Solution : डॉक्टर मित्र ने बस के संबंध में व्यंग्य करते हए कहा कि “डरने की कोई बात नहीं है, नयी-नवेली बसों से ज्यादा विश्वसनीय है। हमें बेटी की तरह प्यार से गोद में लेकर जायेगी।”
डॉक्टर मित्र ने बस के बारे में क्या कहा?
डॉक्टर मित्र ने कहा-“डरो मत, चलो! बस अनुभवी है। नयी-नवेली बसों से ज्यादा विश्वसनीय है। हमें बेटों की तरह प्यार से गोद में लेकर चलेगी।”
लेखक ने अपने मित्र को क्या बताया?
लेखक के मित्र ने उसे दजला दलदल से ऊदबिलाव प्राप्त करने की सलाह दी।
डॉक्टर मित्र ने कैसे अनुभव बताया?
Solution : डॉक्टर मित्र ने बस को अनुभवी बताया।
बस की यात्रा पाठ के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
'बस की यात्रा' पाठ से क्या संदेश मिलता है? इस पाठ से यह संदेश मिलता है कि समयानुसार प्रत्येक वस्तु का नवीनीकरण आवश्यक है। जैस बस अब बिल्कुल भी चलने के लायक नहीं थी। बस के हिस्सेदारों का कर्तव्य बनता था कि वे उस बस को जबरदस्ती चलाने की बजाय नई बस लेते।
बस में कितने मित्र यात्रा कर रहे थे?
एक बार लेखक अपने चार मित्रों के साथ बस से जबलपुर जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए अपनी यात्रा बस से शुरु करने का फैसला लेते हैं। परन्तु कुछ लोग उसे इस बस से सफर न करने की सलाह देते हैं।
कितने मित्र बस की यात्रा पर चले?
बस की यात्रा पाठ का सारांश बस की यात्रा हरिशंकर परसाई जी द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध व्यंग है ,जिसमें उन्होंने यातायात की दुर्व्यस्था पर करारा व्यंग किया है। व्यंग के प्रारंभ में लेखक और चार मित्रों के तय किया कि शाम चार बजे की बस से जबलपुर चलें। … कंपनी के हिस्सेदार भी उसी बस से यात्रा कर रहे थे।
अपनी फ्रेंड को लेटर कैसे लिखे?
पहला पैराग्राफ: हम पहले पैराग्राफ को परिचयात्मक पैराग्राफ भी कहा जाता है। यहां आप अपना परिचय दे सकते हैं और अपनी खुशी व्यक्त कर सकते हैं. मतलब कि आप अपने दोस्त को लिख सकते हैं कि मुझे आशा है कि आप अच्छी तरह से हैं और मुझे याद कर रहे होंगे। इस पर आप 3 या 4 वाक्य में अपनी खुशी या परिचय व्यक्त कर सकते हैं।
दोस्त को लेटर कैसे लिखें?
सप्रेम नमस्ते ।
मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मैं इस शुभ अवसर पर अवश्य पहुँचूँ। परंतु मेरी परीक्षाएँ अत्यंत निकट होने के कारण मैं स्वयं को असमर्थ पा रहा हूँ। मुझे उम्मीद है मेरी विवशता को ध्यान में रखते हुए मुझे क्षमा करोगे । तुम्हारे जन्मदिवस के शुभ अवसर पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई व समस्त मंगलकामनाएँ।
बस यात्रा के बारे में डॉक्टर मित्र ने क्या बोला?
Solution : डॉक्टर मित्र ने बस के संबंध में व्यंग्य करते हए कहा कि “डरने की कोई बात नहीं है, नयी-नवेली बसों से ज्यादा विश्वसनीय है।
लेखक ने बस की तुलना किससे और क्यों की है?
Expert-Verified Answer
लेखक ने बस की तुलना एक वृद्ध महिला से की है। इस लेख के द्वारा लेखक अपनी बस यात्रा का अनुभव बता रहे है। वे बता रहे है कि बस में यात्रा करते समय उन्हें किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे एक बार बस से पन्ना जा रहे थे।
पहली बार बस क्यों रुकी?
प्रश्न-6 पहली बार बस किस कारण रुकी? उत्तर – पेट्रोल की टंकी में छेद होने के कारण पहली बार बस रुकी।
आदमी को कूच करने के लिए क्या चाहिए?
Answer: इस कथन का आशय यह है कि मनुष्य को इस संसार को त्यागने अर्थात मरने के लिए एक साधन की आवश्यकता होती है। यहाँ वह साधन बस है जिसमें कि लेखक और उसके मित्र यात्रा कर रहे हैं।
समझदार लोगों ने शाम वाली बस से यात्रा करने से क्यों मना किया?
“लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।” लोगों ने यह सलाह क्यों दी? Solution : लोगों ने यह सलाह लेखक को इसलिए दी, क्योंकि वे यह जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी धोखा दे सकती है। बस यात्रियों को गंतव्य तक ठीक से पहुँचा ही देगी यह कहना मुश्किल था।
बस का हर हिस्सा एक दूसरे से असहयोग क्यों कर रहा था?
हर हिस्सा दूसरे हिस्से से असहयोग क्यों कर रहा था? क्योंकि बस बीचोबीच से टूट रही थी। क्योंकि सभी हिस्से टूटे हुए थे। क्योंकि बस का कोई हिस्सा दूसरे से मिलकर नहीं चल रहा था।
लेखक और उसके मित्र कहाँ जा रहे थे?
उत्तर: लेखक व उसके मित्रों को जबलपुर जाना था। वे पन्ना किसी काम से आए थे।
हम पाँचों मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे वाली बस में सफर करेंगे वाक्य में कौन सा कारक है?
”हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।” ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि शब्द वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं।
फ्रेंड कैसे बनाने चाहिए?
नए दोस्त बनाने के लिए आप सच बोलें और आप जैसे हैं वैसे ही पेश आएं. अच्छे दोस्त बनाने के लिए दिखावे और झूठ का सहारा कभी न लें. – किसी को दोस्त बनाने के लिए अपनी पसंदीदा चीजों को बताने के साथ-साथ उनकी हॉबी, पसंद, दिलचस्पी भी जानने की कोशिश करें. उनसे पूछें कि उन्हें किस तरह का संगीत पसंद है.
फ्रेंड कैसे बनी?
- Friend बनाने के अलग अलग ज़रिये: 1) सोशल मीडिया: 2) हॉबी क्लास / ट्यूशन क्लास: 3) फंक्शन / पार्टीज: 4) मदद करो: …
- Friend बनाने के लिए इन टिप्स को ज़रूर फॉलो करो 1) दूसरों की मदद करो: 2) अपना बर्ताव अच्छा रखो: 3) अपने पर्सनालिटी को सुधारो: 4) खुश रहो:
पक्के दोस्त कैसे बनाएं?
- दोस्ती खुशनुमा हो: क्या सोच रहे हैं कि ये कौन सी बात है लेकिन सच है. दोस्ती में हमेशा कंप्लेन मत करिए. …
- ईमानदार रहिए: जीहां हर अच्छे, बुरे में दोस्त के साथ ईमानदार रहिए. …
- अंडरस्टैंडिंग बनाएं और साफ बोलें: अपने दोस्त को अच्छी तरह समझने की कोशिश करें तभी आप उसे अपने को समझने में मदद कर सकेंगे.
दोस्त कैसे बनाई जाए?
- दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार रखें: किसी को भी अपना दोस्त बनाने के लिए सबसे पहला तरीका दूसरों के प्रति अपना व्यवहार अच्छा रखना है। …
- प्यार से रहें: सबके साथ प्यार से रहना, हर किसी को एक समान समझना, सबको साथ लेकर चलना दोस्ती करने के लिए बहुत जरूरी है। …
- घमंड न करें: रिश्ते बहुत ही नाजुक होते हैं।
भगवान के डाकिए कौन है और क्यों?
Answer: पक्षी और बादल भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये एक देश से होकर दूसरे देश में जाकर सद्भावना का संदेश देते हैं।
लोगों ने बस चालक से माफी क्यों माँगी?
Answer. जब बस एक निर्जन सुनसान स्थान पर रुक गई तो सभी यात्री घबरा गए । … लेकिन जब परिचालक डेढ़- दो घंटे बाद एक खाली बस लेकर आया और सभी यात्रियों से कहा कि, “आप लोग दूसरे बस में बैठ जाइए, क्योंकि यह बस चलने की स्थिति में नहीं है । तब सभी यात्रियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन लोगों ने चालक से माफी माँगी।
डॉक्टर मित्र ने लेखक को क्या कहा था?
Answer. Explanation: बस की हालत देखकर लेखक का मन नही हुआ तो लेखक के डॉक्टर मित्र ने कहा, डरो मत, चलो।
भारत में बस कब चली?
भारत में पहली बस कब चली थी ? कलकत्ता (कोलकाता) में अश्वचालित बस सेवा 1830 में आरम्भ हुई; तीन घोड़े वाली यह बस धर्मतोला से बैरकपुर जाती थी। असीम बन्दो के ब्लॉग के अनुसार 22 नवम्बर 1830 को पहली बार कलकत्ता में अश्वचालित बस सञ्चालित की गई थी।
समझदार आदमी शाम वाली बस में सफर क्यों नहीं करता?
‘समझदार आदमी इस शाम वाली बस में सफर नहीं करते’ लोगों ने लेखक और उसके मित्रों को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी धोखा दे सकती है।
बदलू के दिल में क्या व्यथा थी?
बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं।
लेखक को ऐसा क्यों लगा?
लेखक कहता है बस के स्टार्ट होते हुए वो इतना शोर कर रहा था मानो कि उन्हें ऐसा लगा जैसे इंजन आगे नहीं अपितु पूरी बस में लगा हो, क्योंकि उसका इंजन दयनीय स्थिति में था। इससे पूरी बस हिल रही थी, इसलिए उन्हें लगा की सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।
बस का दूसरा नाम क्या है?
इस बारे में कुछ सही अर्थ आपको कही नहीं मिलेगा क्योंकि बस के लिए कोई तय हिंदी शब्द नहीं है पर इस के लिए यात्रा मोटर वाहन शब्द का इस्तेमाल जरूर किया जाता है ।
भारत में पहली बार बस कब चली थी?
15 मई 1947 को बस संचालन शुरू हुआ था, ये वह वक्त जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। सबसे पहली रोडवेज बस सेवा कैसरबाग स्थित अवध बस डिपो से लखनऊ-बाराबंकी के बीच चली थी।
आदमी ने लेखक का चक्र क्यों हिलाया?
उसने साइकिल को लेखक से दूर ले लिया और अपने आप को उस पर तब तक दुगुना किया जब तक कि वह अपना संतुलन खो बैठा और उसके सिर के बल गिर गया। यह तथ्य कि साइकिल ने उसके चेहरे पर तेल गिरा दिया और उसे उसके सिर पर फिसला दिया, उस आदमी को गुस्सा आ गया । उसने आपा खो दिया और साइकिल को धमकाने लगा।
बस की यात्रा में कितने मित्र?
एक बार लेखक अपने चार मित्रों के साथ बस से जबलपुर जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए अपनी यात्रा बस से शुरु करने का फैसला लेते हैं। परन्तु कुछ लोग उसे इस बस से सफर न करने की सलाह देते हैं। उनकी सलाह न मानते हुए, वे उसी बस से जाते हैं किन्तु बस की हालत देखकर लेखक हंसी में कहते हैं कि बस पूजा के योग्य है।
पांच मित्रों ने क्या तय किया?
पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।” ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि शब्द वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं।
बस इतना ही काफी है इस वाक्य में ही किसी बात पर जोर देने का कार्य कर रहा है ऐसे शब्दों को क्या कहते हैं?
बस इतना ही काफ़ी है। फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ। ‘ही‘, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहतेहैं।
एक देश का पानी कहाँ गिरता है?
हवा में उड़ते पक्षियों के साथ-साथ दूसरे देशों की गंध-सुगंध हम तक पहुंचती है। अर्थात दूसरे देशों के बारे में हम जान पाते हैं। इसी तरह एक देश का जल सूरज की किरणों से भाप बनकर बादलों के रूप में दूसरे देश में बरसता है।
क्या निराश हो जाए?
हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित ‘क्या निराश हुआ जाए‘ एक श्रेष्ठ निबंध है। इस पाठ के द्वारा लेखक देश में उपजी सामाजिक बुराइयों के साथ-साथ अच्छाइयों को भी उजागर करने के लिए कहते है। वे कहते है समाचार पत्रों को पढ़कर लगता है सच्चाई और ईमानदारी ख़त्म हो गई है। आज आदमी गुणी कम और दोषी अधिक दिख रहा है।
अपनी गलती की माफी कैसे मांगे?
- किसी से भी सच्चे मन से माफ़ी मांगे. कुछ लोग सिर्फ सॉरी बोलकर निकल जाते हैं. …
- आज के समय में गलती करने पर लोग व्हाट्सएप या कॉल करके माफ़ी मांग लेते हैं. ऐसे माफ़ी मांगना सिर्फ फोर्मालिटी होती हैं. …
- गलती होने पर तुरंत माफ़ी मांग ले. कुछ लोग गलती करने के बाद कुछ दिन तक गलती का स्वीकार नहीं करते हैं.
किसी से माफी कैसे मांगते हैं?
दिल से मांगे माफी
सॉरी कह देने से माफी मिल जाए यह जरूरी नहीं है, क्योंकि कभी-कभी आपके सॉरी से ज्यादा आपका व्यवहार बताता है कि आप अपने में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए सॉरी बोलने से पहले यह विश्वास दिलाएं कि आप दिल से माफी मांगना चाहते हैं. पार्टनर को यह एहसास दिलाएं कि आपको अपनी गलती का एहसास हो चुका है.
मोहन के पिता ने डॉक्टर को कितने रुपए दिए थे?
उत्तर: मोहन के पिताजी ने वैद्य को दवा देने के बदले पांच रुपए का नोट दिया था।
लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
Solution : लेखक को यह सुनकर हैरानी इसलिए हुई कि देखने में तो बस अत्यन्त पुरानी खटारा-सी लग रही थी। उसे देखकर विश्वास नहीं हो पा रहा था कि यह सफर तय कर सकेगी। इसी कारण उसने कम्पनी के हिस्सेदार से पूछा कि यह बस चलती भी है, तब उन्होंने कहा कि यह अपने आप चलती है। यही लेखक की हैरानी का कारण था।
बदलू को कौन सी बीमारी थी?
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