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राम के 108 नाम कौन कौन से हैं?

श्री राम के 108 नाम
  • श्रीराम: – जिनमें योगीजन रमण करते हैं, ऐसे सच्चिदानन्दघंस्वरूप श्री राम अथवा सीता-सहित राम
  • रामचन्द्र: – चंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम
  • रामभद्र: – कल्याणमय राम
  • शाश्वत: :- सनातन राम
  • राजीवलोचन:- कमल के समान नेत्रोंवाले
  • श्रीमान् राजेन्द्र:- श्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा, चक्रवर्ती सम्राट

RAM के कितने नाम है?

शायद बहुत ही कम लोग भगवान राम के 108 नामों के बारे जानते होंगे। शास्त्रों के अनुसार अष्टोत्तर शतनामावली के नाम से इन 108 नामों को जाना जाता है।

राम का दूसरा नाम क्या है?

रामायण के राम जी का असली नाम राम ही है। उन्हें दशरथनन्दन, कोदंडधारी, रघु, राघव, सियापति, अयोध्यापति, अवधेश ऐसे कई नामों से भी जाना जाता है। जो रामानंद सागर साहब की रामायण है उसमे जिस व्यक्ति ने श्रीराम की भूमिका निभाई है उनका नाम है अरुण गोविल।

16 राम नाम जपने से क्या लाभ है?

सिविल लाइन स्थित श्री राम शरणम् श्री राम पार्क में चल रहे राम नाम अखंड जाप महायज्ञ के 16वें दिन संत नरकेवल बेदी जी ने कहा कि राम नाम जपने से सभी प्रकार के दुख, दर्द और कठिनाइयां श्रीराम कृपा से अपने आप दूर हो जाया करती हैं। जैसे तेज हवा चलने से बादल भाग जाते हैं, वैसे ही राम नाम का जाप घबराहट को दूर कर देता है।

राम की उम्र कितनी है?

कहते हैं कि वे 11 हजार वर्षों तक जिंदा वर्तमान रहे। परंपरागत मान्यता अनुसार द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष + राम की वर्तमानता के 11,000 वर्ष + द्वापर युग के अंत से अब तक बीते 5,121 वर्ष = कुल 8,80,111 वर्ष

असली राम कौन हैं?

राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, और इन्हें श्रीराम और श्रीरामचन्द्र के नामों से भी जाना जाता है। रामायण में वर्णन के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा, चक्रवर्ती सम्राट दशरथ ने पुत्र की कामना से यज्ञ कराया जिसके फलस्वरूप उनके पुत्रों का जन्म हुआ। श्रीराम का जन्म देवी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में हुआ था।

भगवान राम कैसे दिखते थे?

उसके चौड़े कंधे, शक्तिशाली भुजाएँ, शंख के आकार की गर्दन, आकर्षक मुख और तांबे जैसी आँखें हैं ; उन्होंने अपने हंसली को छुपाया है और लोगों द्वारा उन्हें राम के रूप में जाना जाता है।

सीताराम बोलने से क्या होता है?

भगवान श्रीराम का मात्र नाम जप लेने से सारे दु:ख दूर हो जाते हैं। श्रीरामचरित मानस के श्रवण से पुण्य मिलता हैं। अध्यात्म और धर्म से शक्ति मिलती हैं, इससे मानसिक और शारीरिक शक्ति का विकास होता हैं।

एक बार राम का नाम लेने से क्या होता है?

राम नाम गम, फिक्र तथा चिंता को चकनाचूर कर देता है। उन्होंने कहा कि जो जन दुख, घोर संकट आने पर भी राम नाम को जपते हैं, उनके भयंकर संकट जाप के प्रभाव से मिट जाते हैं और वो मनुष्य सुखी हो जाता है। जब इंसान पर संकट, भयंकर प्रकार के दुख तथा कष्ट क्लेश हो, तब उसे घबराना नही चाहिए।

भगवान राम क्या खाते थे?

क्योंकि प्रभु श्रीराम छत्रिय थे और वे मांस खाते थे। इसका जवाब है कि रामायण में कहीं भी प्रभु श्रीराम के मांसाहर सेवन के बारे में नहीं लिखा है। हर जगह श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के द्वारा कंद मूल खाए जाने का जिक्र मिलता है।

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मांस कौन से भगवान खाते हैं?

इस टेलीविज़न विज्ञापन में ऑस्ट्रेलिया के एक मांस उत्पादक समूह ने भगवान गणेश को मेमने का मांस खाते दिखाया है. हालांकि विज्ञापन में अन्य धर्मों के प्रतीक भी खाने पर साथ बैठे हुए दिखाए गए हैं.

भारत के कितने लोग मांस खाते हैं?

NFHS-4 के आंकड़ों में जहां 78.4 प्रतिशत पुरुषों और 70 प्रतिशत महिलाओं (15-49 एजग्रुप) ने कहा था कि वे डेली, वीकली या कभी-कभी मांस खाते हैं। 2019-21 के बीच चले NFHS-5 का डेटा बता रहा है कि इसी एजग्रुप के 83.4% मर्द और 70.6% महिलाएं मांस खाती हैं

राम का हिंदी में क्या अर्थ होता है?

राम शब्द का मूल है राम- जिसका अर्थ है ” रुको, ठहरो, विश्राम करो, आनंदित रहो, प्रसन्न रहो “।

सीताराम जी की उम्र कितनी है?

शादी के बाद दोनों 12 वर्षों तक अयोध्या में रहे, इसके बाद उन्हें वनवास भोगने के लिए वन जाना पड़ा. इस समय तक सीताजी 18, राम जी 26 साल के हो गए थे. जब वे वनवास से लौटे तो सीता की आयु 32 और रामजी की उम्र 40 हो गई थी.

हनुमान जी की मृत्यु कैसे हुई?

उन्‍होंने पहचान लिया कि यह तो श्रीराम के सेवक है। इसके बाद ग्रामदेवी हनुमानजी के गले में बैठ गई जिससे हनुमानजी का गला प्यास से सूखने लगा। पवनपुत्र ने जलपान किया और जल ग्रहण करते ही उनके पूरे शरीर में विष फैल गया और उन्‍होंने अपने प्राण त्‍याग दिए।

असली राम कैसे दिखते थे?

श्रीराम कैसे दिखते थे

चेहरा चंद्रमा के समान सौम्य, कांतिवाला कोमल और सुंदर था। उनकी आंखे बड़ी और कमल के समान थी। उन्नत नाक यानी चेहरे के अनुरुप सुडोल और बड़ी नाक थी। उनके होंठों का रंग उगते हुए सूर्य की तरह लाल था और दाेनों होंठ समान थे

भगवान राम की उम्र कितनी है?

अतः द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष + राम की वर्तमानता के 11,000 वर्ष + द्वापर युग के अंत से अबतक बीते 5,100 वर्ष = कुल 8,80,100 वर्ष। अतएव परंपरागत रूप से राम का जन्म आज से लगभग 8,80,100 वर्ष पहले माना जाता है।

असली राम कौन सा है?

असली राम वह है, जिसका जन्म मरण नही है । जो अविनासी है । अर्थात कबीर साहेब जो आदि राम है ।

अंडा खाने से क्या पाप होता है?

अंडा खाना पाप नहीं है, लेकिन सनातन पूजा पद्धति के कुछ नियम हैं जिनका अनुसरण करके हम ईश्वर के नजदीक जा सकते हैं। सनातनी पूजा में हम सीधे ईश्वर से संपर्क या आशीर्वाद पा सकते हैं यदि हम ठीक तरीके से उसे करें। उसके लिए हमें पूर्णरूपेण तन और मन से शुद्ध और सात्विक होना होता है। अंडे खाने से क्या फायदा है?

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मछली खाने से क्या पाप होता है?

यह वेदो मे बताये गये मनुष्य के भोजन शाकाहार के विधान से विपरीत है अतः मीट मांसाहार व मच्छी खाने वालो मनुष्य को पाप ही लगता है। यह नियम सृष्टि रचियाता ब्रह्मा जी ने बनाकर वेदो मे लिखवाये है ऋषि महर्षि व मुनियो से । यही विधाता का विधान व नियम है । जी हाँ।

दुनिया का सबसे शाकाहारी देश कौन सा है?

नेशनल ज्योग्राफिक के विशेषज्ञों ने दुनिया के खान-पान से जुड़ी आदतों और प्रकार से संबंधित सारिणी ‘फ्यूचर ऑफ फूड’ संस्करण के तहत तैयार की है। इसके अनुसार भारत एक ऐसा देश है, जहां अधिकतर लोग शाकाहारी हैं। इसकी तुलना में हांगकांग दुनिया का ऐसा देश है, जहां लोग सबसे ज्यादा मांसाहारी हैं।

कौन से भगवान मांस खाते थे?

क्योंकि प्रभु श्रीराम छत्रिय थे और वे मांस खाते थे। इसका जवाब है कि रामायण में कहीं भी प्रभु श्रीराम के मांसाहर सेवन के बारे में नहीं लिखा है। हर जगह श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के द्वारा कंद मूल खाए जाने का जिक्र मिलता है।

क्या सच में राम भगवान थे?

2-श्रीराम को शास्त्रों में भगवान विष्णु का अवतार बताया गया है. हालांकि उन्होंने अयोध्या में राजा दशरथ के यहां एक आम इंसान के रूप में ही जन्म लिया था. अपने उच्च आदर्श, वचनबद्धता और कर्तव्यनिष्ठा के कारण वह मर्याद पुरषोत्तम कहलाए. इसलिए उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता है.

मरते समय राम राम क्यों बोलते हैं?

ये परम सत्य है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार ‘राम नाम सत्य है’ एक बीज अक्षर है. राम नाम जपने से बुरे कर्मों से मुक्ति मिल जाती है. कुछ लोगों का मानना है कि इसको जपने से मृतक के परिजनों को मानसिक शांति मिलती है.

दो बार राम राम कहने से क्या होता है?

और दो बार राम राम कहने से 108 हो जाता है जो पूर्ण ब्रह्म का द्योतक है। जब भी हम कोई जाप करते हैं तो हमे 108 बार जाप करने के लिए कहा जाता है। लेकिन सिर्फ “रामराम” कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है।

राम कहने से क्या होता है?

रामराम से मिलता है एक माला जाप का पुण्य

जब भी हम किसी मंत्र का माला से जाप करते हैं, तो 108 बार करते हैं क्योंकि एक माला में 108 मनके होते हैं. 108 की संख्या को बेहद शुभ माना गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि रामराम कह देने भर से 108 का योग बन जाता है. यानी रामराम साथ बोलना ही एक माला के समान माना गया है.

पिछले जन्म में रावण कौन था?

त्रेता युग के दौरान अपने दूसरे जीवन में, वे रावण ( जया ) और कुंभकर्ण (विजया) के रूप में पैदा हुए, और दोनों को राम ने मार डाला। द्वापर युग के दौरान अपने तीसरे जीवन में, वे शिशुपाल (जया) और दंतवक्र (विजया) के रूप में पैदा हुए और दोनों कृष्ण द्वारा मारे गए।

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रामायण में झूठ क्या है?

रामसेतु के पत्थर तैरते हैं आज भी सभी लोग ये कहते है की श्री राम ने रावण की लंका में जाने के लिए जो रामसेतु बांध बनाया था। उसमे पत्थरो पर श्री राम लिख कर तैराया गया था और लोग आज भी इस बात को मानते है लेकिन ये बात बिलकुल गलत साबित हुई इसका सच जानने के लिए वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण पढ़नी चाहिए ।

राम भगवान असली में कैसे दिखते थे?

श्रीराम कैसे दिखते थे

चेहरा चंद्रमा के समान सौम्य, कांतिवाला कोमल और सुंदर था। उनकी आंखे बड़ी और कमल के समान थी। उन्नत नाक यानी चेहरे के अनुरुप सुडोल और बड़ी नाक थी। उनके होंठों का रंग उगते हुए सूर्य की तरह लाल था और दाेनों होंठ समान थे

क्या राम ने झूठ कहा है?

भगवान राम ने प्रथम बार सूर्पनखा से झूठ बोला था। राम ने कहा की मेरा भाई लक्ष्मण कुमार अर्थात कुंवारा है। जो की झूठ बोला था जो की एक घृणित कार्य था।

शनिदेव का फोटो घर में रखने से क्या होता है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को श्राप मिला था कि वह जिसे भी देखेंगे, उसका अनिष्ट यानी बुरा हो जाएगा. यही वजह है कि शनिदेव (Shani Dev) की दृष्टि सीधे तौर पर हमारे जीवन पर ना पड़े इसलिए शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में रखना सही नहीं माना जाता.

शनि की पत्नी कौन है?

उन्होंने दो बार शादी की, पहली नीलम रत्न की मूर्ति नीला से और दूसरी गंधर्व राजकुमारी मंदा से।

क्या भगवान राम मांस खाते थे?

कृष्ण वसुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे। देवकी कंस की बहन थी। कंस एक अत्याचारी राजा था। उसने आकाशवाणी सुनी थी कि देवकी के आठवें पुत्र द्वारा वह मारा जाएगा।

कृष्ण भगवान का बेटा कौन है?

अर्थात राम ने कभी मांस सेवन नहीं किया न ही उन्होंने मदिरा का पान किया है। हे देवी, वे हर दिन केवल संध्यासमय में उनके लिए एकत्रित किए गए कंद ग्रहण करते हैं। इसके अलावा अयोध्याकांड में निम्मिलिखित श्लोक निहित है जिसका कथन भोजन का प्रबंध करने के पश्चात लक्ष्मण ने किया था।

अंडे का पीला भाग क्यों नहीं खाना चाहिए?

अंडे के पीले भाग खाने के ये होते हैं नुकसान

अंडे में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, जिससे हार्ट को नुकसान हो सकता है. – इसके अलावा जिन लोगों को ब्लड शुगर बढ़ा रहता है वह भी इस पीले भाग को खाने से बचे नहीं तो आपकी दिक्कत बढ़ जाएगी. – ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी अंडे के पीला भाग से परहेज करना चाहिए.

क्या अंडा शाकाहारी में आता है?

इस गलतफहमी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने भी साइंस के जरिए इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है। उनके मुताबिक, अंडा शाकाहारी होता है।