भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 171E (Section 171E) में रिश्वत (Bribe) के लिए दण्ड का प्रावधान (Provision of punishment) किया गया है. IPC की धारा 171E के अनुसार, जो कोई रिश्वत का अपराध (Offense of bribery) करेगा, वह अपराधी (Offender) माना जाएगा.
धारा 171 कब लगती है?
IPC की धारा 171 के मुताबिक, जो कोई लोक सेवकों के किसी खास वर्ग का न होते हुए इस आशय से कि यह विश्वास (Confidence) किया जाए, या इस ज्ञान से कि सम्भाव्य (Potential) है कि यह विश्वास किया जाए, कि वह लोक सेवकों के उस वर्ग का है, लोक सेवकों के उस वर्ग द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली पोशाक के सदृश पोशाक पहनेगा, या टोकन के …
रिश्वत लेने की सजा क्या है?
भारत कोड: अनुभाग विवरण। जो कोई भी रिश्वतखोरी का अपराध करता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा: बशर्ते कि सत्कार द्वारा रिश्वतखोरी केवल जुर्माने से दंडित की जाएगी। व्याख्या।
धारा 170 का मतलब क्या होता है?
आईपीसी की धारा 170 (Indian Penal Code Section 170)
आसान शब्दों में कहें तो अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी लोक सेवक अधिकारी का रूप धारण कर कोई गलत काम करने की कोशिश करता है या गलत काम करता है, तो ऐसे व्यक्ति पर धारा 170 लागू होती है और इस धारा के अंतर्गत उसे दंडित किया जाता है.
धारा 166b क्या है?
IPC की धारा 166बी के मुताबिक, जो कोई अस्पताल, सार्वजनिक या व्यक्तिगत, चाहे केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित हो, का भारसाधक होते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (1974 का 2) की धारा 357ग के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, वह अपराधी माना जाएगा और सजा का हकदार होगा.
धारा 151 का मतलब क्या होता है?
सीआरपीसी की धारा 151 (CrPC Section 151)
(1) कोई पुलिस अधिकारी जिसे किसी संज्ञेय अपराध करने की परिकल्पना का पता है, ऐसी परिकल्पना करने वाले व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के आदेशों के बिना और वारण्ट के बिना उस दशा में गिरफ्तार कर सकता है जिसमें ऐसे अधिकारी को प्रतीत होता है कि उस अपराध का किया जाना अन्यथा नहीं रोका जा सकता.
पुलिस को गुमराह करने पर कौन सी धारा लगती है?
आईपीसी की धारा 177 (Indian Penal Code Section 177)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 177 (Section 177) के तहत किसी लोक सेवक या अधिकारी को झूठी जानकारी देना एक अपराध बताया गया है.
धारा 192क्या है?
IPC की धारा 192 के अनुसार, जो कोई इस आशय से किसी परिस्थिति को अस्तित्व में लाता है, या किसी पुस्तक या अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख (Book or record or electronic record) में कोई मिथ्या प्रविष्ट करता है, या मिथ्या प्रविष्ट करता है, या मिथ्या कथन अंतर्विष्ट रखने वाला कोई दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख रचता है कि ऐसी …
रिश्वत मांगे तो क्या करें?
Anti Corruption यूपी में यदि कोई अधिकारी या सरकारी कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। आप एंटी करप्शन पोर्टल के माध्यम से इस प्रकार से शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
धारा 420 में क्या होता है?
आइपीसी की धारा 420
धारा 420 धोखाधड़ी के गंभीर रूपों के लिए सजा का प्रावधान करती है जहां अपराधी बेईमानी से किसी व्यक्ति को कोई संपत्ति देने या किसी मूल्यवान सुरक्षा में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित करता है। दूसरे शब्दों में, धारा 420 विशेष रूप से धोखाधड़ी के गंभीर मामलों को दंडित करती है।
धारा 140 में क्या होता है?
IPC की धारा 140 के मुताबिक, जो कोई भारत सरकार की सेना (Army), नौसेना (Navy) या वायुसेना (Air Force) का सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक न होते हुए भी इस आशय से कि यह विश्वास किया जाए कि वह ऐसा सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक है, और वह उन जैसी कोई पोशाक पहनेगा या ऐसे टोकन धारण करेगा जो सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग …
धारा 325कब लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के अनुसार, धारा 335 द्वारा प्रदान किए गए मामले को छोड़कर जो कोई भी किसी दूसरे व्यक्ति को स्वेच्छापूर्वक गंभीर चोट पहुचाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
महिला पर हाथ उठाने पर कौन सी धारा लगती है?
महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आइए जानते हैं आईपीसी की धारा 354 के बारे में. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है.
घर में घुसकर मारपीट करने पर कौन सी धारा लगाई जाती है?
धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।
क्या पुलिस गाली दे सकती है?
अगर कोई ऑफ़िसर अपनी पावर्स का गलत यूज़ करता है और किसी व्यक्ति को अपनी पावर के रौब में गाली देता है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है, तो इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 197 के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट से परमिशन लेकर इंटरफेयर किया जा सकता है। बल्कि जरूरत पड़ने पर उस पुलिस ऑफ़िसर के अगेंस्ट के सभी किया जा सकता है।
रंगे हाथों कैसे पकड़ा जाता है?
वो सरकारी अधिकारी को देने के लिए केमिकल लगे नोट देते हैं । जिनका रिकॉर्ड ACB के पास होता है । जब अधिकारी रिश्वत ले लेता है तो उसके बाद ACB की टीम छापा डाल कर वही नोट बरामद करती है और उसके हाथ एक केमिकल में डलवा कर देखता है और वो रंगीन हो जाएं तो उसे रंगे हाथ पकड़ना कहते हैं ।
बिना पैसे के किसी को रिश्वत कैसे दें?
रिश्वत हमेशा पैसे के बारे में नहीं होती है! आप बदले में एहसान, सामान, सेवाएं या ऐसी कोई भी चीज़ पेश कर सकते हैं जो आपको लगता है कि कोई चाहता है । वास्तव में, बहुत से लोगों को धन स्वीकार करना अश्लील लगता है, और नकद की तुलना में उपहार देने से आपको अधिक भाग्य प्राप्त हो सकता है।
झूठ बोलने की कौन सी धारा लगती है?
कानून में सजा का प्रावधान
एडवोकेट सुनील आनंद ने बताया कि झूठ बोलने वाले शख्स को पहले सीआरपीसी की धारा-344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। फिर उस पर सुनवाई होती है। झूठ साबित होने पर उसे 6 महीने की कैद व 500 से 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।
पैसे न देने पर कौन सी धारा लगती है?
प्रश्न: पैसे न देने पर कौन सी धारा लगती है? उत्तर: पैसे न देने पर धारा 420 लगती है।
धारा 145 कब लगती है?
आईपीसी की धारा 145 (Indian Penal Code Section 145)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 145 (Section 145) के मुताबिक, किसी विधिविरुद्ध जमाव (Unlawful assembly) में यह जानते हुए कि उसके बिखर जाने का समादेश दे दिया गया है, सम्मिलित होना या उसमें बने रहना अपराध माना गया है.
धारा 160 का अर्थ क्या है?
आईपीसी की धारा 160 (Indian Penal Code Section 160)
IPC की धारा 160 के अनुसार, जो भी कोई दंगा (Riot) करेगा, उसमें शामिल (Involved) होगा. वह दंगा करने का दोषी (Guilty of rioting) माना जाएगा. ऐसा करने पर उसे किसी भांति के कारावास से दंडित (Punished with imprisonment) किया जाएगा, जिसकी अवधि एक माह तक की हो सकेगी.
दांत टूट जाने पर कौन सी धारा लगती है?
धारा 320 हड्डियां दांत के टूटने को भी गंभीर चोट के अंतर्गत मानती है।
गाली देना कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है।
कोई झूठा आरोप लगाए तो क्या करें?
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्ता शुभम भारती ने बताया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत झूठी एफआईआर को चैलेंज किया जा सकता है. अगर आपके खिलाफ या आपके जाननेवाले के खिलाफ कोई झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो धारा 482 के तहत उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है.
गाली गलौज करने पर कौन सी धारा लगती है?
जातिसूचक टिप्पणियों के मामलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धाराएं लगती हैं। धारा 3(1) के अनुसार, SC या ST वर्ग से ताल्लुक रखने वाले किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की नीयत से जान-बूझकर की गई टिप्पणियां या दी गईं धमकियां अपराध के दायरे में आती हैं।
किसी को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
गवाह कितने प्रकार के होते हैं?
मौका (चांस) गवाह – कोई भी व्यक्ति जो संयोग से अपराध स्थल पर उपस्थित होता है। सहयोगी (एकांप्लिस) गवाह – कोई भी व्यक्ति जो अपराध के अवैध कमीशन या चूक से जुड़ा था, अदालत में बयान देता है। इच्छुक गवाह – कोई भी व्यक्ति जिसकी मामले में या उसके फैसले में कुछ भौतिक लाभ निकालने के लिए कुछ हित है।
रिश्वत लेने वाले पर कौन सी धारा लगती है?
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 (Prevention Of Corruption Act,1988) की धारा 7 रिश्वत के अपराध का प्रावधान करती है, धारा सात ने ही लोक सेवकों को रिश्वत लेने पर दंडनीय अपराध का उल्लेख किया है जिसमे कड़े कारावास का उल्लेख है।
रिश्वत लेने पर कितने साल की सजा होती है?
इस तरह के प्रावधान वाला भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2018 संसद में पास हो गया है। इसमें रिश्वत देने वाले को सात साल तक की जेल की सजा या जुर्माना या दोनों सजा देने का प्रावधान किया गया है। वहीं रिश्वत लेने वाले के लिए कम से कम तीन साल और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
गाली में कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
3 मर्डर करने पर कितने साल की सजा होती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
महिला को मारने पर कौन सी धारा लगती है?
इंडियन पेनड कोड की धारा 498 ए शादीशुदा महिला के साथ ससुराल में क्रूरता के मामले में लगाई जाती है। दहेज उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्याओं के मामलों को देखते हुए 1983 में आईपीसी में धारा 498ए शामिल की गई थी। ये एक गैरजमानती धारा है।
धारा 107 कब लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 दुष्प्रेरण से सम्बन्धित है दुष्प्रेरण का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए, या कोई व्यक्ति कोई कार्य कर रहा है, तो उसे वह कार्य करने से रोकने के लिए उकसाना दुष्प्रेरण कहलाता है।
धारा 302 क्या है?
क्या है IPC की धारा 302
कोई भी व्यक्ति अगर हत्या का दोषी साबित होता है तो उसपर आईपीसी की धारा 302 लगाई जाती है. इस धारा के तहत उम्रकैद या फांसी की सजा और जुर्माना हो सकता है. हत्या के मामले में सजा सुनाने के पहले कत्ल के मकसद पर ध्यान दिया जाता है.
धारा 190 में क्या होता है?
आईपीसी की धारा 190 (Indian Penal Code Section 190)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 190 (Section 190) में लोक-सेवक से संरक्षा के लिये आवेदन करने से विरत रहने के लिये किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिये क्षति की धमकी देना परिभाषित किया गया है.
धारा 107 का मतलब क्या होता है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 107 दुष्प्रेरण से सम्बन्धित है दुष्प्रेरण का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए, या कोई व्यक्ति कोई कार्य कर रहा है, तो उसे वह कार्य करने से रोकने के लिए उकसाना दुष्प्रेरण कहलाता है।
घर में घुसकर मारपीट करने में कौन सी धारा लगती है?
धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।
हाफ मर्डर करने पर कितने साल की सजा है?
हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।
धमकी देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 506 यह स्पष्ट रूप से कहती है कि अगर धमकी जान से मारने की दी जा रही है तो ऐसा करना अपराध माना जाएगा. इस तरह की धमकी देने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है.
अगर कोई मारने की धमकी दे तो क्या करना चाहिए?
अगर कोई देता है जान से मारने की धमकी
आप धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा सकती हैं। इसके बाद मजिस्ट्रेट को इस मामले की कॉपी दी जाती है और फिर धमकी देने वाले व्यक्ति के ऊपर मुकदमा चलाया जाता है।
पुलिस में सबसे बड़ा कौन होता है?
Police Ka Sabse Bada Adhikari Kaun Hota Hai
भारत में, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एक तीन सितारा रैंक है और भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्चतम रैंकिंग पुलिस अधिकारी है। सभी डीजीपी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं।