नई मूर्ति की स्थापना के बाद पुरानी मूर्तियों का भूलकर भी अपमान न करें. इन्हें किसी कागज या साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रख दें. फिर जब भी आपको मौका मिले, आप अपने घर के पास किसी नदी या नहर में उन्हें विसर्जित कर दें.
दिवाली के बाद लक्ष्मी गणेश का क्या करें?
हिंदू धर्म के अनुसार पुरानी मूर्तियों को साफ पानी में विसर्जित कर देना चाहिए। इसलिए, दीवाली पूजा के बाद, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जन मुहूर्त के दौरान विसर्जन मंत्र का जाप करते हुए किसी नदी या तालाब में विसर्जित करने की आवश्यकता होती है।
भगवान की पुरानी मूर्तियों का क्या करें?
जल निकाय में टूटी हुई मूर्ति को विसर्जित करते समय पालन करने के अनुष्ठानों के लिए किसी विशेषज्ञ से पूछें। अगर मूर्ति धातु की बनी हो या उसमें केमिकल मिला हुआ हो तो उसे पीपल के पेड़ के नीचे रख सकते हैं। यह क्षतिग्रस्त मूर्ति को घर से दूर निपटाने के सबसे सामान्य तरीकों में से एक है। कई लोग मूर्ति को जलाना भी पसंद करते हैं।
लक्ष्मी पूजा का विसर्जन कैसे करें?
मिट्टी की बनी मूर्तियों को भी तालाबों की जगह घरों में विसर्जित करने की जरूरत है। लक्ष्मी-गणेश हर घर में स्थापित होती है। इन्हें दीपावली के बाद घर पर ही टब में पानी भर कर विसर्जित करें। विसर्जन के बाद जो मिट्टी टब में बच जाएगा, उसे एक गमले में सहेज लें।
गणेश जी की मूर्ति को घर में कितने दिन तक रखना चाहिए?
परंपरा के अनुसार, भक्त गणेश की मूर्ति को 1, 3, 7, या 10 दिनों के लिए घर ले जा सकते हैं और आदर्श को एक साफ और सजाए गए मंच पर रख सकते हैं।
पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए?
नई मूर्ति की स्थापना के बाद पुरानी मूर्तियों का भूलकर भी अपमान न करें. इन्हें किसी कागज या साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रख दें. फिर जब भी आपको मौका मिले, आप अपने घर के पास किसी नदी या नहर में उन्हें विसर्जित कर दें. अगर नदी या नहर का पानी गंदा हो तो पुरानी मूर्तियों को उसमें प्रवाहित न करें.
घर के पूजा घर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?
माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
पूजा घर में क्या नहीं करना चाहिए?
ऐसी मान्यता है कि घर के पूजा स्थल में हमें मूर्तियां नहीं स्थापित करनी चाहिए। इसे गृहस्थ लोगों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। आप इसके स्थान पर तस्वीरों या फिर बहुत छोटी मूर्तियां रख सकते हैं और किसी भी भगवान की एक से अधिक तस्वीर या फिर प्रतिमा न रखें।
लक्ष्मी जी का मुंह किधर होना चाहिए?
1-वास्तु के अनुसार, मंदिर या पूजा कक्ष घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए और माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति उत्तर दिशा में होनी चाहिए। माता लक्ष्मी की मूर्ति मुख इस प्रकार रखना चाहिए कि जब भी आप उनकी पूजा करें तो आपका मुख उत्तर दिशा की ओर हो।
घर के मुख्य द्वार पर कौन सी तस्वीर लगानी चाहिए?
घर के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी-कुबेर की तस्वीर लगाना शुभ होता है। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से धन लाभ होता है। घर के मुख्य दरवाजे पर सिंदूर से मां लक्ष्मी के पैर बनाने से घर पर धन-दौलत और समृद्धि का आगमन होता है।
गणेश जी का गांव कौन सा है?
उत्तरकाशी जिले के डोडीताल को गणेशजी का जन्म स्थान माना जाता है।
गणेश जी के चूहे का नाम क्या है?
गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश का चूहा पूर्व जन्म में एक गंधर्व था जिसका नाम क्रोंच था।
मां काली की फोटो घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में कभी भी मां काली की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि मां काली दुर्गा माता का विध्वंसक रूप है जो हमेशा क्रोध रूप में होती है। मां काली की पूजा तंत्र साधना में अधिक की जाती है। इसलिए इस तरह की तस्वीर पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए।
12 00 बजे के बाद पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?
यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।
घर में मंदिर कहाँ नहीं होना चाहिए?
घर में मंदिर पूर्व, उत्तर दिशा या ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व के कोने में बनाना चाहिए। अगर इस दिशा में मंदिर बनाना संभव न हो तो पश्चिम दिशा में बनवा सकते हैं, लेकिन दक्षिण दिशा में मंदिर बनवाने से बचना चाहिए। मंदिर के लिए ये दिशा शुभ नहीं मानी जाती है। पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा में हो तो शुभ रहता है।
गणेश जी की बेटी का नाम क्या है?
शास्त्रों के अनुसार गणेश जी का विवाह भी हुआ था इनकी दो पत्नियां हैं जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है तथा इनसे गणेश जी को दो पुत्र और एक पुत्री हैं जिनका नाम शुभ और लाभ नाम बताया जाता है, यही कारण है कि शुभ और लाभ ये दो शब्द आपको अक्सर उनकी मूर्ति के साथ दिखाई देते हैं तथा ये सभी जन्म और मृत्यु में आते है, गणेश जी की पूजा …
गणेश जी पूर्व जन्म में कौन थे?
गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश का चूहा पूर्व जन्म में एक गंधर्व था जिसका नाम क्रोंच था।
गणेश क्या खाता है?
- – मोदक के लड्डू घी, नारियल, गुड़, सूखे मेवे, चावल के आटे आदि से तैयार किया जाता है। …
- – मोदक के लड्डू में कभी भी चीनी नहीं मिलानी चाहिए। …
- – मोदक के सेवन से थायराइड की समस्या को कम किया जा सकता है।
मां काली को नींबू क्यों चढ़ाते हैं?
यह 108 नींबू की माला बनाकर मां काली को चढ़ाएं और उनके आगे प्रार्थना भी करें। शीघ्र आप पाएंगे कि आपके सभी शत्रु व गुप्त शत्रु आप से दूर होते जा रहे हैं। नींबू को बलि देने के तौर पर उपयोग किया जाता है। मां काली को नींबू की माला चढ़ाने से वह बहुच प्रसन्न होती हैं।
बिना नहाए पूजा कैसे करें?
जी हाँ बिना नहाए पूजा की जा सकती है और इससे परमेश्वर को कोई फर्क नई पड़ता कि हम नहाए है या नही ओर कोई भी चीज़ हमे बाहर से लग कर इस तरह असुद्ध नही कर सकती कि हम उस स्थिति में परमेश्वर से पूजा या प्राथना न कर सके या परमेश्वर हमारी प्राथना पूजा ग्रहण न करे वो हमारी प्राथना विनती तब भी सुनता है और हमे क़बूल भी करता है जब …
घर के मंदिर में माचिस रखने से क्या होता है?
घर में बना मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है यहां पर माचिस रखना घर में नकारात्मकता लाता है और अपशगुन का कारण बनता है. घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति-तस्वीरें रखी जाती हैं, उनकी पूजा की जाती है इसलिए यहां पर हमेशा पवित्र और सकारात्मकता लाने वाली चीजें ही रखनी चाहिए.
कौन से भगवान की मूर्ति घर में नहीं रखना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कभी भी एक ही देवी-देवता की अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. वास्तु में इसे अशुभ माना गया है. इसके अलावा मंदिर में कभी भी रौद्र रूप वाली मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए. ऐसी तस्वीर या मूर्ति रखने से अनिष्ट होता है.
मन का देवता कौन है?
वैसे चंद्रदेव और शुक्र को मन की नाजुक अनुभूतियों का देवता माना जाता है।
सुबह उठते ही मुख्य द्वार पर क्या करना चाहिए?
घर के प्रवेश द्वार पर ओम, श्री गणेश, मां लक्ष्मी के चरण चिन्ह और शुभ-लाभ के प्रतीक चिह्नों को लगाएं। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होगा। ख्याल रखें कि सुबह जब भी मुख्य द्वार खोलें तो सर्वप्रथम इन प्रतीक चिन्हों को प्रणाम करें, इसके बाद ही द्वार खोलें।
मेन गेट पर कौन सा फोटो लगाना चाहिए?
4- मेनगेट पर हमें स्वास्तिक, ऊँ या भगवान गणेश की प्रतिमा लगानी चाहिए। ऐसा करने से शुभता में वृद्धि होती है और घर में सुख –समृद्धि का आगमन होता है।
पलंग कौन सी दिशा में रखना चाहिए?
पलंग का सिरा पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
सुबह सुबह कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?
सुबह उठकर भगवान का नाम लेना चाहिए यह हम सभी जानते हैं। लेकिन एक रामचरित मानस के अंश सुंदरकांड में स्वयं भगवान हनुमान का एक कथन है, जिसमें वह कहते हैं कि सुबह उठते ही उनका नाम नहीं लेना चाहिए। तुलसीदासजी हनुमानजी के कथन में लिखते हैं – ‘प्रात: लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।।
महिलाओं को सुबह कितने बजे उठना चाहिए?
सुबह इस बीच जागने की कोशिश करें
इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में जागना हो सकता है उनके लिए मुमकिन न हो। डॉ. भवसार कहती हैं कि ऐसे में सुबह 6:30 बजे से 7 बजे के बीच जागने की कोशिश करनी चाहिए।
दीया का मुंह किधर होना चाहिए?
मान्यता है कि दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर होना शुभ होता है। इस दिशा में दीपक जलाने से जातक लंबी उम्र पाता है। वास्तु के हिसाब से पश्चिम दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक की लौ इस ओर रखने से हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
घर में क्या रखना शुभ होता है?
आप चांदी, पीतल या कांसे की धातु से बना कछुआ घर में रख सकते हैं. इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं. घर में चांदी का हाथी रखना भी बेहद शुभ माना जाता है. इससे व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलने की मान्यता है.
काली माता किसकी बेटी है?
मां भगवती का वह अंश भगवान शिव के शरीर में प्रवेश कर उनके कंठ में स्थित विष से अपना आकार धारण करने लगा. विष के प्रभाव से वह काले वर्ण में परिवर्तित हुआ. भगवान शिव ने उस अंश को अपने भीतर महसूस कर अपना तीसरा नेत्र खोला. उनके नेत्र द्वारा भयंकर-विकराल रूपी काले वर्ण वाली मां काली उत्तपन हुई.
शाम को घंटी क्यों नहीं बजाना चाहिए?
– हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कि बताया गया है कि शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.
घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?
माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?
यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।
ज्यादा पूजा पाठ करने से क्या होता है?
इसका सीधा सा उत्तर यह है कि ज्यादा पूजा पाठ करने वाला भक्ति के स्वरूप को नही समझने के कारण पूजा पाठ तो करता है, लेकिन वह अनजाने में सकाम पूजा ही करता है जिसका फल उसे सुख दुख के रूप में ही मिलता है। ज्यादा पूजा पाठ करने वाला बेशक ज्यादा पूजा पाठ या भक्ति करता हुआ नजर आता है लेकिन वह कर्मकांड को ठीक से नही करना जानता है।