नरक से मुक्ति के लिए एकादशी का व्रत बड़ा ही उत्तम साधन माना गया है। एकादशी भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि है, इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति का वास होता है और व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिलती है।
नरक कब मिलता है?
Narak Chaturdashi: मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन पूजा करने से नरक से मुक्ति मिलती है. Narak Chaturdashi 2022 Date: धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है, नरक चतुर्दशी को रूप चौदस और छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं. हर साल दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है.
नरक में कितने लोग होते हैं?
जिनमें पापी जीव गिराए जाते हैं। यों तो नरकों की संख्या पचपन करोड़ है; किन्तु उनमें रौरव से लेकर श्वभोजन तक इक्कीस प्रधान हैं। नरक का स्थान : महाभारत में राजा परीक्षित इस संबंध में शुकदेवजी से प्रश्न पूछते हैं तो वे कहते हैं कि राजन! ये नरक त्रिलोक के भीतर ही है तथा दक्षिण की ओर पृथ्वी से नीचे जल के ऊपर स्थित है।
नरक में जाने के बाद क्या होता है?
नरक में दंड भोगने के बाद कहां जाती है आत्मा
हमने पुराणों में पढ़ा है कि जीवन में बुरे कर्म करने वालों को मरने के बाद नरक की प्राप्ति होती है. लेकिन नरक के बाद फिर आत्मा कहां जाती है या नरक आत्मा का स्थाई स्थान बन जाता है. ग्रंथों के अनुसार नरक वह स्थान नहीं है जहां आत्मा को स्थाई रूप से रहना होता है.
नरक के देवता कौन है?
उदाहरण : हेडीस को मृत्यु एवं नरक के देवता के रूप में जाना जाता है।
मृत्यु के बाद यमराज क्या करते हैं?
व्यक्ति मरता है तो सबसे पहले यमदूतों के पल्ले पड़ता है, जो उसे ‘यमराज‘ के समक्ष उपस्थित कर देते हैं। यमराज को दंड देने का अधिकार प्रदान है। वही आत्माओं को उनके कर्म अनुसार नरक, स्वर्ग, पितृलोक आदि लोकों में भेज देते हैं। उनमें से कुछ को पुन: धरती पर फेंक दिया जाता है।
नरक से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
नरक से मुक्ति के लिए एकादशी का व्रत बड़ा ही उत्तम साधन माना गया है। एकादशी भगवान विष्णु की सबसे प्रिय तिथि है, इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति का वास होता है और व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिलती है।
नरक का राजा कौन है?
हिन्दू धर्म की मान्यता है कि नर्क के राजा यमराज हैं।
पृथ्वी का स्वर्ग कहाँ है?
जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती के किस्से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं. शायद इसी वजह से लोग इसे धरती का स्वर्ग कहते हैं.
मरने के बाद स्वर्ग में क्या होता है?
मरने के बाद अच्छे कर्मों का फल हमें स्वर्ग में मिलता है जैसे रेस्टोरेंट्स होता है। Marne Ke Baad Kya Hota Hai: वहां हर सुविधा उपलब्ध होती है हमें हर वस्तु समय से और बहुत ही अच्छी वस्तु मिलती है। लेकिन उस सब की कीमत हम ही अदा कर रहे होते हैं रेस्टोरेंट में हम पैसे देते हैं।
मृत्यु के समय दर्द क्यों होता है?
इसकी वजह यह बताई जाती है कि जिंदगी के आखिरी लम्हों में सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर दर्द महसूस न होने देने वाले विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं, दर्द के अभाव में इनसान बेहतर महसूस करने लगता है, गफलत, नीम बेहोशी या बेहोशी के आलम में चला जाता है और अंततः इस आलम से ही निकल जाता है.
मरने के बाद मुंह में सोना क्यों रखा जाता है?
तुलसी और गंगाजल के साथ कुछ जगहों पर मृत्यु के समय व्यक्ति के मुंह में सोने की टुकड़ा भी रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मरने के बाद यमराज क्या सजा देता है?
माता-पिता और गुरुजनों का अपमान करने वाले जो लोग अपने जीवन में उद्दण्ड होकर माता-पिता और अपने गुरु का अपमान करते हैं मरने के बाद उन्हें नरक में कठोर सजा मिलती है। उन्हें विष्ठा और मूत्र से भरे विशालकाय पात्रों में उल्टा लटकाकर डुबोया जाता है।
स्वर्ग का मालिक कौन है?
जैसे नरक का देवता यमराज है वैसे ही स्वर्ग के देवता इंद्र है। इंद्र पद पर कोई भी देवता बैठ सकता है। इंद्र किसी व्यक्ति का नाम नहीं पद का नाम है। इंद्र का परिचय : इन्द्र सभी देवताओं के राजा माने जाते हैं।
धरती का पहला मानव कौन है?
* संसार के प्रथम पुरुष स्वायंभुव मनु और प्रथम स्त्री थीं शतरूपा। भगवान ब्रह्मा ने जब 11 प्रजातियों और 11 रुद्रों की रचना की तब अंत में उन्होंने स्वयं को दो भागों में विभक्त कर लिया। पहले भाग का नाम ‘का’ था और दूसरे भाग का नाम ‘या’ था। पहला भाग मनु के रूप में और दूसरा शतरूपा के रूप में प्रकट हुआ।
मरने से पहले यमराज क्या संकेत देते हैं?
तब यमराज ने बताया कि मेरा पहना संकेत तुम्हारे सफेद बाल थे. दूसरा संकेत जब तुम्हारे दांत टूटने लगे. तीसरा संकेत आंखों की रोशनी चली जाता और चौथा इशारा शरीर के अंगों का काम न करना था.
मरने से पहले क्या संकेत दिखाई देते हैं?
मरने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत
शिव पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के कुछ महीनों पहले जिस इंसान को मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक पत्थर के जैसी होती महसूस होने लगे, तो यह व्यक्ति की जल्द मौत होने का इशारा समझा जाता है।
मरने से पहले दिमाग क्या करता है?
मरने से पहले इंसान अपनी खुशियों के बारे में भी सोचता है। वह सोचता है कि काश थोड़ा समय होता तो जिंदगी के हर पल को खुशी से जी लिया होता। वह अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में सोचता है कि इस समय अगर इस समय यह घटना ना होती तो मैं कितना खुश होता।
मरने से पहले कौन से संकेत मिलते हैं?
मरने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत
शिव पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के कुछ महीनों पहले जिस इंसान को मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक पत्थर के जैसी होती महसूस होने लगे, तो यह व्यक्ति की जल्द मौत होने का इशारा समझा जाता है।
मरने से पहले आदमी को क्या दिखता है?
– मृत्यु से 1 महीने पहले व्यक्ति को चंद्रमा और तारे ठीक से नजर आने बंद हो जाते हैं. वहीं चंद्रमा और सूर्य के आसपास काला या लाल घेरा दिखने लगे तो 15 दिन में मृत्यु हो सकती है. – व्यक्ति का अचानक नीली मक्खियों से घिर जाना भी मृत्यु से पहले मिलने वाला संकेत है. ऐसे व्यक्ति की महीने भर में मौत हो सकती है.
पहला इंसान कैसा दिखता था?
प्रारंभिक एच. इरेक्टस के बाद के नमूनों की तुलना में छोटे, अधिक आदिम दांत, एक छोटे समग्र आकार और पतले, कम मजबूत खोपड़ी थे । आधुनिक मनुष्यों की तुलना में इस प्रजाति का चेहरा भी बड़ा था। निएंडरथल की तरह, उनकी खोपड़ी हमारी तरह गोल होने के बजाय लंबी और नीची थी, और उनके निचले जबड़े में ठोड़ी नहीं थी।
भगवान से पहले कौन था?
भगवान से पहले कौन आया? शिव को आदि अनंत कहा गया है अर्थात जीस का कोई सुरुआत न हो और न ही जीस का कोई अंत हो। उत्तर है भगवान ही सबसे पहले थे। ईश्वर की उत्पति कैसे कहाँ और कब हुई?
मरने से पहले 40 सेकंड क्या होता है?
उन्होंने बताया है कि व्यक्ति की मृत्यु से ठीक 40 सेकेंड पहले एक अद्भुत घटना होती है. उस समय व्यक्ति के सामने उसके कई जन्मों की तस्वीरें तेजी से उसके आगे से गुजरती हैं.
मृत्यु के समय इंसान क्या सोचता है?
वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पता लगाया है कि अंतिम समय में इंसान अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में सोचता है। वह उन बातों का सोचता है, जिससे उसक मन शांत और प्रसन्न रहे। वह उन अच्छी और बुरी दोनो पलों का याद करता है। कभी-कभी इंसान अपनी गुप्त बातों को भी उजागर कर देता है, जिसे वह जिंदगी भर अपने साथ लेकर चलता है।