प्लेटो ने कहा है- “नागरिकों के कर्त्तव्य भावना ही राज्य का न्याय सिद्धांत है।” राज्य से अलग व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं है। प्लेटो का न्याय सिद्धांत राज्य में एकता व सामंजस्य स्थापित करता है। व्यक्ति का व्यक्तित्व राज्य के व्यक्तित्व में ही लीन हो जाता है। 12.
प्लेटो के अनुसार न्याय क्या है समझाइए?
इस सिद्धांत के अनुसार न्याय का अर्थ है मनुष्य को वह देना जो उसके लिए अच्छा हो। सरल शब्दों में, इसका अर्थ है मित्रों को लाभ और शत्रुओं को बुराई। हालाँकि, प्लेटो ने इस सिद्धांत की इस आधार पर आलोचना की कि मित्र और शत्रु के बीच अंतर करना कठिन है, और इसलिए इस आधार पर हम लोगों के प्रति अपना आचरण तय नहीं कर सकते।
प्लेटो ने न्याय के कितने रूप बताए हैं?
(3) न्याय के दो रूप – प्लेटो ने न्याय के दो रूपों का उल्लेख किया है 'व्यक्तिगत न्याय और सामाजिक न्याय। (4) न्याय हस्तक्षेपहीनता का सिद्धान्त है – प्लेटो का स्पष्ट कहना है राज्य के तीनों वर्गों- शासक, सैनिक और उत्पादक को केवल अपने-अपने का ही करने चाहिए। इन्हें दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
प्लेटो के न्याय सिद्धांत की विशेषताएं क्या है?
प्लेटो न्याय सिद्धांत का प्रतिपादन करके यह दिखाना चाहता है कि व्यक्ति व समाज में कोई संघर्ष नहीं है। वह व्यक्ति को यह आभास कराना चाहता है कि वह समाज एवं राज्य का एक जिम्मेदार सदस्य है और वह समाज व राज्य में रहकर ही अपना विकास कर सकता है। 5. प्लेटों का न्याय कानूनी विषय न होकर सामाजिक नैतिकता का विषय है।
प्लेटो का सिद्धांत क्या है?
प्लेटो के न्याय सिद्धांत में व्यक्ति के अधिकारों, उसकी स्वतन्त्रताओं, उसके ऐच्छिक कार्यों के क्षेत्र आदि की कोई व्यवस्था नहीं। प्लेटो यह तो कहता है कि कोई किसी दूसरे के कार्य या क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करे, परन्तु इस बात की कोई व्यवस्था नहीं करता कि यदि कोई हस्तक्षेप करता है तो उसके लिए क्या दण्ड होगा।
प्लेटो का पूरा नाम क्या है?
प्लेटो का वास्तविक नाम एरिस्तोकलीज था, उसके अच्छे स्वास्थ्य के कारण उसके व्यायाम शिक्षक ने इसका नाम प्लाटोन रख दिया। लोगों का विचार है कि इस दौरान वह इटली, यूनान और मिस्र आदि देशों में घूमता रहा।
प्लेटो का नया नाम क्या है?
पश्चिमी जगत की दार्शनिक पृष्ठभूमि बनाने में प्लेटो की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । प्लेटो का जन्म एथेंस के एक कुलीन परिवार में हुआ था और उनको अफलातून के नाम से भी जाना जाता था । प्लेटो को दर्शन शास्त्र और राजनीतिक चिंतन के प्रथम जनक के रूप में भी जाना जाता है ।
प्लेटो के अनुसार सत्य झूठ क्या है?
प्लेटो द्वारा वर्णित ‘ उदात्त झूठ क्या है ? जब लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए झूठ का सहारा लिया जाए तो प्लेटो उसे ‘ उदात्त झूठ ‘ की संज्ञा देता है । प्लेटो के शिक्षा के सिद्धान्त की दो विशेषताएँ बताइए । ( 1 ) मनुष्य के सर्वांगीण विकास पर बल देना , ( 2 ) धर्म और नैतिकता को उचित स्थान देना ।
न्याय के 4 प्रकार कौन से हैं?
यह लेख बताता है कि न्याय के चार अलग-अलग प्रकार हैं: वितरणात्मक (यह निर्धारित करना कि किसे क्या मिलता है), प्रक्रियात्मक (यह निर्धारित करना कि लोगों के साथ कितना उचित व्यवहार किया जाता है), प्रतिकारात्मक (गलत काम करने के लिए दंड के आधार पर) और पुनर्स्थापनात्मक (जो रिश्तों को बहाल करने की कोशिश करता है) “सहीपन।”) ये चारों हैं …
प्लेटो ने गणतंत्र क्यों लिखा?
अकादमी के रूप में जाना जाता है, प्लेटो के स्कूल का उद्देश्य भविष्य के यूनानी नेताओं को शासन में कारण और ज्ञान का उपयोग करने के लिए शिक्षित करना था। अकादमी की स्थापना के कुछ ही समय बाद, प्लेटो ने अपना सबसे महत्वपूर्ण कार्य, द रिपब्लिक लिखा। इस काम में, प्लेटो ने एक आदर्श समाज और सरकार को डिजाइन करने का प्रयास किया जो अन्याय और संघर्ष से मुक्त हो ।
प्लेटो बच्चे कौन है?
प्लेटो के अलावा, अरिस्टन और पेरिकिशन के तीन अन्य बच्चे थे; दो बेटे, एडिमेंटस और ग्लॉकोन, और एक बेटी पोटोन, स्पीसिपस की मां (अकादमी के प्रमुख के रूप में प्लेटो के भतीजे और उत्तराधिकारी)।
न्याय का शरीर में स्थान कहाँ है?
2. शरीर :- न्याय दर्शन के अनुसार शरीर दूसरा प्रमेय है इस की प्राप्ति को दूर करने के लिए जो क्रिया किया जाए, उसे चेष्टा कहते हैं। जिसमें यह चेष्टा रहे या जिसमें इन्द्रियाँ रहें या जिसमें जीवात्मा को सुख-दुःख का अनुभव हो वही शरीर है। इसे ‘भोगायतन’ भी कहते हैं।
न्याय का दूसरा अर्थ क्या है?
नैतिकता, औचित्य, विधि (कानून), प्राकृतिक विधि, धर्म या समता के आधार पर ‘ठीक’ होने की स्थिति को न्याय (justice) कहते हैं।
प्लेट को इंग्लिश में क्या बोलेंगे?
A plate is a flat piece of metal, for example on part of a machine.
प्लेटो का दूसरा नाम क्या था?
प्लेटो (४२८/४२७ ईसापूर्व – ३४८/३४७ ईसापूर्व), या अफ़्लातून, यूनान का प्रसिद्ध दार्शनिक था।
अरस्तु के अनुसार मनुष्य क्या है?
अरस्तु का मानना है कि मनुष्य एक सामाजिक और राजनीतिक प्राणी है, अत: वह एकाकी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता। वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। सामाजिकता का गुण अन्य जीवधारियों में भी पाया जाता है, किन्तु मनुष्य की सामाजिकता का गुण अन्य से अधिक है।
अरस्तु कहाँ के रहने वाले थे?
प्लेटो का वास्तविक नाम क्या?
महान् यूनानी दार्शनिक प्लेटो का जन्म 427 ई. पूर्व में एथेन्स के एक कुलीन परिवार में हुआ था । उनके पिता अरिस्टोन एथेन्स के अन्तिम राजा कोर्डस के वंशज तथा माता पेरिकतिओन यूनान के सोलन घराने से थी । प्लेटो का वास्तविक नाम एरिस्तोकलीज था, उसके अच्छे स्वास्थ्य के कारण उसके व्यायाम शिक्षक ने इसका नाम प्लाटोन रख दिया ।
पृथ्वी जैसा ग्रह कौन सा है?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रह की खोज का दावा किया है। इसे ‘कैप्लर 452बी’ नाम दिया गया है। यह ग्रह सोलर सिस्टम के अंदर ही है। रिसर्च के मुताबिक, ‘कैप्लर 452बी’ पृथ्वी की ही तरह चट्टानी है।
धरती से कौन सा ग्रह दिखता है?
पृथ्वी से पांच ग्रह को आप देख सकते है। इन ग्रहों को आप पृथ्वी से अलग अलग दिशाओं में देख सकते है… बुध,शुक्र ,मंगल, बृहस्पति और शनि। धन्यवाद्।
पृथ्वी की बहन कौन है?
शुक्र को पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है.
ग्रहों का राजा कौन है?
यह मिलन है ग्रहों की रानी कहे जाने वाले वीनस और ग्रहों के राजा ज्यूपिटर का।
भारत में कितने प्रकार के न्याय हैं?
अनुच्छेद 38 :- लोक कल्याण को उन्नति हेतु राज्य सामाजिक व्यवस्था बनायेगा। ( 1 ) राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनु प्रमाणित करें, भरसक कार्यसाधन रूप में स्थापना और संरक्षण करके लोक कल्याण की उन्नति का प्रयास करेगा।
न्याय के तीन 3 प्रकार कौन से हैं?
- प्राकृतिक न्याय
- नैतिक न्याय
- राजनीतिक न्याय
- आर्थिक न्याय
- सामाजिक न्याय
- कानूनी न्याय
स्वतंत्रता कितने प्रकार के होते हैं?
- राजनीतिक स्वतंत्रता राज्य की राजनीतिक प्रक्रिया मे स्वतंत्रतापूर्वक सक्रिय भाग लेने की स्वतंत्रता राजनीतिक स्वतंत्रता कहलाती है। …
- आर्थिक स्वतंत्रता …
- प्राकृतिक स्वतंत्रता …
- नागरिक स्वतंत्रता …
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता …
- स्वाभाविक स्वतंत्रता …
- सामाजिक स्वतंत्रता …
- सांस्कृतिक स्वतंत्रता
अरस्तु की मृत्यु कैसे हुई?
उन पर नास्तिकता का भी आरोप लगाया गया। वो दंड से बचने के लिये चल्सिस चले गये और वहीं पर एलेक्सेंडर की मौत के एक साल बाद 62 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गयी। इस तरह अरस्तु महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य और सिकन्दर के गुरु बनकर इतिहास के पन्नो में महान दार्शनिक के रूप में अमर हो गये।
मनुष्य का दर्शन क्या है?
मानव प्रकृति के अर्थ के उपचार के रूप में, पाठ्यक्रम मानव व्यक्ति को भौतिक प्राणी के रूप में मानता है, ज्ञाता के रूप में, जिम्मेदार एजेंट के रूप में, अन्य व्यक्तियों के संबंध में एक व्यक्ति के रूप में, समाज के लिए, ईश्वर के लिए, और अंत तक, या उद्देश्य के लिए, मानव जीवन की। फिल 280: बीइंग ह्यूमन।
प्लेटो ने क्या लिखा था?
प्लेटो ने अपने ग्रंथ “रिपब्लिक” में शिक्षा पर इतने विस्तार से लिखा है कि रूसो ने “रिपब्लिक” को शिक्षा पर लिखा गया ग्रंथ कहा है। प्लेटो के अनुसार- नागरिको में सद्चरित्र और सदगुणों का विकास शिक्षा द्वारा ही संभव है।
पृथ्वी का भाई कौन है?
केपलर अंतरिक्ष दूरबीन से मिले ग्रह को केपलर 452बी नाम दिया है। सौर मंडल से बाहर मिला यह ग्रह हमारी धरती की तरह है। केपलर-452बी नाम का यह ग्रह जी2 जैसे सितारे की परिक्रमा जीवन के लायक क्षेत्र में कर रहा है।
भगवान कौन से ग्रह पर रहते हैं?
तो किस ग्रह पर रहते हैं भगवान? पौराणिक धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि जब भी भक्त की पुकार सुन भगवान उसे दर्शन देने आते, तो वह आसमान से आते थे। आसमान में अनंत ग्रह हैं।
पृथ्वी का पिता कौन है?
पृथ्वी के पिता का नाम पृथु बताया जाता है। पृथु भगवान विष्णु के अंश से प्रकट हुए थे। पृथु को धरती का पहला राजा माना जाता है। कहते हैं कि पृथु ने सबसे पहले भूमि को समतल करके खेती शुरू की और समाजिक व्यवस्था की आधारशीला रखी।
पृथ्वी का असली नाम क्या है?
पृथ्वी अथवा पृथिवी एक संस्कृत शब्द हैं जिसका अर्थ ” एक विशाल धरा” निकलता हैं। एक अलग पौराणिक कथा के अनुसार, महाराज पृथु के नाम पर इसका नाम पृथ्वी रखा गया। इसके अन्य नामो में- धरा, भूमि, धरित्री, रसा, रत्नगर्भा इत्यादि सम्मिलित हैं।
पृथ्वी का राजा कौन है?
पृथु राजा वेन के पुत्र थे। भूमण्डल पर सर्वप्रथम सर्वांगीण रूप से राजशासन स्थापित करने के कारण उन्हें पृथ्वी का प्रथम राजा माना गया है।
पृथ्वी की बहन कौन सी ग्रह है?
शुक्र को पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है.
प्लेटो का मतलब क्या होता है?
प्लेटो (४२८/४२७ ईसापूर्व – ३४८/३४७ ईसापूर्व), या अफ़्लातून, यूनान का प्रसिद्ध दार्शनिक था। वह सुकरात (Socrates) का शिष्य तथा अरस्तू (Aristotle) का गुरू था। इन तीन दार्शनिकों की त्रयी ने ही पश्चिमी संस्कृति का दार्शनिक आधार तैयार किया। यूरोप में ध्वनियों के वर्गीकरण का श्रेय प्लेटो को ही है।