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द्रोपदी का पहला पति कौन था?

द्रौपदी का केवल एक ही पति था – युधिस्ठिर। उनका नाम पांचाली इसलिए था क्योकि वो पांचाल नरेश की पुत्री थी , न की पाँच भाइयों की पत्नी। इसके अन्य प्रमाण भी महाभारत में हैं।

द्रोपदी के 5 पति क्यों होते हैं?

इससे सिद्घ है कि द्रोपदी का विवाह अर्जुन से नहीं बल्कि युधिष्ठर से हुआ इस सारी घटना का उल्लेख आदि पर्व में दिया गया है।

क्या द्रौपदी कर्ण से प्यार करती है?

सर्वगुण संपन्न होने के कारण उसे योग्य वर नहीं मिल रहा था इसलिए उसने भगवान शंकर की तपस्या की और तब शंकरजी प्रकट हुए। उस समय द्रौपदी ने हड़बड़ाहट में पांच बार वर मांगे इसलिए उसे शिवजी के वरदान के कारण इस जन्म में पांच पति प्राप्त हुए। जब भगवान शिव ने द्रौपदी को पांच पति प्राप्त होने का वरदान दिया था.

द्रोपदी के कितने पति होते हैं?

इस सवाल का जवाब एक नहीं बल्कि अनगिनत हैं। हालाँकि, द्रौपदी अपने सपनों के बेतहाशा कर्ण के प्यार में नहीं थी ! कर्ण और द्रौपदी पहली बार बाद के स्वयंवर में मिले थे। कृष्ण को भी यज्ञसेनी के भव्य विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।

द्रोपदी पिछले जन्म में क्या थी?

पांचाल देश के राजा द्रुपद की कन्या पांचाली अर्थात द्रौपदी का जन्म एक यज्ञ से हुआ था। महाभारत से इतर एक अन्य कथा के अनुसार द्रौपदी के 5 पति थे, लेकिन वो अधिकतम 14 पतियों की पत्नी भी बन सकती थी। – महाभारत के आदिपर्व में द्रौपदी के जन्म की कथा में व्यासजी कहते हैं कि यह अपने पूर्व जन्म में ऋषि कन्या थीं।

द्रोपदी का प्यार कौन है?

अनिरुद्ध जोशी

राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी ने पांच पांडवों युधिष्‍ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव से विवाह किया था। द्रौपदी इन पांचों पांडवों में से सबसे ज्यादा प्रेम अर्जुन को करती थीं लेकिन अपनी अन्य पत्नी सुभद्रा पर एकाधिकार से अर्जुन को शांति मिलती थी।

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द्रोपदी को 5 पति क्यों मिले?

सर्वगुण संपन्न होने के कारण उसे योग्य वर नहीं मिल रहा था इसलिए उसने भगवान शंकर की तपस्या की और तब शंकरजी प्रकट हुए। उस समय द्रौपदी ने हड़बड़ाहट में पांच बार वर मांगे इसलिए उसे शिवजी के वरदान के कारण इस जन्म में पांच पति प्राप्त हुए। जब भगवान शिव ने द्रौपदी को पांच पति प्राप्त होने का वरदान दिया था.

द्रोपदी का असली नाम क्या है?

देवी कुंती का जन्म का नाम पृथा था। द्रौपदी के विभिन्न नाम क्या हैं? 1 – द्रौपदी – क्यूंकि वह राजा द्रुपद की कन्या थी इसलिए उनका नाम द्रौपदी रखा गया था। 2 – पांचाली – क्यूंकि द्रौपदी पांचाल राज्य के राजा की पुत्री थी।

द्रोपदी ने कुत्ते को श्राप क्यों दिया था?

द्रौपदी ने कुत्ते को श्राप क्यों दिया था? द्रौपदी को इसपर बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और उसने कुत्ते पर सारा क्रोध निकाल दिया क्युकी उसने युधिष्ठिर के जूते चुराए थे। उसने सभी कुत्तों को शाप दिया कि ‘सारी शर्म भूलकर सम्पूर्ण विश्व तुम्हें सार्वजनिक रुप से मैथुन करते हुए देखेगा।

द्रौपदी किसका अवतार है?

इसका नाम द्रौपदी है और असल में ये देवी काली, जो कि दुर्गा जी की ही एक शक्ति हैं, उनका ही अंशावतार है. द्रौपदी को 64 योगिनियों में से एक खप्पर योगिनी भी कहा जाता है. इस संबंध में महाभारत के आदिपर्व में एक कथा मिलती है. एक दिन इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर द्रौपदी के कक्ष में थे.

द्रौपदी की मृत्यु क्यों हुई?

इसी दौरान द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर पड़ी। भीम ने पूछा कि उसने कभी कोई पाप नहीं किया हो तो ये कैसे गिर गईं इस पर युधिष्ठिर ने कहा कि ये हम पांचों में से अर्जुन को सबसे ज्यादा प्रेम करती थी, इतना कहकर वे उन्हें बिना देखे आगे बढ़ गए। इसी यात्रा के दौरान द्रौपदी की मृत्यु हो गई थी।

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द्रौपदी की पांच गलतियां कौन सी थी?

द्रौपदी कुंति के कहने या स्वयंवर के बाद युधिष्ठिर और वेद व्यासजी के कहने पर पांचों से विवाह करना स्वीकार किया था। 3. दुर्योधन का अपमान : द्रौपदी ने ही इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर के राज्याभिषेक के समय दुर्योधन को कहा था, ‘अंधे का पुत्र भी अंधा। ‘ बस यही बात दुर्योधन के दिल में तीर की तरह धंस गई थी

द्रोपदी का पहला पति कौन था?

कृष्ण भी द्रौपदी को दुर्योधन के बड़े भाई की पत्नी मानते हैं। द्रौपदी का केवल एक ही पति था – युधिस्ठिर। उनका नाम पांचाली इसलिए था क्योकि वो पांचाल नरेश की पुत्री थी , न की पाँच भाइयों की पत्नी। इसके अन्य प्रमाण भी महाभारत में हैं।

पांडव कौन सी जाति के थे?

द्रौपदी पूर्वजन्म में एक विधवा ब्राह्मणी थी। इनकी इच्छा थी कि उन्हें अगले जन्म में सर्वगुण संपन्न पति प्राप्त हो और वह सदा सुहागन रहे। भगवान शिव की तपस्या से इन्हें पांच पति प्राप्त होने का वरदान मिला और यह पांडवों की पत्नी बनकर सदा सुहागन रहीं।

कौरवों की जाति क्या थी?

पांडवों को सूर्यवंशी माना जाता रहा है. सैकड़ों सालों से माना जाता रहा है कि पांडव सूर्यवंशी क्षत्रिय थे. महान कुरु राजवंश से ताल्लुक रखते थे.

भगवान श्री कृष्ण की जाति क्या है?

कौरव, पौरव और यादव तीनों ही चन्द्रवंशी थे।

अगर कुत्ता रोए तो क्या होता है?

कृष्ण भी द्रौपदी को दुर्योधन के बड़े भाई की पत्नी मानते हैं। द्रौपदी का केवल एक ही पति था – युधिस्ठिर। उनका नाम पांचाली इसलिए था क्योकि वो पांचाल नरेश की पुत्री थी , न की पाँच भाइयों की पत्नी। इसके अन्य प्रमाण भी महाभारत में हैं।

द्रौपदी पिछले जन्म में क्या थी?

द्रौपदी कुंति के कहने या स्वयंवर के बाद युधिष्ठिर और वेद व्यासजी के कहने पर पांचों से विवाह करना स्वीकार किया था। 3. दुर्योधन का अपमान : द्रौपदी ने ही इंद्रप्रस्थ में युधिष्ठिर के राज्याभिषेक के समय दुर्योधन को कहा था, ‘अंधे का पुत्र भी अंधा। ‘ बस यही बात दुर्योधन के दिल में तीर की तरह धंस गई थी

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द्रोपदी के असली पति कौन थे?

यादवोंके पूर्वज राजा यदु भी एक क्षत्रिय यदुवंशी थे । यदुवंशी अपने नाम के पीछे यादव लगाते हैं। इससे पता चलता है की, श्री कृष्ण भगवान की जाति क्षत्रिय यदुवंशी था।

द्रोपदी की जाति क्या है?

इन क्षेत्रों में, द्रौपदी की पूजा मुख्य रूप से कोनार (यादव), वन्नियार (किसान) और मुतलियार जाति के लोग करते हैं।

अर्जुन की मृत्यु कैसे हुई?

अर्जुन ने बभ्रुवाहन के साथ युद्ध किया और उसका पलड़ा भारी रहा। बब्रुवाहन ने अर्जुन को हरा दिया और एक शक्तिशाली अस्त्र से उसका वध कर दिया

पांडव की जाति क्या है?

पांडवों को सूर्यवंशी माना जाता रहा है. सैकड़ों सालों से माना जाता रहा है कि पांडव सूर्यवंशी क्षत्रिय थे. महान कुरु राजवंश से ताल्लुक रखते थे.

क्या पांडव यादव थे?

पांडव वीरों की माता कुंती स्वयं यादव वंश से थीं तथा द्वारिकाधीश की बुआ थीं। इन्हीं महान यदुवंशी क्षात्रानी माता कुंती के कोख से चार महावीर देव पुत्रों ने जन्म लिया था जिन्हें हम ज्येष्ठ कौंतेय महारथी कर्ण, धर्मराज युधिष्ठिर, गांडीवधारी अर्जुन और गदाधारी भीमसेन के नाम से जानते है।

कृष्ण भगवान की सबसे प्रिय पत्नी कौन थी?

रुक्मिणी भगवान कृष्ण की पत्नी थी। रुक्मिणी को लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है। उन्होंने श्रीकृष्ण से प्रेम विवाह किया था।

राधा जी के कितने पुत्र थे?

कर्ण को अधिरथ की पत्नी राधा ने पाला इसलिए कर्ण को राधेय या राधा का पुत्र भी कहते हैं। ‘अंग’ देश के राजा कर्ण की पहली पत्नी का नाम वृषाली था। वृषाली से उसको वृषसेन, सुषेण, वृषकेत नामक 3 पुत्र मिले। दूसरी सुप्रिया से चित्रसेन, सुशर्मा, प्रसेन, भानुसेन नामक 3 पुत्र मिले।