सफेद सिरके को गर्म पानी में डालकर इसमें जरा सा नमक मिलाइए और इस घोल में अपना चांदी का सामान डाल दीजिए. 15 मिनट तक इंतजार करें और फिर चांदी के सामान को निकाल कर किसी कपड़े की सहायता से साफ करके साफ पानी से धो लीजिए. वह पायल या अंगूठी एकदम नई चांदी की तरह चमक उठेगी.
पायल को घर पर कैसे साफ करें?
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल
थोड़े से गर्म पानी में बेकिंग सोडा डालकर एक घोल बना लें और इस पेस्ट को चांदी के पायल पर थोड़ी देर लगाकर छोड़ दें । फिर से ब्रश की मदद से गाड़ी। जब आप पानी से धो आएंगे तो आप देखेंगे कि यह ज्वेलरी आप बिल्कुल नए जैसी चमक उठी है।
चांदी को कैसे चमकाते हैं?
चांदी के बर्तनों को क्लीन करने के लिए आप बेकिंग सोडा यूज कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए बेकिंग सोडा को गर्म पानी के साथ मिक्स कर लें. अब इस पेस्ट को चांदी के बर्तन पर डालकर ब्रश की मदद से इसे रगड़ें. इससे चांदी का सामान चमक उठेगा.
आप 925 चांदी कैसे साफ करते हैं?
Solution : चांदी की वस्तुएँ खुली वायु में छोड़ने पर काली पड़ जाती हैं क्योंकि चांदी की वायु में उपस्थित सल्फर के साथ अभिक्रिया कर सिल्वर सल्फाइड की परत बन जाती है जो काले रंग की होती है।
चांदी की डिब्बी में सिंदूर रखने से क्या होता है?
एक गिलास में आधा कप सफेद सिरका और दो बड़े चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं। अपने स्टर्लिंग चांदी के टुकड़े को मिश्रण के अंदर डालें और इसे तीन घंटे तक बैठने दें। फिर धोकर सुखा लें ।
सोना कौन से दिन पहनना चाहिए?
शास्त्रों के मुताबिक अगर वैवाहिक स्त्रियां चांदी के मोर से बनी डिब्बी में सिंदूर रख कर लगाती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।
सोना कैसे साफ करते हैं?
ज्योतिष के मुताबिक, गोल्ड धारण करने के बारे में विस्तार से बताया गया है. विद्वानों के अनुसार शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में ही गोल्ड पहनना चाहिए. रविवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को सोना पहनना शुभ माना गया है.
चांदी कैसे चमके?
एक कटोरे में गर्म पानी लेकर इसमें लिक्विड डिश डिटर्जेंट मिलाएं। अच्छे रिजल्ट्स के लिए सोडियम फ्री सेल्ट्जर का इस्तेमाल करें। इसमें मौजूद कार्बोनेशन गहनों पर जमी गंदगी और मैल को ढीला करने में मदद करता है। अब गहनों को नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश से साफ करें और बहते पानी के नीचे धो लें।
भगवान का मंदिर कैसे साफ करें?
गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिला दें, अब ब्रश की मदद से इस पेस्ट को चांदी की गहने या बर्तन पर रगड़ें। इसके बादे धोकर सूखा लें, इससे कालापन दूर होगा। चांदी को साफ करने के लिए आप टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रश की सहायता से टूथपेस्ट को चांदी पर लगाएं।
चांदी की मूर्ति को कैसे साफ करते हैं?
…
दीपक की धुंआ से मंदिर काला पड़ गया है तो ऐसे करें साफ
- सबसे पहले बेकिंग सोडा मिश्रण को लेकर मंदिर के ऊपर अच्छे से छिड़काव कर दें।
- अब इसे लगभग 10 मिनट के लिए छड़ो दें।
- 10 मिनट बाद क्लीनिंग ब्रश से रगड़कर साफ कर लें।
- साफ करने के बाद मंदिर को पानी से धो लें।
पैर में बिछिया कितना पहनना चाहिए?
यदि आपकी चांदी की मूर्तियां काली हो गई हैं तो आप सबसे पहले पानी उबाल लें। उसके बाद बुले हुए पानी में 1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा डालें और इस घोल में बुलबुले उठने का इन्तजार करें फिर चांदी की मूर्तियां इस घोल में डाल दें। 5 मिनट बाद मूर्तियों को घोल से बाहर निकालें और पानी से धो लें। चांदी की मूर्तियों में चमक आ जाएगी।
अंगूठा में बिछिया पहनने से क्या होता है?
कई महिलाएं पैर की दो या फिर तीन अंगुलियों में भी बिछिया पहनती है। आप कितनी अंगुलियों में बिछिया पहनना चाहती हैं यह निर्णय आपका है। लेकिन सुहागिन स्त्रियों के पैर की दूसरी अंगुली में बिछिया जरूर होनी चाहिए।
नाक में सिंदूर गिरने से क्या होता है?
वैज्ञानिक महत्व की अगर बात की जाए तो ऐसा कहा जाता है कि बिछिया पहनने से स्वास्थय अच्छा रहता है. क्योंकि बिछिया को अंगूठे की बगल वाली उंगली में पहना जाता है. ये एक्यूप्रेशर का काम करती है. इस उंगली की नसें सीधे सीधे हृदय और महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी होती हैं.
कौन सी उंगली से सिंदूर लगाना चाहिए?
नाक पर सिंदूर गिरना
अगर मांग में सिंदूर भरते वक्त वह नाक पर या माथे पर फैल जाए, तो यह शुभ होता है। इस स्थिति में आपको नाक या माथे पर गिरे हुए सिंदूर को पोछना नहीं चाहिए। यदि आप सिंदूर को कपड़े या हाथ से पोछती हैं, तो इसे अशुभ माना जाता है। आपको बता दें कि नाक सिंदूर गिरना यानि आपको अपने साथी से खूब प्यार मिलने वाला है।
सबसे अच्छी चांदी कौन सी होती है?
अनामिका (रिंग फिंगर) हाथ की तीसरी उंगली होती है. जो मध्यमा और कनिष्ठा के बीच में होती है. अनामिका उंगली से तिलक लगाने से मानसिक शक्ति प्रबल होती है, क्योंकि इसका संबंध सीधे सूर्य देव से होता है. इससे तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है.
असली चांदी पर क्या लिखा होता है?
सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है. इसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है. इसलिए इस पर . 925 या 925 की मुहर लगी होती है.
गले में चांदी पहनने से क्या होता है?
अंतर्राष्ट्रीय चाँदी के विक्रेता चाँदी की वस्तुओं पर 925, 900 और 800 की मोहर लगाते हैं। ये मोहर बताता है की किसी वस्तु में कितनी मात्रा में शुद्ध चाँदी है। 925 का मतलब है की 92.5% शुद्ध चाँदी उस वस्तु में है। 900 और 800 की मोहर का मतलब है कि 90% य 80% शुद्ध चाँदी का बना हुआ है और अक्सर इसे चाँदी के सिक्के कहते हैं।
असली चांदी की पहचान क्या है?
ज्योतिष के मुताबिक, गोल्ड धारण करने के बारे में विस्तार से बताया गया है. विद्वानों के अनुसार शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में ही गोल्ड पहनना चाहिए. रविवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को सोना पहनना शुभ माना गया है.
क्या हम बिना नहाए मंदिर जा सकते हैं?
अंतर्राष्ट्रीय चाँदी के विक्रेता चाँदी की वस्तुओं पर 925, 900 और 800 की मोहर लगाते हैं। ये मोहर बताता है की किसी वस्तु में कितनी मात्रा में शुद्ध चाँदी है। 925 का मतलब है की 92.5% शुद्ध चाँदी उस वस्तु में है। 900 और 800 की मोहर का मतलब है कि 90% य 80% शुद्ध चाँदी का बना हुआ है और अक्सर इसे चाँदी के सिक्के कहते हैं।
मंदिर में क्या नहीं करना चाहिए?
जी हाँ बिना नहाए पूजा की जा सकती है और इससे परमेश्वर को कोई फर्क नई पड़ता कि हम नहाए है या नही ओर कोई भी चीज़ हमे बाहर से लग कर इस तरह असुद्ध नही कर सकती कि हम उस स्थिति में परमेश्वर से पूजा या प्राथना न कर सके या परमेश्वर हमारी प्राथना पूजा ग्रहण न करे वो हमारी प्राथना विनती तब भी सुनता है और हमे क़बूल भी करता है जब …
महिलाएं पैर की अंगुली की अंगूठी क्यों पहनती हैं?
…
- मंदिर में बगैर आचमन क्रिया के नहीं जाना चाहिए। …
- मंदिर में किसी भी प्रकार का वार्तालाप वर्जित माना गया है।
- मंदिर में कभी भी मूर्ति के ठीक सामने खड़े नहीं होते।
- दुर्गा और हनुमान मंदिर में सिर ढंककर जाते हैं।
- मंदिर में जाने का समय- मंदिर में संध्यावंदन के समय जाते हैं।
क्या शादी के बाद बिछिया पहनना जरूरी है?
जो एक मामूली दबाव (पैर की अंगुली की अंगूठी के कारण) मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के लिए जाना जाता है. यह एक स्वस्थ गर्भाशय सुनिश्चित करने के लिए भी जाना जाता है. परंपरागत रूप से एक विवाहित महिला अपने पैर के दूसरे अंगुली में बिछिया पहनती है जबकि अविवाहित महिलाएं इसे तीसरे अंगुली में पहनती हैं.
बिछिया कितनी पहननी चाहिए?
हिंदू धर्म-शास्त्रों में कहा गया है कि शादी के बाद महिलाओं को पैर में बिछिया जरूर पहनना चाहिए. लेकिन बिछिया पहनने के पीछे और भी कई कारण हैं. महिलाओं का बिछिया पहनना सुहाग की निशानी तो है ही, साथ ही उनकी सेहत के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है.
पैरों में पायल पहनने से क्या होता है?
कई महिलाएं पैर की दो या फिर तीन अंगुलियों में भी बिछिया पहनती है। आप कितनी अंगुलियों में बिछिया पहनना चाहती हैं यह निर्णय आपका है। लेकिन सुहागिन स्त्रियों के पैर की दूसरी अंगुली में बिछिया जरूर होनी चाहिए।
क्या पति सिंदूर लगा सकता है?
इसलिए कहा जाता है कि पायल धारण करने से हड्डियों में मजबूती आती है। कहते हैं कि पायल जब पैरों पर रगड़ती है तो ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है इससे हड्डियों को भी लाभ पहुंचता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि यदि किसी विवाहिता के पैरों में सूजन आ जाए और वह पायल पहन ले तो यह समस्या दूर हो सकती है।
सिंदूर कब नहीं लगाना चाहिए?
साथ ही अपना सिंदूर भी किसी को न दें. मान्यता है कि इससे पति का सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है. सिंदूर हमेशा मांग के बीचों-बीच लगाएं, सिंदूर लगाने के बाद इसे बालों से छिपाए नहीं. शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से पति को जीवन में असफलता का सामना करना पड़ सकता है.
सोने की अंगूठी पहनने से क्या लाभ होता है?
हिंदू मान्यता के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि शास्त्रों में सिंदूर को बेहद शुभ माना जाता है. वहीं पीरियड्स के दौरान महिला को अशुद्ध माना जाता है. इसलिए इस दौरान सिंदूर लगाने की मनाही होती है.
सोना पहनने से कौन सा ग्रह मजबूत होता है?
स्वर्ण धातु के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तर्जनी उंगली में सोने की अंगूठी पहनने से एकाग्रता बढ़ती है और राजयोग की प्राप्ति में सहायक माना जाता है। वहीं अनामिक उंगली में सोने की अंगूठी पहनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। अगर आपको सर्दी-जुकाम या सांस की बीमारी है तो कनिष्ठा उंगली में सोने के आभूषण पहनना चाहिए।
असली सोने की पहचान कैसे की जाए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना धातु पहनने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. सोना ही हर किसी को धारण नहीं करना चाहिए.
चांदी काला क्यों हो जाता है?
सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है. इसमें 92.5 फीसदी चांदी होती है. इसलिए इस पर . 925 या 925 की मुहर लगी होती है.
सोने की चेन पहनने से क्या होता है?
सोने के लाभ :
*दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो गले में सोने की चैन पहनें। *यदि संतान नहीं हो रही है तो अनामिका अंगुली में सोना धारण करना चाहिए। *सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है साथ ही यह विष के प्रभाव को दूर भी करता है। *अगर सर्दी जुकाम या सांस की बीमारी हो तो कनिष्ठा अंगुली में सोना धारण करें।
पुरुषों को हाथ में क्यों पहनना चाहिए कड़ा?
यह रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। जो कि शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में कारगर साबित होता है। इसके अलावा कहते हैं कि इसे पहनने से कार्यक्षेत्र में आर्थिक लाभ तो होता ही है साथ ही कारोबार को भी विस्तार मिलता है।
रात में मुंह धो कर सोने से क्या होता है?
यह आपके रोमछिद्रों से गंदगी हटाता है और आपके पोर्स को अंदर से साफ करता है। दरअसल, गंदगी और प्रदूषण आपके छिद्रों को बंद कर देते हैं और उन्हें ताजी हवा में सांस नहीं लेने देते। ऐसे में चेहरा धो कर सोने से चेहरे अच्छे से सांस ले पाता है और आपको एक्ने की समस्या भी नहीं होती है।
सोना कैसे धोते हैं?
माइल्ड लिक्विड पाउडर में धोएं गहने
पानी में माइल्ड लिक्विड पाउडर मिला लें। फिर इसमें सोने के गहनों को डालकर थोड़ी देर छोड़ दें। कुछ देर के बाद गहनों को टूथब्रश से रगड़ लें। इससे काले पड़े जेवर चमकने लगेंगे।
सोने के गहने कैसे चमकाएं?
एक कटोरे में गर्म पानी लेकर इसमें लिक्विड डिश डिटर्जेंट मिलाएं। अच्छे रिजल्ट्स के लिए सोडियम फ्री सेल्ट्जर का इस्तेमाल करें। इसमें मौजूद कार्बोनेशन गहनों पर जमी गंदगी और मैल को ढीला करने में मदद करता है। अब गहनों को नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश से साफ करें और बहते पानी के नीचे धो लें।
घर के पूजा घर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?
माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?
यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।
मां काली की फोटो घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में कभी भी मां काली की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि मां काली दुर्गा माता का विध्वंसक रूप है जो हमेशा क्रोध रूप में होती है। मां काली की पूजा तंत्र साधना में अधिक की जाती है। इसलिए इस तरह की तस्वीर पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए।
सोने का पानी कैसे चढ़ाया जाता है?
धातु (सबसे आम), लकड़ी, चीनी मिट्टी के बरतन, या पत्थर जैसी ठोस सतहों पर सोने की बहुत पतली कोटिंग लगाने के लिए गिल्डिंग एक सजावटी तकनीक है। एक गिल्ड ऑब्जेक्ट को “गिल्ट” के रूप में भी वर्णित किया गया है।
घर में चांदी कैसे चमकाएं?
चांदी के बर्तनों को क्लीन करने के लिए आप बेकिंग सोडा यूज कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए बेकिंग सोडा को गर्म पानी के साथ मिक्स कर लें. अब इस पेस्ट को चांदी के बर्तन पर डालकर ब्रश की मदद से इसे रगड़ें. इससे चांदी का सामान चमक उठेगा.
लड़कियां पायल क्यों पहनती है?
नकारात्मकता से बचाती है ‘पायल‘
परंपराओं के अनुसार सुहागिन को आजीवन पायल पहनना चाहिए। दूसरा इसका वैज्ञानिक कारण है इसकी पॉजीटिव एनर्जी। पायल में लगे घुंघुरूओं से निकलने वाली आवाज को क्रिया शक्ति कहते हैं। कहा जाता है कि जब यह आवाज वातावरण में गूंजती है तो इसे धारण करने वाले को यह निगेटिव एनर्जी से बचाती है।