उत्तर: भिखमंगे के वेश में भी लेखक थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँचने पर इसलिए ठहरने का अच्छा स्थान पा गया क्योंकि उसके साथ सुमति थे। उस गाँव में सुमति के जानने वाले थे।
लेखक और सुमित कहाँ ठहरे थे?
उत्तर: थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर लेखक भिखमंगे के वेश में होने के बाद भी ठहरने का स्थान पा गया क्योंकि उस समय उनके साथ बौद्ध भिक्षु सुमति थे। सुमति की उस गाँव में जान-पहचान थी। दूसरी यात्रा के समय लेखक भद्र वेश में था पर वह उस गाँव के लोगों के लिए अपरिचित था।
लेखक का साथी सुमति कौन था?
सुमति एक बौद्ध भिक्षुक थे, जो लेखक राहुल सांकृत्यायन के साथ उनकी तिब्बत यात्रा में साथ थे।
सुमति को लेखक का इंतजार क्यों करना पड़ा?
उन्हें ऐसा घोड़ा मिला था जो बहुत धीरे-धीरे चल रहा था । इस कारण उन्हें लड़कोर पहुँचने में देर हो गई । बीच में रास्ता भटकने के कारण व घोड़ा धीरे चलने के कारण सुमति के गुस्से का शिकार होना पड़ा । इस प्रकार लेखक को कई विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ा ।
ल्हासा की ओर पाठ में सर्वोच्च स्थान पर क्या था?
उत्तर: सर्वोच्च स्थान पर डाँड़े के देवता का स्थान है जिसे पत्थरों, जानवरों के सींगों तथा रंग-बिरंगी झंडियों से सजाया गया था। प्रश्न 21. भीटे की तरफ दिखने वाले पहाड़ कैसे थे? उत्तर: भीटे की तरफ दिखने वाले पहाड़ बिलकुल नंगे थे।
रास्ते में खाने के लिए मां ने उन्हें क्या दिया *?
* 1 point आम बेर चने रोटी
लेखक के छोटे भाई के कोमल मन को धक्का क्यों लगा?
लेखक के भाई को लगा कि लेखक की साँप के काटने से मौत हो गई है। लेखक को साँप के काटने से होने वाले दर्द और लेखक से बिछुड़ जाने के खयाल से ही लेखक के छोटे भाई के कोमल हृदय को धक्का लगा।
डाँडे में बहुत दूर तक आदमी को क्यों नहीं देखा जा सकता?
डॉडे तिब्बत में सबसे खतरे की जगहें हैं। सोलह-सत्रह हजार फीट की ऊँचाई होने के कारण उनके दोनों तरफ मीलों तक कोई गाँव-गिराँव नहीं होते। नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आदमी को देखा नहीं जा सकता। डाकुओं के लिए यही सबसे अच्छी जगह है।
3 सुमति कौन था?
महाभारत के पश्चात के ब्रहाद्रथ वंश के राजा।
लेखक दुकान पर बार-बार क्यों आता था?
लेखक दुकान पर इतनी कम बार जाता था क्योंकि गेसलर भाइयों द्वारा बनाए गए जूते बहुत लंबे समय तक चलते थे ।
वह कौन सा पता था जो लेखक की मां ने उसे याद करने के लिए कहा था?
वर्णनकर्ता को वह पता याद आया जो उसकी माँ ने उसे केवल एक बार बताया था। यह नंबर 46 था, मारकोनी स्ट्रीट ।
ल्हासा का अर्थ क्या होता है?
हिन्दीशब्दकोश में ल्हासा की परिभाषा
ल्हासा १ संज्ञा पुं० [हिं० लस] दे० ‘लासा’ । ल्हासा २ संज्ञा पुं० तिब्बत की राजधानी जिसे लासा भी कहते हैं ।
लेखक के साथी का क्या नाम था?
Answer: लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली। जबकि दूसरी यात्रा के समय जानकारी न होने के कारण भद्र यात्री के वेश में आने पर भी उन्हें रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला।
लेखक का छोटा भाई कितने वर्ष का था?
लेखक का भाई आठ वर्ष का था। उसका दिल कमजोर था। इसलिए चिट्ठियों के कुएँ में गिर जाने पर वह जोर-जोर से रोने लगा फिर जब उसका भाई कुएँ में चिट्ठियों के लिए उतरने लगा तो उसे बहुत डर लगा। कुएँ के अंदर साँप भी फुँफकार रहा था।
बड़ेभाई साहब कहानी क्या संदेश देती है?
‘बड़े भाई साहब‘ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ? उत्तर: प्रस्तुत कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि हम अपनी स्थिति, शक्ति और सीमा को समझें, उसी के अनुरूप व्यवहार करें। यदि हम स्वयं योग्य नहीं हैं तो हम किसी को उपदेश देने का अधिकार भी खो बैठते हैं।
लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि खरबूज़े बिक्री के लिए थे परन्तु उन्हें खरीदने के लिए कोई कैसे आगे बढ़ता?
लेखक कहता है कि खरबूज़े तो बेचने के लिए ही रखे गए थे, परन्तु उन्हें खरीदने के लिए कोई कैसे आगे बढ़ता? क्योंकि खरबूजों को बेचने वाली औरत ने तो कपड़े में अपना मुँह छिपाया हुआ था और उसने अपने सिर को घुटनों पर रखा हुआ था और वह बुरी तरह से बिलख – बिलख कर रो रही थी।
लेखक का बटुआ अंदर ही अंदर क्यों काँपने लगा था?
लेखक का बटुआ अन्दर ही अन्दर क्यों काँपने लगा था। Answer: लेखक अतिथि के आने से भयभीत हो गए। लेखक ने सोचा था कि अब अतिथि के लिए खर्च करना पड़ेगा। खर्च करने से बटुआ जवाब दे रहा था अत: बटुए का काँपना स्वाभाविक ही था।
लेखक ने अपनी मां को यह बात कब बताई?
Answer: लेखक के साथ यह घटना 1908 में घटी। उसने यह बात अपनी माँ को 1915 में सात साल बाद बताई और लिखा शायद और भी बाद में होगा, इसलिए लेखक ने कहा कि उसे याद नहीं है कि ढेला फेंकने पर साँप को लगा या नहीं, उसने फुसकार मारी या नहीं क्योंकि इस समय लेखक बुरी तरह डर गया था।
लेखक क्यों हैरान था?
लेखक हैरान था क्योंकि लेखक को यह समझ में नहीं आया कि हिमालय पर्वत पर जो दुबली पतली नदियां , गंगा, जमुना तथा सतलुज बहती हैं, वे समतल मैदान में आकर इतनी विशाल कैसे हो जाती है। ” हिमालय की बेटियां ” पाठ में लेखक ने गंगा, यमुना तथा सतलुज नदियों का मानवीकरण करते हुए ये कहा है कि उसने आज तक इन नदियों को दूर से ही देखा था।
लहसा किस लिए खड़ा है?
LAHSA – लॉस एंजिल्स बेघर सेवा प्राधिकरण ।
लहसा कौन चलाता है?
वेंडी ग्रुएल
वेंडी ग्रुएल को 2015 में मेयर एरिक गार्सेटी द्वारा लॉस एंजिल्स बेघर सेवा प्राधिकरण आयोग में नियुक्त किया गया था। एक कामकाजी माँ और आजीवन एंजेलीनो, वेंडी ग्रेउल ने एलए पब्लिक स्कूलों में भाग लिया और यूसीएलए से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
लेखक के पिता जी का क्या नाम था?
Solution : लेखक के पिता शिवभक्त थे। वे अपने पुत्र में भगवान शिव के अलमस्त रूप की झांकी देखते थे। विशेष रूप से जब वह शिशु पूजा पर बैठता था और चौड़े माथे पर तिलक-त्रिपुंड लगवाता था तो लंबी लंबी जटाओं के बीच में वह बम भोला प्रतीत होता था। इसलिए उसके पिता उसे भोलानाथ कहकर पुकारते थे।
लेखक की पत्नी कहाँ पर है?
Answer: यह बात लेखक पं० जवाहरलाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा को इलाहाबाद से लिख रहे हैं।
लेखक का छोटा भाई क्यों रोने लगा?
लेखक का छोटा भाई क्यों रोने लगा? लेखक का भाई आठ वर्ष का था। उसका दिल कमजोर था। इसलिए चिट्ठियों के कुएँ में गिर जाने पर वह जोर-जोर से रोने लगा फिर जब उसका भाई कुएँ में चिट्ठियों के लिए उतरने लगा तो उसे बहुत डर लगा।
बड़े भाई लेखक को क्यों डांटते थे?
उत्तर: बड़े भाई साहब छोटे भाई को अधिक उधम करने के लिए डांटते, उसे ज्यादा खेलने के लिए मना करते और उसे कहते कि वह पढ़ाई में अच्छा करने के लिए मन लगाकर पढ़े। इससे पता चलता है कि वह उसका भला चाहते थे।
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
Answer: बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ केवल किताबी ज्ञान से नहीं आती बल्कि अनुभव से आती है। इसके लिए उन्होंने अम्माँ, दादा व हैडमास्टर की माँ के उदाहरण भी दिए हैं कि वे पढ़े लिखे न होने पर भी हर समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेते हैं।
मुंशी जी के बड़े भाई क्या था?
Explanation: मुंशी जी के बड़े भाई: बड़े भाई साहब छोटे भाई को पढ़ने लिखने की सलाह देते थे। उनकी इच्छा थी कि जिस प्रकार वह हर समय पढ़ते रहते हैं उसी प्रकार उनका छोटा भाई भी अपना सारा ध्यान पढ़ाई में लगाएं।
रामायण में वह कौन थे जो 14 वर्षों तक सोए नहीं?
कथा यह है कि रावण के पुत्र मेघनाद को यह वरदान था कि जो व्यक्ति 14 वर्षों तक सोया न हो वही उसे हरा सकता है। हालांकि लक्ष्मण अपने भाई श्रीराम और भाभी सीता की सुरक्षा और सेवा में इतने लगे रहे कि वे 14 वर्ष तक सो ही नहीं पाए।
दुनिया में कितनी रामायण है?
हिन्दी में कम से कम 11, मराठी में 8, बाङ्ला में 25, तमिल में 12, तेलुगु में 12 तथा उड़िया में 6 रामायणें मिलती हैं। हिंदी में लिखित गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस ने उत्तर भारत में विशेष स्थान पाया। इसके अतिरिक्त भी संस्कृत,गुजराती, मलयालम, कन्नड, असमिया, उर्दू, अरबी, फारसी आदि भाषाओं में राम कथा लिखी गयी।
क्या सुमित एक हिंदू नाम है?
सुमित या सुमीत एक मर्दाना नाम है। यह देवनागरी भाषा से उत्पन्न हुआ है , और इसका अर्थ है “अच्छा दोस्त” या “अच्छी तरह से प्रसन्न”।
सुमित का मतलब क्या होता है?
सुमित नाम का मतलब – Sumit ka arth
सुमित नाम का मतलब एक अच्छा दोस्त है, अच्छी तरह से मापा जाता है, जो एक सुंदर शरीर है, सुडौल होता है।
4 उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?
4. उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था? उत्तर:- उस स्त्री का लड़का एक दिन मुँह-अंधेरे खेत में से बेलों से तरबूजे चुन रहा था की गीली मेड़ की तरावट में आराम करते साँप पर उसका पैर पड़ गया और साँप ने उस लड़के को डस लिया। ओझा के झाड़-फूँक आदि का उस पर कोई प्रभाव न पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
भगवाना की मृत्यु कैसे हुई थी?
खेत की गीली मेड़ की तरावट में एक साँप विश्राम कर रहा था। भगवाना उसे देख न पाया और उसका पैर साँप पर पड़ गया। साँप ने उसे डॅस लिया। साँप का जहर उतारने के लिए ओझा को बुलवाया गया, पर विष के असर से उसका शरीर काला पड़ता गया और उसकी मृत्यु हो गई।
लेखक को चक्कर क्यों आ जाता था?
उनकी रचनाओं को समझना मेरे लिए छोटा मुँह बड़ी बात थी । मेरा जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था । मौका पाते ही होस्टल से निकलकर मैदान में आ जाता और कभी कंकरियाँ उछालता, कभी कागज़ की तितलियाँ उड़ाता और कहीं कोई साथी मिल गया, तो पूछना ही क्या ।
लेखक किसकी तरह अपने घोड़े पर झूमता हुआ चला जा रहा था?
Answer: लेखक समझ रहा था की चढ़ाई की थकान के कारण घोड़ा उतराई वाली रास्ते पर भी धीरे-धीरे चल रहा था। वह घोड़े को जब भी तेज करने की कोशिश करता तो वह और सुस्त पड़ जाता। इसके अलावा वह रास्ता भूल कर किसी और रास्ते पर चला गया था।
लेखक को माँ की याद क्यों आई?
लेखक निराशा, पिटने के भय, और उद्वेग से रोने का उफ़ान नहीं सँभाल पा रहा था। इस समय उसे माँ की गोद की याद आ रही थी। वह चाहता था कि माँ आकर उसे छाती से लगा ले और लाड-प्यार करके कह दे कि कोई बात नहीं, चिट्ठियाँ फिर लिख ली जाएँगी। उसे विश्वास था कि माँ ही उसे इस विपदा में सच्ची सांत्वना दे सकती है।
लेखक की माँ क्या करने से मना करती थी?
लेखक की माँ दिन छिपने या सूरज ढलने के बाद पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा करते समय वे रोते हैं और हमें बददुआ देते हैं। रात में फूल तोड़ने पर वे श्राप देते हैं। लेखक का घर किस शहर में था? लेखक का घर पहले ग्वालियर में था और बाद में वे बम्बई में वर्सोवा नामक स्थान में रहने लगे।
भोलेनाथ अपने पिता को क्या कह कर बुलाते थे?
Solution : लेखक के पिता शिवभक्त थे। वे अपने पुत्र में भगवान शिव के अलमस्त रूप की झांकी देखते थे। विशेष रूप से जब वह शिशु पूजा पर बैठता था और चौड़े माथे पर तिलक-त्रिपुंड लगवाता था तो लंबी लंबी जटाओं के बीच में वह बम भोला प्रतीत होता था। इसलिए उसके पिता उसे भोलानाथ कहकर पुकारते थे।
भोलेनाथ अपने पिता जी को क्या कहकर बुलाते थे?
पिता जी हमें बड़े प्यार से ‘भोलानाथ’ कहकर पुकारा करते । पर असल में हमारा नाम था ‘तारकेश्वरनाथ’। हम भी उनको ‘बाबू जी‘ कहकर पुकारा करते और माता को ‘मइयाँ’। मुसकराकर आइना नीचे रख देते थे।
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान सकता?
दुःख का अधिकार – यशपाल
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया? लेखक उस स्त्री के रोने का कारण इसलिए नहीं जान पाया क्योंकि उसकी पोशाक रूकावट बन गई। जब उसने उस खरबूज़े बेचने वाली स्त्री को घुटनों पर सिर रखकर रोते देखा और बाजार में खड़े लोगों का उस स्त्री के संबंध में बातें करते देखा तो लेखक का मन दुखी हो उठा।
लेखक आंसू क्यों बहने लगता था?
भाई साहब की डाँट – फटकार सुनकर लेखक की आँखों से आँसू बहने लगते। लेखक के पास उनकी बातों का कोई जवाब ही नहीं होता था।