भगवान जी को हम कैसे देख सकते हैं? उनको देखने लायक चस्मा लगा कर। अब प्रश्न उठता है कि यह चस्मा कहां मिलेगा तो उसके लिए गुरू सानिध्य की आवश्यकता है। क्योंकि गुरु जी ही अज्ञान के अंधेरे को ज्ञान रूपी अंजन से दूर कर चक्षु खोलने का कृपा करते हैं।
भगवान को कैसे महसूस किया जा सकता है?
इसी तरह ईश्वर की उपस्थिति को दिल के द्वारा ही महसूस किया जा सकता है। भगवान इंद्रियों की विषय वस्तु नहीं बल्कि भावनाओं की भावना हैं, उपस्थिति की उपस्थिति है, चुप्पी की आवाज हैं, जीवन के प्रकाश हैं, दुनिया का सार हैं और परमानंद के स्वाद हैं।
क्या भगवान को देखा जा सकता है?
भगवान को अंतर दृष्टि से ही देखा या अनुभव किया जा सकता है । भगवान सुक्ष्म से भी सुक्ष्मतम ज्ञान के अन्तर्गत आने वाली शक्ति हैं तो हमें अगर ईश्वर को जानना है तो हमें भी उसी तरह की सुक्ष्मतम ज्ञान की अवस्था प्राप्त करने की आवश्यकता होती है ।
भगवान कहाँ मिलेंगे?
भगवान का अपना कोई रूप नहीं है, बल्कि वह सभी रूपों में सबके भीतर मौजूद हैं। भगवान मंदिरों की मूर्त तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सभी जगह हर रूप में बसे हैं। परमात्मा दुनिया की हर चीज में फैले हैं। सृष्टि में ऐसा कुछ भी नहीं जिसमें भगवान न हो।
क्या संकेत हैं कि भगवान आपके साथ है?
मधुर स्वभाव और विनम्र लोगों का साथ भी ईश्वर कभी नहीं छोड़ते हैं। अगर सपने में लगातार मंदिर या फिर भगवान की छवि दिखाई दे तो माना जाता है कि आप पर भगवान की कृपा बनी हुई है। अगर किसी महत्वपूर्ण कार्य में गलत निर्णय लेने से पहले मन में कुछ संशय आ जाए और आपको निर्णय लेने से रोक ले तो समझो ईश्वर आपके साथ हैं।
भगवान कब सुनते हैं?
सारी वासनाओं से उठकर जब हम सिर्फ उस परमानंद को पाने की मानस चेष्टा करते हैं, प्रार्थना हमारे भीतर गूंजने लगती है। प्रार्थना, मंत्रों का उच्चारण मात्र नहीं है, मन की आवाज है, जो परमात्मा तक पहुंचनी है। अगर मन से नहीं है, तो वो मात्र शब्द और छंद भर हैं।
भगवान का फोन नंबर क्या है?
उनकी नजर में 786 का बहुत महत्व है। अधिकतर लोग इस नंबर के नोट अपने पास सहेज कर रखते हैं, तो वही कई लोग अपनी गाड़ियों का नंबर भी यही रखते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 786 नंबर का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है। दरअसल, मुस्लिम धर्म के लोग 786 नंबर को बिस्मिल्लाह का रूप मानते हैं।
भगवान को खुश कैसे करें?
- प्रत्येक दिन करें भगवान विष्णु प्रत्येक दिन करें भगवान विष्णु का पाठ। …
- पीले वस्त्र धारण करना पीला वस्त्र और लाल वस्त्र पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता हैं। …
- केले के पेड़ की पूजा करना …
- पीले रंग की चीजें दान करना …
- जानवरों को भोजन कराना
पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए?
पूजा में क्षमा मांगने के लिए बोला जाता है ये मंत्र
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।
मंदिर में क्या क्या नहीं रखना चाहिए?
- मंदिर में कभी भी किसी भी भगवान की एक से ज्यादा मूर्ति नहीं होना चाहिए। …
- मंदिर में कभी भी टूटी या फिर खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। …
- घर के मंदिर में बड़ी मूर्तियां नहीं रखना चाहिए। …
- वास्तु शास्त्र में घर में शिवलिंग रखने के भी नियम बताए गए हैं। …
- मंदिर में कभी भी सूखे फूल नहीं रखने चाहिए।
भगवान किसकी सहायता करते हैं?
परम सत्य है कि भगवान उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं।” “जो कोई स्वतंत्र रूप से एक चट्टान से गिर रहा हो, सौभाग्य से, किसी चीज को तभी पकड़ सकता है जब वह उसके लिए प्रयास करता है।
कौन सा देश जो भगवान को नहीं मानता?
मध्य और पूर्वी यूरोपीय पड़ोसी देशों के विपरीत यूरोप महाद्वीप में बसे चेक गणराज्य के लोग ईश्वर में विश्वास नहीं रखते। प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के मुताबिक 18 देशों में किये गये प्रयोग से यह पता चला है कि चेक गणराज्य के लोग ईश्वर में यकीन नहीं रखते यानि वो पूरी तरह नास्तिक होते हैं।
गूगल हमें भगवान क्यों नहीं दिखते?
ठीक इसी तरह ईश्वर भी कण-कण में हैं, लेकिन हम उन्हें देख नहीं सकते, सिर्फ महसूस कर सकते हैं। जिस तरह पानी को गर्म करने का बाद नमक के कण दिखाई दिए, ठीक उसी तरह जब हम ध्यान, भक्ति और तप करते हैं, तब हमें भगवान के दर्शन हो सकते हैं। इसके लिए हमें हमारी बुराइयों को छोड़ना पड़ता है, तभी हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे पता करें कि भगवान हमारे साथ है या नहीं?
अगर आपको रात में नींद के दौरान बार-बार सपने आते हैं और सपनों में मंदिर, भगवान की मूर्ति या फोटो दिखाई देती हैं तो इसका मतलब है कि आप पर भगवान की कृपा बनी हुई है। कई बार ऐसा होता है कि आप किसी चीज को लेने के लिए आगे बढ़ते हैं, लेकिन लेते वक्त आपके मन में उसे लेकर कुछ संशय आ जाता है।
रात को सोते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै । तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?
यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।
घर के पूजा घर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?
माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?
कौन से देवी देवता रखने चाहिए
घर के पूजनस्थल में किन देवी-देवताओं को स्थापित करना चाहिए यह भी वास्तु के लिहाज से आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है।
भगवान क्या खाता है?
सनातन धर्म की मान्यता है कि भगवान खाते-पीते नहीं हैं। ‘न वै देवा: तु खादन्ति, न पिबन्ति जलं फलम्।
भगवान हमारा साथ कैसे देते हैं?
प्रभु हमेशा आराम, मार्गदर्शन और शक्ति प्रदान करते हैं, भले ही हमें इसका एहसास न हो। परमेश्वर के प्रेम और समर्थन के ये सूक्ष्म और कोमल प्रमाण विभिन्न तरीकों से आते हैं; उदाहरण के लिए, वे दूसरों की मदद के माध्यम से या पाठों, वार्ताओं, या भजनों के दौरान आ सकते हैं जो सीधे हमसे बात करते हैं ।
पूरी दुनिया का भगवान कौन है?
शिव ही महाकाल हैं, उन्हे देवों के देव महादेव के नाम से जाना जाता हैं. शिव ही सृष्टि के निर्माता हैं और शिव की सृष्टि का नाश करते हैं. शिव ऐसी शक्ति हैं जिनसे बाकी देवी देताओं की उत्पति हुई हैं. इसीलिए यह कहा जा सकता हैं कि शिव शकंर ही सबसे बड़े भगवान हैं.
भगवान हमारी कब सुनता है?
प्रार्थना आत्मा की पुकार होती है। प्रार्थना तब होती है जब आप कृतज्ञता महसूस कर रहे होते हैं या आप अत्यंत निस्सहाय या निर्बल महसूस कर रहे होते हैं। इन दोनों ही परिस्थितियों में आपकी प्रार्थना की पुकार सुनी जाएगी। जब आप निःस्सहाय होते हैं तो प्रार्थना अपने आप ही निकलती है।
भगवान के सामने रोने से क्या होता है?
भगवान के पास रोने का ये मतलब है
ऐसा लगता है कि उस व्यक्ति पर भगवान की कृपा बरस रही है। इतना ही नहीं भगवान भी इस संकट की स्थिति में अपने भक्तों की रक्षा के लिए नंगे पैर दौड़ते हैं।
भगवान कहाँ है?
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान बैकुंठ,और स्वर्ग आदि लोकों में रहते हैं। इस्लाम धर्म के अनुसार भगवान यानी अल्लाह जन्नत, मक्का-मदीना, और मस्जिद में रहते हैं। इसी तरह अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग स्थानों का जिक्र है। कुछ लोग उन्हें ढूंढने मंदिर जाते हैं, तो कुछ उन्हें ढूंढनेेेेे मस्जिद जाते हैं।
गूगल आपको भगवान कौन है?
भगवान को ईश्वरतुल्य माना गया है इसीलिए इस शब्द को ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर के रूप में भी उपयोग किया जाता है, लेकिन यह उचित नहीं है। ब्रह्मा, विष्णु, महेष, राम, कृष्ण और बुद्ध आदि सभी ईश्वर नहीं है। भगवान शब्द का उपयोग विष्णु और शिव के अवतारों के लिए किया जाता है।
अच्छे दिन आने से पहले भगवान क्या संकेत देते हैं?
पूजा के दौरान यदि भगवान की प्रतिमा पर रखा फूल या पत्ता आपके सामने गिर जाए, तो इसका मतलब होता है कि भगवान आपसे प्रसन्न हैं और जल्द ही आपकी मनोकामना पूरी होगी। किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देते जाते समय अगर आपको कोई गाय या नारियल दिख जाए तो यह शुभ संकेत माना जाता है।
भगवान किसकी मदद करता है?
कहावत ‘भगवान उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं’, यह बताता है कि यदि कोई केवल खुद की मदद करता है तब ही ईश्वर उसका पक्ष लेंगे। वहीं दूसरी तरफ, यदि हम किसी कठिनाई से बाहर आने या अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास नहीं करते हैं; तब भगवान हमारे संघर्ष को आसन बनाने के लिए कभी हस्तक्षेप नहीं करते।
भगवान को हम कैसे देख सकते हैं?
भगवान को पाने के 3 रास्ते गीता में बताए गए हैं। इनमें पहला है कर्म योग। दूसरा ज्ञान और तीसरा भक्ति याेग। भगवान श्रीकृष्ण जब अर्जुन को इन तीनों तरीके के बारे मे बताते हैं तब अर्जुन कहते हैं कि वे इन तीनों रास्तों पर नहीं चल पाएंगे।
मुझे भगवान से मिलने के लिए क्या करना पड़ेगा?
भगवान को पाने के 3 रास्ते गीता में बताए गए हैं। इनमें पहला है कर्म योग। दूसरा ज्ञान और तीसरा भक्ति याेग। भगवान श्रीकृष्ण जब अर्जुन को इन तीनों तरीके के बारे मे बताते हैं तब अर्जुन कहते हैं कि वे इन तीनों रास्तों पर नहीं चल पाएंगे।
मनुष्य भगवान को पाने के लिए क्या करता है?
उन्होंने कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने का सबसे उत्तम और सरल उपाय प्रेम ही है। प्रेम भक्ति का प्राण भी होता है। प्रेम के बिना इंसान चाहे कितना ही जप, तप, दान कर ले, ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता है। दुनिया का कोई भी साधन प्रेम के बिना जीव को ईश्वर का साक्षात नहीं करा सकता है।
सुबह उठते ही कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।। “ अर्थात् हथेलियों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है। प्रभात यानि (सुबह का समय) में मैं इनका दर्शन करता हूं।
रात में पति और पत्नी को कैसे सोना चाहिए?
बेड के दोनों तरफ कुछ जगह खाली रखें। पति को बेड के दाहिनी ओर और पत्नी को बायीं ओर सोना चाहिए। अगर आप रात में कई बार उठते रहते हैं तो आपको सोने के माहौल में सुधार करना चाहिए।
बिना नहाए पूजा कैसे करें?
जी हाँ बिना नहाए पूजा की जा सकती है और इससे परमेश्वर को कोई फर्क नई पड़ता कि हम नहाए है या नही ओर कोई भी चीज़ हमे बाहर से लग कर इस तरह असुद्ध नही कर सकती कि हम उस स्थिति में परमेश्वर से पूजा या प्राथना न कर सके या परमेश्वर हमारी प्राथना पूजा ग्रहण न करे वो हमारी प्राथना विनती तब भी सुनता है और हमे क़बूल भी करता है जब …
रोज किसकी पूजा करनी चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार इन पंचदेवों की पूजा करनी चाहिए—सूर्य, गणेश, दुर्गा, शंकर एवं विष्णु। सबसे पहले सूर्य की पूजा की जाती है। अब समयानुसार यह क्रम थोड़ा परिवर्तित हो गया।
घर के मंदिर में माचिस रखने से क्या होता है?
घर में बना मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है यहां पर माचिस रखना घर में नकारात्मकता लाता है और अपशगुन का कारण बनता है. घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति-तस्वीरें रखी जाती हैं, उनकी पूजा की जाती है इसलिए यहां पर हमेशा पवित्र और सकारात्मकता लाने वाली चीजें ही रखनी चाहिए.
घर के मंदिर में क्या नहीं रखना चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
भगवान का नंबर कौन सा नंबर है?
शब्द “ईश्वर का नंबर” कभी-कभी रूबिक के ग्राफ के ग्राफ व्यास को दिया जाता है, जो रूबिक के घन को मनमाने ढंग से प्रारंभिक स्थिति (यानी, सबसे खराब स्थिति में) से हल करने के लिए आवश्यक घुमावों की न्यूनतम संख्या है । रोकिकी एट अल। (2010) ने दिखाया कि यह संख्या 20 के बराबर है।
क्या भगवान को पैसे की जरूरत है?
GORAKHPUR : पूरे ब्रहाण्ड की रचना व संरक्षण करने वाले ईश्वर को किसी अदने से मनुष्य के दान की क्या जरूरत? ईश्वर का कोई स्वरूप किसी भी स्थिति में हमारे पैसे का का इच्छुक नहीं होगा फिर क्यों धर्मस्थलों पर दान-पात्र रखे होते हैं, लोग भगवान का डर दिखाकर पैसा मांगते हैं?
भगवान को कैसे देखें?
ईश्वर को जानने के लिए ईश्वर में लीन होना बहुत जरूरी है। जो इंसान लोभ, माया, लालच, अहं को छोड़कर ईश्वर ध्यान में लीन हो जाता है वहीं सही मायने में भगवान को जान सकता है। ईश्वर आराधना ही भगवान तक पहुँचने की सीढ़ी है, जो आपके लिए स्वर्ग के द्वार खोल देती है।
शंकर भगवान से बड़ा कौन है?
वे श्री नारायण को ही सर्वोपरि मानते हैं। उनकी मान्यता है कि भगवान शिव के पलक झपकने से ब्रह्म देव की मृत्यु होती है और श्री विष्णु के आँख झपकने से शिव जी मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
भारत में असली भगवान कौन है?
अद्वैत वेदांत का पालन करने वाले हिंदू प्रत्येक जीवित प्राणी के भीतर विष्णु या शिव या देवी के समान मानते हैं, या वैकल्पिक रूप से शाश्वत तत्वमीमांसा के समान हैं, जिसे हिंदू धर्म में ब्राह्मण कहा जाता है।