गुरु वह होता है जो भीतर के अंधकार को मिटाकर प्रकाश की ओर लेकर के जाए। हमेशा से ही यह भी रहा है कि जो गुरु होता है पहले वह शिष्य होता है बाद में गुरु बनता है। तो स्वयं कोई भी अपना गुरु नहीं हो सकता, आपको एक पूर्ण गुरु की शरणागति प्राप्त करनी ही होगी, तब ही आप भी शायद गुरु पद पा जाए..
गुरु कौन बन सकता है?
भगवद्गीता 17.14 देखें। इस्कॉन में, अच्छी स्थिति में श्रील प्रभुपाद का कोई भी शिष्य गुरु बन सकता है – अर्थात, जो अपनी प्रतिज्ञा में दृढ़ हैं, वे प्रतिदिन सोलह माला (1728 बार) हरे कृष्ण महा-मंत्र का जप करते हैं और अवैध यौन संबंध, नशा, मांस भक्षण, और जुआ।
गुरु बनने के लिए क्या करना पड़ता है?
हालांकि किसी भी गुरु शिक्षक को कभी-कभी गुरु के रूप में संदर्भित किया जाता है (आजकल अंग्रेजी में गुरु शब्द का प्रयोग बहुत ही शिथिल रूप से किया जाता है), पारंपरिक रूप से गुरु एक धार्मिक या आध्यात्मिक शिक्षक को संदर्भित करता है, जिसके पास न केवल गहरा ज्ञान होता है जो मोक्ष (मुक्ति या ज्ञान) की ओर ले जा सकता है। बल्कि दिव्य दृष्टि का प्रत्यक्ष अनुभव भी है या …
धरती पर सच्चा गुरु कौन है?
सच्चा गुरु वो है जो अपने शिष्य को हर परिस्थति से सामना करने के लिए तैयार करता है । जो शिष्य के अज्ञान को दूर करने के लिए समर्पित हो।
असली गुरु कौन होता है?
शिष्य के अज्ञान को जो अपने ज्ञान से दूर करे, वही सच्चा गुरु है।
दुनिया का सबसे बड़ा गुरु कौन है?
बृहस्पति खराब होने के क्या लक्षण है?
मनुष्य के जीवन में कितने गुरु होते हैं?
सारांश में ये कहा जा सकता है की श्रीकृष्ण ही सबसे श्रेष्ठ गुरु हैं। हर युग में उनसे ऊपर न कोई गुरु हुआ है और न होगा।
गुरु से बड़ा कौन होता है?
गुरु कमजोर होने से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां:
इसके कारण जातक को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है तो उसे इस क्षेत्र में परेशानियाँ आएंगी। पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है।
दुनिया के सबसे महान गुरु कौन है?
यानी माता पिता का स्थान सर्वोपरि है। शास्त्र की व्याख्या करते कथा व्यास कहते हैं कि शास्त्र कहता है कि सबसे बड़ा भगवान, उससे बड़ा गुरु, गुरु से बड़ा पिता तथा पिता से भी बड़ा है मां का स्थान। रामायण के अध्याय का वर्णन करते कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम सुबह उठकर पहले माता पिता फिर गुरु को माथा नवाते हैं।
संसार के गुरु कौन है?
शास्त्रों के अनुसार संसार के प्रथम गुरु भगवान शिव को माना जाता है जिनके सप्तऋषि गण शिष्य थे। उसके बाद गुरुओं की परंपरा में भगवान दत्तात्रेय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
मनुष्य का गुरु कौन है?
शास्त्रों के अनुसार संसार के प्रथम गुरु भगवान शिव को माना जाता है जिनके सप्तऋषि गण शिष्य थे। उसके बाद गुरुओं की परंपरा में भगवान दत्तात्रेय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। शिवपुत्र कार्तिकेय को दत्तात्रेय ने अनेक विद्याएं दी थीं।
नारी का असली गुरु कौन है?
शास्त्रों के अनुसार संसार के प्रथम गुरु भगवान शिव को माना जाता है जिनके सप्तऋषि गण शिष्य थे। उसके बाद गुरुओं की परंपरा में भगवान दत्तात्रेय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। शिवपुत्र कार्तिकेय को दत्तात्रेय ने अनेक विद्याएं दी थीं।
असली गुरु कौन है?
कहा जाने लगा कि नारी का पति ही उसका गुरु होता है। शास्त्र में उल्लेख है- गुरुर्ग्निर्दिजातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरु:। अर्थात अग्नि द्विजातियों का गुरु है, ब्राह्मण चारों वर्णो का गुरु है, एक मात्र पति ही स्त्री का गुरु है, अतिथि सब का गुरु है।
पूरी दुनिया में सच्चा गुरु कौन है?
यानी माता पिता का स्थान सर्वोपरि है। शास्त्र की व्याख्या करते कथा व्यास कहते हैं कि शास्त्र कहता है कि सबसे बड़ा भगवान, उससे बड़ा गुरु, गुरु से बड़ा पिता तथा पिता से भी बड़ा है मां का स्थान। रामायण के अध्याय का वर्णन करते कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम सुबह उठकर पहले माता पिता फिर गुरु को माथा नवाते हैं।
इंसान का गुरु कौन है?
शिष्य के अज्ञान को जो अपने ज्ञान से दूर करे, वही सच्चा गुरु है।
बृहस्पति को खुश करने के लिए क्या करें?
उत्तर:- कबीर परमात्मा ही पूर्ण संत, पूर्ण गुरु हैं। सतगुरु के…”
भाग्य को मजबूत कैसे बनाएं?
शिष्य के अज्ञान को जो अपने ज्ञान से दूर करे, वही सच्चा गुरु है।
शुक्र कमजोर होने के क्या लक्षण है?
भाग्य भाव के स्वामी मंगल हों तो
ऐसे लोगों को भाग्य को प्रबल करने के लिए मंगल ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए। आपको मंगलवार के दिन मंगल बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का यथासंभव जप करना चाहिए इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी आपको भाग्य का सहयोग मिलने लग जाता है।
कलयुग में सच्चा संत कौन है?
गुरु कमजोर होने से जीवन में आने लगती हैं ये परेशानियां:
इसके कारण जातक को विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है तो उसे इस क्षेत्र में परेशानियाँ आएंगी। पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है।
गुरुजी का नाम क्या है?
इस संसार में सच्चा संत वही है जो पक्ष विपक्ष के विवाद में पड़े बिना सब को एक समान समझता है; वह लड़ाई झगड़े से दूर रहकर ईश्वर की भक्ति में अपना ध्यान लगाता है और दुनियादारी के झूठे झगड़ों में कभी नहीं पड़ता। कबीर कहते हैं कि यह संसार पक्ष विपक्ष के झगड़े में उलझकर ईश्वर के नाम को भुलाकर इससे दूर होता जा रहा है।
1 गुरुजी ने क्या बात कही थी?
प्रथम गुरु जन्म देने वाला, दूसरा गुरु शक्षा देने वाला, तीसरा गुरु संस्कार देने वाला, चौथा गुरु दीक्षा देने वाला और पांचवां गुरु समाधि मरणकेसमयकाहोताहै।
मनुष्य के गुरु कितने होते हैं?
यानी माता पिता का स्थान सर्वोपरि है। शास्त्र की व्याख्या करते कथा व्यास कहते हैं कि शास्त्र कहता है कि सबसे बड़ा भगवान, उससे बड़ा गुरु, गुरु से बड़ा पिता तथा पिता से भी बड़ा है मां का स्थान। रामायण के अध्याय का वर्णन करते कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीराम सुबह उठकर पहले माता पिता फिर गुरु को माथा नवाते हैं।
श्रेष्ठ गुरु कौन है?
गुरु से ही जीवन का पथ प्रदर्शित होता है। उन्होंने बताया कि बच्चे की सबसे पहली गुरु उसकी माता होती है, जो उसको परिवार के तौर तरीकों से परिचय कराती है। इसके बाद जब बड़ा होता है तो उसे विभिन्न सांसारिक गुरुओं का सानिध्य प्राप्त होता है। जो शिक्षा और व्यवसाय के क्षेत्र में उसका ज्ञान वर्धन करते है।