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घर में कौन सा शंकर रखना चाहिए?

गणेश शंख, दक्षिणावर्ती शंख, वामावर्ती शंख, कौरि शंख, गौमुखी शंख, हीरा शंख और मोती शंख हैं। मेरा सुझाव है कि आप पूजा कक्ष में गणेश शंख रखें। यह शुभ है। आप पूजा कक्ष में दाएं हाथ या दक्षिणावर्ती शंख भी रख सकते हैं।

घर में कौन सा शंख रखा जाता है?

दक्षिणावर्ती शंख का घर में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शंख को घर में बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। दक्षिणावर्ती शंख को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है और इसके पूजन से लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है।

पूजा घर में कितने शंख रख सकते हैं?

पूजा के लिए घर के किसी मंदिर में दो शंख एक साथ नहीं रखने चाहिए। शंख को कभी भी फर्श पर न रखें क्योंकि यह एक देवता के समान होता है।

असली दक्षिणावर्ती शंख की पहचान क्या है?

Dakshinavarti Shankh वामावर्ती शंखों का पेट बाई तरफ खुला हुआ रहता है जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुख दायीं तरफ होता है। इस शंख को बेहद शुभ कल्याणकारी माना गया है। इसके अलावा इस शंख की एक पहचान है इसे इसे कान पर लगाने से इसमें ध्वनि सुनाई देती है।

मंदिर में कितने शंख रखने चाहिए?

पूजा के स्थान पर रखे शंख में हमेशा जल भर कर ही रखें। मंदिर में दो से अधिक शंख न रखें और दोनों शंखों को अलग-अलग रखें।

क्या महिलाओं को शंख बजाना चाहिए?

इस विषय पर शास्त्र कहता है कि शंख का टूटना अशुभ नहीं बल्कि शुभ होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शंख (घर पर शंख रखने के नियम) सकारात्मकता का संचार करता है और ऐसे में अगर ये टूट जाए तो इसका अर्थ होता है कि कोई बुरी बला या होने वाली अशुभ घटना टल गई है।

शंख टूटने से क्या होता है?

जी हां पुरुषों की तरह स्त्रियां भी शंख बजा सकती हैं। इसमें ऐसा कोई नियम नहीं है कि पुरुष लोग ही शंख बजाएंगे और स्त्रियां नहीं। लेकिन अगर स्त्री गर्भवती है तो उस गर्भवती महिला को शंख नहीं बजाना चाहिए

शंख चावल के नीचे क्यों नहीं रहता है?

ऐसा चावल के बैग के अंदर बने कम दबाव के कारण होता है, जो भरते समय बनता है। इस प्रकार हवा शंख में निरंतर प्रवेश होती रहती है, और इस प्रकार वह ऊपर की ओर उठता रहता है।

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घर के पूजा घर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?

माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल

ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए

शाम को घंटी क्यों नहीं बजाना चाहिए?

– हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कि बताया गया है कि शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.

शंख को चावल के नीचे क्यों नहीं रहता?

ऐसा चावल के बैग के अंदर बने कम दबाव के कारण होता है, जो भरते समय बनता है। इस प्रकार हवा शंख में निरंतर प्रवेश होती रहती है, और इस प्रकार वह ऊपर की ओर उठता रहता है।

घर के मंदिर में माचिस रखने से क्या होता है?

घर में बना मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है यहां पर माचिस रखना घर में नकारात्‍मकता लाता है और अपशगुन का कारण बनता है. घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति-तस्‍वीरें रखी जाती हैं, उनकी पूजा की जाती है इसलिए यहां पर हमेशा पवित्र और सकारात्‍मकता लाने वाली चीजें ही रखनी चाहिए.

पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए?

नई मूर्ति की स्थापना के बाद पुरानी मूर्तियों का भूलकर भी अपमान न करें. इन्हें किसी कागज या साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रख दें. फिर जब भी आपको मौका मिले, आप अपने घर के पास किसी नदी या नहर में उन्हें विसर्जित कर दें. अगर नदी या नहर का पानी गंदा हो तो पुरानी मूर्तियों को उसमें प्रवाहित न करें.

कौन सा शंख शुभ माना जाता है?

दक्षिणावर्ती शंख का घर में होना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शंख को घर में बजाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। दक्षिणावर्ती शंख को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है और इसके पूजन से लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है।

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भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?

यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।

घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

कौन से देवी देवता रखने चाहिए

घर के पूजनस्थल में किन देवी-देवताओं को स्थापित करना चाहिए यह भी वास्तु के लिहाज से आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है।

पूजा घर में क्या नहीं करना चाहिए?

ऐसी मान्‍यता है कि घर के पूजा स्‍थल में हमें मूर्तियां नहीं स्‍थापित करनी चाहिए। इसे गृहस्‍थ लोगों के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता है। आप इसके स्‍थान पर तस्‍वीरों या फिर बहुत छोटी मूर्तियां रख सकते हैं और किसी भी भगवान की एक से अधिक तस्‍वीर या फिर प्रतिमा न रखें।

शंख में पानी भरकर रखने से क्या होता है?

शंख को लेकर वैज्ञानिक तथ्य यह कहा जाता है कि शंख का जल खराब नहीं होता है। साथ ही उसके छिड़कने से कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का भी नाश हो जाता है। शंख में जो गंधक, कैल्सियम और फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है, उसके अंश जल में आ जाते हैं। इसलिए शंख के जल को छिड़कने और पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

ज्यादा पूजा पाठ करने से क्या होता है?

इसका सीधा सा उत्तर यह है कि ज्यादा पूजा पाठ करने वाला भक्ति के स्वरूप को नही समझने के कारण पूजा पाठ तो करता है, लेकिन वह अनजाने में सकाम पूजा ही करता है जिसका फल उसे सुख दुख के रूप में ही मिलता है। ज्यादा पूजा पाठ करने वाला बेशक ज्यादा पूजा पाठ या भक्ति करता हुआ नजर आता है लेकिन वह कर्मकांड को ठीक से नही करना जानता है।

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बिना नहाए पूजा कैसे करें?

जी हाँ बिना नहाए पूजा की जा सकती है और इससे परमेश्वर को कोई फर्क नई पड़ता कि हम नहाए है या नही ओर कोई भी चीज़ हमे बाहर से लग कर इस तरह असुद्ध नही कर सकती कि हम उस स्थिति में परमेश्वर से पूजा या प्राथना न कर सके या परमेश्वर हमारी प्राथना पूजा ग्रहण न करे वो हमारी प्राथना विनती तब भी सुनता है और हमे क़बूल भी करता है जब …

घर के मंदिर में क्या नहीं रखना चाहिए?

ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए

लक्ष्मी पूजा में शंख क्यों नहीं बजाना चाहिए?

लक्ष्मी पूजन के समय घंटी और शंख ने बजाएं। ऐसा कहा जाता है कि शाम की आरती के बाद देवगण सो जाते हैं, इसलिए उसके पश्चात शंख और घंटी बजाने से उनकी निद्रा में बाधा आती है। इसीलिए मां सरस्वती, दुर्गा एवं लक्ष्मी की पूजन में रात्रि को घंटी अथवा शंख नहीं बनाना चाहिए

घर में शंख टूटने से क्या होता है?

इस विषय पर शास्त्र कहता है कि शंख का टूटना अशुभ नहीं बल्कि शुभ होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शंख (घर पर शंख रखने के नियम) सकारात्मकता का संचार करता है और ऐसे में अगर ये टूट जाए तो इसका अर्थ होता है कि कोई बुरी बला या होने वाली अशुभ घटना टल गई है।

रोज किसकी पूजा करनी चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार इन पंचदेवों की पूजा करनी चाहिए—सूर्य, गणेश, दुर्गा, शंकर एवं विष्णु। सबसे पहले सूर्य की पूजा की जाती है। अब समयानुसार यह क्रम थोड़ा परिवर्तित हो गया।