 43,180 वर्ग किमी भूमि पर कब्जा है।