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दो बार राम राम कहने से क्या होता है?

वह राम-राम शब्द दो बार कहने से पूरा हो जाता है,क्योंकि हिंदी वर्णमाला में ”र” 27वां अक्षर है। ‘आ’ की मात्रा दूसरा अक्षर और ‘म’ 25वां अक्षर, इसलिए सब मिलाकर जो योग बनता है वो है 27 + 2 + 25 = 54, अर्थात एक “राम” का योग 54 हुआ। और दो बार राम राम कहने से 108 हो जाता है जो पूर्ण ब्रह्म का द्योतक है।

राम का नाम कितनी बार लेना चाहिए?

राम नाम की ऐसी है कृपा

यूं तो राम नाम कभी भी लेने और‍ लिखने पर कृपा मिलती है लेकिन रामनवमी पर ऐसा करने से विशेष फल मिलता है। रामनवमी पर भक्‍तों को भोजपत्र (आधुनिक संदर्भों में कागज भी इस्तेमाल कर सकते हैं) पर कम से कम 108 बार राम नाम लिखकर उसकी पूजा करनी चाहिए

राम राम बोलने का मतलब क्या है?

दो बार ''राम राम'' बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है। हिन्दी की शब्दावली में 'र' सत्ताइस्वां शब्द है, 'आ' की मात्रा दूसरा और 'म' पच्चीसवां शब्द है। अब तीनों अंको का योग करें तो 27 + 2 + 25 = 54 अर्थात् एक 'राम' का योग 54 हुआ, इसी प्रकार दो 'राम राम' का कुल योग 108 होगा।

एक बार राम का नाम लेने से क्या होता है?

राम नाम गम, फिक्र तथा चिंता को चकनाचूर कर देता है। उन्होंने कहा कि जो जन दुख, घोर संकट आने पर भी राम नाम को जपते हैं, उनके भयंकर संकट जाप के प्रभाव से मिट जाते हैं और वो मनुष्य सुखी हो जाता है। जब इंसान पर संकट, भयंकर प्रकार के दुख तथा कष्ट क्लेश हो, तब उसे घबराना नही चाहिए।

राम राम जपने से क्या लाभ होता है?

राम नाम जपने से जीवन में हाय कलाप नष्ट हो जाती है, सत्य- संतोष-ज्ञान प्राप्त होता है। अमृत का तीसरा गुण है- मृत्यु के भय का नाश। राम नाम जपने से मृत्यु के भय का नाश हो जाता है। संत अश्वनी बेदी जी महाराज ने कहा कि श्रीराम प्रभु सदा अपने भक्त के अंग संग रहते हैं।

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सीताराम कहने से क्या होता है?

वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी। विवाह के बाद देवी सीता 12 वर्ष की आयु तक अपने पिता राजा जनक के यहां रहीं थी

सीता की उम्र कितनी है?

जब भी हम कोई जाप करते हैं तो हमे 108 बार जाप करने के लिए कहा जाता है। लेकिन सिर्फ “रामराम” कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है।

मरते समय राम राम क्यों बोलते हैं?

“कराग्रे वसते लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंदः, प्रभाते कर दर्शनम्‌‌।।”

सुबह उठते ही कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

राम नाम गम, फिक्र तथा चिंता को चकनाचूर कर देता है। उन्होंने कहा कि जो जन दुख, घोर संकट आने पर भी राम नाम को जपते हैं, उनके भयंकर संकट जाप के प्रभाव से मिट जाते हैं और वो मनुष्य सुखी हो जाता है। जब इंसान पर संकट, भयंकर प्रकार के दुख तथा कष्ट क्लेश हो, तब उसे घबराना नही चाहिए।

राम की उम्र कितनी है?

वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि विवाह के समय भगवान राम की आयु 13 वर्ष और माता सीता की आयु 6 वर्ष थी। विवाह के बाद देवी सीता 12 वर्ष की आयु तक अपने पिता राजा जनक के यहां रहीं थी

रावण की बेटी का नाम क्या है?

कहते हैं कि वे 11 हजार वर्षों तक जिंदा वर्तमान रहे। परंपरागत मान्यता अनुसार द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष + राम की वर्तमानता के 11,000 वर्ष + द्वापर युग के अंत से अब तक बीते 5,121 वर्ष = कुल 8,80,111 वर्ष

राम राम दो बार क्यों की जाती है?

ये परम सत्य है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार ‘राम नाम सत्य है’ एक बीज अक्षर है. राम नाम जपने से बुरे कर्मों से मुक्ति मिल जाती है. कुछ लोगों का मानना है कि इसको जपने से मृतक के परिजनों को मानसिक शांति मिलती है.

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RAM का अर्थ क्या होगा?

राम नाम गम, फिक्र तथा चिंता को चकनाचूर कर देता है। उन्होंने कहा कि जो जन दुख, घोर संकट आने पर भी राम नाम को जपते हैं, उनके भयंकर संकट जाप के प्रभाव से मिट जाते हैं और वो मनुष्य सुखी हो जाता है। जब इंसान पर संकट, भयंकर प्रकार के दुख तथा कष्ट क्लेश हो, तब उसे घबराना नही चाहिए।

सोते समय कौन सा भगवान का नाम लेना चाहिए?

भगवान श्रीराम का मात्र नाम जप लेने से सारे दु:ख दूर हो जाते हैं। श्रीरामचरित मानस के श्रवण से पुण्य मिलता हैं। अध्यात्म और धर्म से शक्ति मिलती हैं, इससे मानसिक और शारीरिक शक्ति का विकास होता हैं।

सुबह उठते ही किसका चेहरा देखना चाहिए?

कहते हैं कि रावण की एक बेटी भी था जिसका नाम सुवर्णमछा या सुवर्णमत्स्य था जो देखने में बहुत ही सुंदर थी। उसे सोने की जलपरी कहा गया है।

सीताराम लिखने से क्या होता है?

भगवान श्रीराम का मात्र नाम जप लेने से सारे दु:ख दूर हो जाते हैं। श्रीरामचरित मानस के श्रवण से पुण्य मिलता हैं। अध्यात्म और धर्म से शक्ति मिलती हैं, इससे मानसिक और शारीरिक शक्ति का विकास होता हैं।

सीताराम जपने से क्या होता है?

जिसे सीता राम के दीवाने भक्त श्रद्धाभाव से लिखते हैं। ग्रन्थों में यह वर्णित है कि, 84 लाख रामनाम लिखने पर चौरासी लाख योनियों से मानव को मुक्ति मिल जाती है। तो भक्तों की कोशिश है कि 84 लाख रामनाम लिख मोक्ष प्राप्त करें।

राम राम बोलने से क्या होता है?

कहते हैं कि वे 11 हजार वर्षों तक जिंदा वर्तमान रहे। परंपरागत मान्यता अनुसार द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष + राम की वर्तमानता के 11,000 वर्ष + द्वापर युग के अंत से अब तक बीते 5,121 वर्ष = कुल 8,80,111 वर्ष

सर के पास पानी रखने से क्या होता है?

वास्तु के अनुसार, कभी भी सिरहाने के पास पानी से भरा बर्तन नहीं रखना चाहिए. इससे चन्द्रमा प्रभावित होता है और व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार हो सकता है.

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रात में पति और पत्नी को कैसे सोना चाहिए?

वास्तु के अनुसार बेड की दिशा

वास्तु के अनुसार विवाहित जोड़ों को अपना सिर दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम की ओर रखना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि सोते समय सिर उत्तर की ओर न रखें।

सुबह सुबह कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?

सुबह उठकर भगवान का नाम लेना चाहिए यह हम सभी जानते हैं। लेकिन एक रामचरित मानस के अंश सुंदरकांड में स्वयं भगवान हनुमान का एक कथन है, जिसमें वह कहते हैं कि सुबह उठते ही उनका नाम नहीं लेना चाहिए। तुलसीदासजी हनुमानजी के कथन में लिखते हैं – ‘प्रात: लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।।

4 00 बजे उठने से क्या होता है?

क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली के अनुसार, सुबह 4 से 6 बजे के बीच जल्दी उठने से हम निगेटिव थिंकिंग और डिप्रेशन से आसानी से निपट पाते हैं। हम दिन भर तरोताजा महसूस करते हैं।

मृत्यु के समय रावण की उम्र कितनी थी?

श्रीराम के हाथों अंत होने तक रावण की आयु लगभग 39000 वर्ष 16 माह और 9 दिन थी

हनुमान जी की मृत्यु कैसे हुई?

उन्‍होंने पहचान लिया कि यह तो श्रीराम के सेवक है। इसके बाद ग्रामदेवी हनुमानजी के गले में बैठ गई जिससे हनुमानजी का गला प्यास से सूखने लगा। पवनपुत्र ने जलपान किया और जल ग्रहण करते ही उनके पूरे शरीर में विष फैल गया और उन्‍होंने अपने प्राण त्‍याग दिए।

असली राम कैसे दिखते थे?

श्रीराम कैसे दिखते थे

चेहरा चंद्रमा के समान सौम्य, कांतिवाला कोमल और सुंदर था। उनकी आंखे बड़ी और कमल के समान थी। उन्नत नाक यानी चेहरे के अनुरुप सुडोल और बड़ी नाक थी। उनके होंठों का रंग उगते हुए सूर्य की तरह लाल था और दाेनों होंठ समान थे