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चौथ के दिन चांद देखने से क्या होता है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने पर व्यक्ति कलंक का भागी बनता है। इसके पीछे पौराणिक कथा है जिसके कारण चांद के दर्शन करने पर कलंक लगता है। धर्मग्रंथों के अनुसार भाद्रपद गणेश चतुर्थी तिथि को चंद्रमा दर्शन नहीं करने चाहिए,क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है।

चतुर्थी का चांद देखने से क्या होता है?

Ganesh Chaturthi 2022: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना गया है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन का दोष लगता है. ऐसे में चंद्र दोष से बचने के लिए खास उपाय किया जा सकता है. Ganesh Chaturthi 2022: पौराणिक मान्यता के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर चांद को देखने से कलंक लगता है.

गणेश चतुर्थी के दिन चांद दिख जाए तो क्या करें?

यदि गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन हो जाये तो कलंक चतुर्थी की कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या सुनने पर गणेशजी क्षमा कर देते हैं. कलंक के दोष से बचने के लिए हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है. चतुर्थी पर चंद्र दर्शन हो जाए तो इस मंत्र को जपने से भी कलंक नहीं लगता है. सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।

चंद्र दर्शन कब नहीं करना चाहिए?

भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी पर रात्रि में चंद्र देव के दर्शन नहीं करने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से झूठा कलंक अथवा आक्षेप लगने की संभावना होती है। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करना अपशगुन माना जाता है।

कौन सा चांद नहीं देखना चाहिए?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करने पर व्यक्ति कलंक का भागी बनता है। इसके पीछे पौराणिक कथा है जिसके कारण चांद के दर्शन करने पर कलंक लगता है। धर्मग्रंथों के अनुसार भाद्रपद गणेश चतुर्थी तिथि को चंद्रमा दर्शन नहीं करने चाहिए,क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है।

कौन से दिन का चांद नहीं देखना चाहिए?

चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए। अगर चंद्रमा को देख लिया तो झूठा कलंक लग जाता है। उसी तरह जिस तरह से श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का लगा था।

चंद्रमा की पूजा करने से क्या होता है?

चंद्र देव की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या होती है और शुक्ल पक्ष का समापन पूर्णिमा के साथ होता है. पूर्णिमा के साथ ही दूसरे माह की शुरुआत भी हो जाती है. वर्ष में 12 पूर्णिमा होती है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है.

चंद्र देव को खुश कैसे करें?

चन्द्र देव को कैसे मनाएं, पढ़ें 9 सरलतम उपाय…
  1. चंद्र देव को प्रत्यक्ष भगवान माना जाता है। …
  2. * प्रतिदिन माता के पैर छूना। …
  3. * पानी या दूध को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।
  4. * चावल, सफेद वस्त्र, शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, बैल, दही और मोती दान करना चाहिए।

मन का स्वामी कौन है?

डिप्रेशन की वजह- चंद्रमा को मन का स्वामी बताया जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक डिप्रेशन में सबसे बड़ी भूमिका चंद्रमा और बुध की होती है। बुध को चंद्रमा का पुत्र भी माना जाता है।

चंद्रमा को रातभर कौन देखता रहता है?

चकोर एक साहित्यिक पक्षी है, जिसके बारे में भारत के कवियों ने यह कल्पना कर रखी है कि यह सारी रात चंद्रमा की ओर ताका करता है और अग्निस्फुलिंगों को चंद्रमा के टुकड़े समझकर चुनता रहता है।

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चांद पर 1 दिन कितने घंटे का होता है?

पृथ्वी पर एक दिन चौबीस घंटे का होता है. उसमें 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. वहीं चांद पर एक दिन करीब 14 दिन का होता है.

चांद लोगों से कितनी दूर है?

चाँद से धरती की दुरी लगभग 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है। चंद्र का कुल वजन बहुत ज्यादा है, इसे रात को देखने पर काफी छोटा दिखाई देता है, जबकि इसका वजन लगभग 81 अरब टन है। चन्द्रमा की आकृति पृथ्वी से देखने में लगातार बदलती रहती है, ऐसा सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती का होने कारण होता है।

चंद्रमा खराब होने पर क्या होता है?

चंद्र कमजोर होने से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां:

इस दौरान व्यक्ति की स्मृति कमज़ोर हो जाती है और उसे डिप्रेशन हो जाता है। साथ ही माता जी को किसी न किसी प्रकार की दिक्कत बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को जल से भय लगता है। वहीं कई बार जातक इस दौरान आत्महत्या करनी की कोशिश करता है।

चंद्रमा खराब हो तो क्या उपाय करें?

आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में। लाल किताब के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो इसको मजबूत बनाने के लिए चांदी के लोटे में गंगाजल, दूध, चावल और शक्कर मिश्रित जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके साथ ही प्रत्येक पूर्णिमा पर व्रत करके चंद्रमा का पूजन करना चाहिए।

हम भगवान के मन को कैसे जान सकते हैं?

रोमियों 11:34 यह कहते हुए इसकी पुष्टि करता है, “किसने यहोवा की बुद्धि को जाना है? या उनका काउंसलर कौन रहा है? 1 कुरिन्थियों 2:11 कहता है, “क्योंकि मनुष्य की आत्मा को छोड़ और कौन जानता है, कि मनुष्य के मन में क्या है? वैसे ही परमेश्वर के आत्मा के सिवाय और कोई परमेश्वर की बातें नहीं जानता । ”

मन का स्थान क्या है?

आयुर्वेदिक ग्रंथों में मन का निवास स्थान ह्रदय माना गया है। वहीं योग ग्रंथों में ह्रदय और मस्तिष्क दोनों को मन का निवास स्थान माना गया है।

चंद्रमा बलवान कब होता है?

उच्च का चंद्रमा मन को प्रसन्न रखता है. विपरीत परिस्थितियों में भी यह मन को दुखी नहीं होने देते हैं. वहीं अगर उच्च चंद्रमा पर गुरू की दृष्टि पड़ जाए तो चंद्रमा और बलवान हो जाता है.

चांद पर घर किसका है?

सुशांत सिंह राजपूत ने 25 जून 2018 को चांद पर जमीन खरीदी थी. सुशांत ने भी इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से ही चांद पर जमीन खरीदी थी. उनकी ये जमीन चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है.

चांद पर जमीन कौन बेच रहा है?

यह शख्स हैं जिले के इस्लामपुर के रहने वाले एनआरआई व्यवसायी ओमप्रकाश जांगिड़, इन्होंने चांद पर इससे पहले 2012 में भी जमीन खरीदी थी, जो तीन एकड़ थी. यह 3 एकड़ जमीन सी ऑफ़ मसकोवी में थी. सी ऑफ़ मसकोवी में ही दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत की जमीन भी है.

क्या चांद पर आदमी रह सकता है?

1972 में हुए अपोलो 17 मिशन के बाद इंसान चांद पर नहीं पहुंचे हैं. चांद पर भेजे गए आर्टिमिस रॉकेट के बाद, एक बड़े नासा अधिकारी ने कहा है कि इस दशक के अंत तक इंसान चांद पर रह सकते हैं.

सूर्य कितनी दूर है?

सौर मंडल का एक मात्र जीवित ग्रह पृथ्वी है। धरती से सूर्य की दूरी करीब 151.40 मिलियन किलोमीटर है।

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चांद गायब हो तो क्या होगा?

इसके न होने से पृथ्वी क्षुद्रग्रहों की चपेट में आ जाएगी। चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के गायब होने से, ज्वार-भाटे खत्म हो जाएंगे। चाँद के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण, जिसकी पृथ्वी अब आदि हो चुकी है, इसके न रहने से भूकंप या ज्वालामुखी या किसी अन्य विपदा का प्रकट होना संभव है।

चांद ना दिखाई दे तो क्या करें?

यदि चन्द्रमा न दिखाई दे, तो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करें। फिर चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। चंद्रोदय का सही समय जानकर चन्द्रमा किस तरफ निकलता है, उस दिशा में मुंह करके पूजा कर व्रत का पारण करें

कैसे पता चलेगा कि चंद्रमा कमजोर है?

अगर चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर परेशान होने लगता है. जल्दी भावुक हो जाता है. गलत फैसले लेना कमजोर चंद्र की निशानी है. इस स्थिति में जातक सर्दी खांसी जुकाम से पीड़ित रहता है.

चंद्रमा कमजोर होने के क्या लक्षण है?

चंद्रमा कमजोर होने के लक्षण

कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने से जातक को सिरदर्द, तनाव और डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है. नींद न आने की समस्‍या होती है. मां से रिश्‍ते खराब रहते हैं या मां को कोई न कोई तकलीफ बनी रहती है.

भाग्य को मजबूत कैसे बनाएं?

भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो

ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है।

चंद्रमा कमजोर है तो कैसे पता चलेगा?

चंद्रमा कमजोर होने के लक्षण

कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने से जातक को सिरदर्द, तनाव और डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है. नींद न आने की समस्‍या होती है. मां से रिश्‍ते खराब रहते हैं या मां को कोई न कोई तकलीफ बनी रहती है.

क्या भगवान सबकी सुनते हैं?

भगवान को चंदन, पुष्प अर्पण करना मात्र इतने में कोई भक्ति पूर्ण नहीं होती, यह तो भक्ति की एक प्रक्रिया मात्र है। भक्ति तो तब ही होती है जब सब में भक्तिभाव जागता है। ईश्वर सब में है। मैं जो कुछ भी करता हूं उस सबको ईश्वर देखते हैं, जो ऐसा अनुभव करता है उसको कभी पाप नहीं लगता।

भगवान की भक्ति करने के लिए क्या करना चाहिए?

सलाह
  1. अपने शरीर/ मांसपेशियों को आराम देने से, आपका मन साफ होने के साथ-साथ आपको अच्छी नींद भी आएगी!
  2. ज़्यादा सोचने से माइग्रेन का ख़तरा उत्पन्न होता है। …
  3. अपने मन को साफ होने में लगने वाले समय की चिंता ना करें। …
  4. एक किसी उद्देश्य का निर्माण कर लें। …
  5. दौड़ने जाएँ। …
  6. खुद से और अपने आसपास मौजूद लोगों के लिए दयाभाव और प्रेमभाव रखें।

मन को शुद्ध कैसे करें?

सीधा-सरल-सा सूत्र है कि जब तक आप बोलते हैं सामने वाला सुनता है। आप बोलना बंद करते हैं तभी सामने वाला जो बोल रहा है उसे आप सुन पाते हैं और समझ पाते हैं। यदि दोनों ही लगातार बोलते रहें तो दोनों को कुछ भी समझ में नहीं आएगा। ठीक इसी तरह यदि आपका मन चुप है तभी आपको दूसरे का मन सुनाई देने लगेगा।

किसी के मन की बात को कैसे जाने?

भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो

ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है।

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कमजोर चंद्रमा क्या करता है?

वैज्ञानिकों के मुताबिक चांद पर पानी कहीं और से नहीं बल्कि धरती से गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा पृथ्वी के वायुमंडल से पानी निकाल रहा है और चंद्रमा में मौजूद गड्ढ़ों में यही पानी हजारों-लाखों सालों से बर्फ के रूप में जमा हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चांद पर करीब 840 क्यूबिक मील पानी मौजूद है।

चांद पर पानी होता है क्या?

वर्ष 1967 में भारत सहित 100+ देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार अंतरिक्ष में तारे, चंद्रमा और अन्य चीजें किसी भी देश की संपत्ति नहीं हैं।

हाथ में चाँद बनने से क्या होता है?

चंद्र जल वह जल है जो चंद्रमा पर मौजूद है । 2020 में NASA की SOFIA वेधशाला द्वारा खोजे गए डिफ्यूज़ पानी के अणु चंद्रमा की सूरज की रोशनी वाली सतह पर बने रह सकते हैं। धीरे-धीरे सूर्य के प्रकाश से जल वाष्प विघटित हो जाता है, जिससे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन बाहरी अंतरिक्ष में खो जाते हैं।

क्या चांद पर पानी है?

पुराणों अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है। अदिति के पुत्रों को आदित्य कहा गया है। 33 देवताओं में अदिति के 12 पुत्र शामिल हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- विवस्वान् (सूर्य), अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, विधाता, वरुण, मित्र, इंद्र और त्रिविक्रम (भगवान वामन)।

सूर्य के पिता का नाम क्या था?

तो आपको बताते चलें कि पृथ्वी के नीचे पूरा वैक्यूम है यानी कुछ भी नहीं। अब चुकी पृथ्वी हमारे सोलर सिस्टम में स्थित है और सोलर सिस्टम हमारे आकाशगंगा गैलेक्सी में. तो गैलेक्सी के कुछ एलिमेंट्स जैसे धूल गैस और बहुत ज्यादा दूर के स्टार जैसी संरचना है पृथ्वी के पीछे हो सकती है.

इस धरती के नीचे क्या है?

नील आर्मस्ट्रांग चांद पर उतरने वाले पहले इंसान

चांद पर कौन सा इंसान गया है?

कितने लोग चाँद पर चले हैं? अब तक कुल 12 एस्ट्रोनॉटस ने चाँद पर कदम रखा हैं नील आर्मस्ट्रांग पहले एस्ट्रोनॉट थे।

चांद पर इंसान कितने हैं?

चंद्रमा हमें अक्सर सफेद दिखाई देता है या फिर कभी हल्का पीला होता है। लेकिन ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग हल्का काला या फिर लाल नजर आने लगता है। चंद्रमा के लाल होने का प्रमुख कारण धरती के आसपास के वातावरण में फैले धूल के असंख्य कण होते हैं।

क्या चांद लाल होता है?

एक पूर्ण चंद्रमा चमकीले शुक्र ग्रह की तुलना में लगभग दो हजार गुना ज्यादा चमकीला होता है. ऐसे में अगर चांद आसमान से गायब हो जाएगा तो हमारी रातें अंधकारमय हो जाएंगी. यह सभी को पता है कि एक दिन 24 घंटे का होता है. लेकिन, अगर चांद नहीं हुआ तो धरती पर एक दिन केवल छह से बारह घंटे का ही होगा.

अगर चांद गायब हो जाए तो क्या होता है?

जब चंद्रमा पृथ्वी के पीछे होता है तो सूर्य की किरणें चंद्रमा पर पड़कर पृथ्वी तक सीधे आ जाती हैं और चंद्रमा पूरा गोल दिखाई देता है. यह पूर्णिमा की रात होती है. वहीं महीने में दो बार सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा समकोण बनाते हैं. ऐसे में चंद्रमा आधा दिखाई देता है.