श्री फल भगवान का प्रिय फल होता है. नारियल की बाहरी सतह को अहं का प्रतीक माना जाता है और अंदर सफेद व नर्म सतह को शांति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए नारियल फोड़ने का अर्थ है कि हम अपने अहंकार को भगवान के श्रीचरणों में त्यागते हैं.
मंदिर में नारियल फोड़ने से क्या होता है?
मंदिर में नारियल फोड़ने से अभिप्राय आत्म बलिदान से है।
महिलाओं को नारियल फोड़ने क्यों नहीं दिया जाता?
नारियल को भगवान विष्णु द्वारा धरती पर भेजा गया फल माना गया है. जिस पर देवी लक्ष्मी का अधिकार है. इसलिए माँ लक्ष्मी को छोड़कर कोई भी महिला नारियल नहीं फोड़ सकती है. नारियल को बीज रूप माना गया है और स्त्री बीज रूप में ही एक शिशु को जन्म देती है इसलिए नारियल फोड़ना महिलाओं को माना होता है.
नारियल में किसका वास होता है?
नारियल के फल के अलावा नारियल के पेड़ का भी हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. ऐसा माना जाता है कि नारियल के पेड़ में स्वयं माता लक्ष्मी वास करती हैं.
पूजा के बाद नारियल का क्या करना चाहिए?
पूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें। रात के समय इस नारियल को निकालकर किसी गणेश मंदिर में अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा कम से कम पांच शुक्रवार करें।
लेडीस नारियल क्यों नहीं पड़ती है?
परन्तु यह भी एक खास तथ्य है कि स्त्रियों द्वारा नारियल को नहीं फोड़ा जा सकता क्योंकि श्रीफल अर्थात नारियल एक बीज फल है जो उत्पादन या प्रजनन का कारक है। श्रीफल प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां बीज रूप में ही शिशु को जन्म देती है यही कारण है कि स्त्रियों को बीज रूपी नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए।
लड़कियां नारियल क्यों नहीं पड़ती है?
नारियल को भगवान विष्णु द्वारा धरती पर भेजा गया फल माना गया है. जिस पर देवी लक्ष्मी का अधिकार है. इसलिए माँ लक्ष्मी को छोड़कर कोई भी महिला नारियल नहीं फोड़ सकती है. नारियल को बीज रूप माना गया है और स्त्री बीज रूप में ही एक शिशु को जन्म देती है इसलिए नारियल फोड़ना महिलाओं को माना होता है.
Ladkiya नारियल क्यों नहीं फोड़ना चाहिए?
क्योंकि नारियल एक बीज फल है जो वनस्पति के उत्पादन या प्रजनन का कारक है। नारियल को प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां बीज रूप में ही शिशु को जन्म देती है। इसी कारण स्त्रियों को बीज रूपी नारियल को नहीं फोड़ना चाहिए।
कौन से दिन संबंध बनाने से लड़का पैदा होता है?
शास्त्रों के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को संतान प्राप्ति के लिए बनाए गए संबंध सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं। इन हफ्ते के चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी और मानसिक रुप से तेज होती है।
पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भधारण कब करें?
“यदि पुत्र की इच्छा करनी हो तो पत्नी को ऋतुकाल की 4,6,8,10 और 12वीं रात में से किसी एक रात को शुभ मुहूर्त पसंद करके समागम करना चाहिए. यदि पुत्री की इच्छा हो तो ऋतुकाल की 5,7 या 9वीं रात में से किसी एक रात को समागम करना चाहिए.”
पत्नी पति के बिना कितने दिन रह सकती है?
सबसे पहले जवाब दिया गया: एक शादीशुदा औरत बिना संबंध के कितने समय तक रह सकती है? एक स्त्री आजीवन बिना शारीरिक संबंध के रह सकती है जब वो बीमार हो या फिर उसका पति धोखेबाज हो।।
दिन में संबंध बनाने से क्या होता है?
ऐसे में पीरियड्स (Periods) के दौरान शारीरिक संबंध बनाना जोखिम भरा हो सकता है. एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. आमतौर पर योनि का pH स्तर 3.8 से 4.5 होता है लेकिन पीरियड्स में pH स्तर बढ़ जाता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है.
गर्भ में लड़का है तो क्या खाने का मन करता है?
लेकिन ऐसा माना जाता है कि मीठा खाने की क्रेविंग का संबंध गर्भ में लड़की होने से होता है जबकि नमकीन खाने की इच्छा होने का मतलब है लड़का होगा।
नारियल का फूल खाने से क्या लड़का पैदा होता है?
नारियल का फूल खाने से संतान की प्रप्ति होती है
नारियल का बीज संतान का रूप माना जाता है। सही विधि से नारियल के बीज के इस्तेमाल से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। नि:संतान दंपति को पुत्र की प्राप्ति होती है।
पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा दिन शुभ है?
कुछ विशिष्ट पंडितों तथा ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य के उत्तरायण रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्र तथा दक्षिणायन रहने की स्थिति में गर्भ ठहरने पर पुत्री जन्म लेती है। उनका यह भी कहना है कि मंगलवार, गुरुवार तथा रविवार पुरुष दिन हैं। अतः उस दिन के गर्भाधान से पुत्र होने की संभावना बढ़ जाती है।
कौन सा व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है?
Putrada Ekadashi 2022: पौष माह (Paush Month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाता है. व्रत के नाम से ही स्पष्ट है कि इस व्रत को रखने से पुत्र की प्राप्ति होती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है. जो लोग संतानहीन हैं, उन लोगों को यह व्रत अवश्य करना चाहिए.
प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए?
प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स से बचने की शर्तें
ऐसे मामले में, डॉक्टर सलाह देते हैं कि कम से कम 14 सप्ताह तक यौन संबंध न रखें। आपका डॉक्टर गर्भवती महिला को यौन संबंध नहीं रखने की सलाह दे सकता है। अगर उनके पास गर्भाशय ग्रीवा की बीमारी का इतिहास है, भारी ब्लीडिंग, योनि संक्रमण हो गया है और लो लेइंग प्लेसेंटा है।
गोरा बच्चा कैसे पैदा हो सकता है?
- हरी पत्तेदार सब्जियां ब्रोकली या अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक आदि में कई पोषक तत्व होते हैं, जो कि गर्भवती महिला के लिए आवश्यक होते हैं। …
- अंडा …
- बादाम …
- केला …
- केसर वाला दूध
स्त्री को जोश कब आता है?
ओव्यलैशन के समय- ओव्यलैशन जैविक रुप से सेक्स का सर्वोत्तम समय है क्योंकि इस वक़्त महिलाओं के हार्मोन्स काफी सक्रिय होते हैं। एस्ट्रोजन का स्तर अक्सर उच्च होता है और कभी-कभार ही कम होता है। साथ ही इस समय प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर भी काफी ऊंचा होता है जिससे महिलाओं को सेक्स की डिज़ायर बहुत अधिक होती है।
स्त्री को सबसे ज्यादा मजा कब आता है?
लेकिन महिलाओं का मानना था कि सुबह के समय उन्हें सेक्स करने में ज्यादा आनंद आता है। जब वह सुबह के समय यौन संबंध बनाती हैं तो उन्हें जल्दी ही संतुष्टि प्राप्त हो पाती है। यही कारण है कि ज्यादातर महिलाएं सुबह के समय सेक्स करना ज्यादा पसंद करती हैं।
पराई स्त्री अच्छी क्यों लगती है?
पुरुष क्यों पराई स्त्री से आकर्षित होते हैं
बच्चे के जन्म के बाद अक्सर ये देखा गया है कि स्त्री बच्चों का ध्यान अधिक रखती है. ऐसे में पुरुष का अपनी पत्नी के ओर से आकर्षण खत्म हो जाता है और वो पराई स्त्री से आकर्षित हो जाता है. उससे संबंध बना लेता है. कुछ पत्नी ऐसी होती हैं जो अपने पति का सम्मान नहीं करती हैं.