योहानेस गुटेनबर्ग (जर्मन: Johannes Gutenberg, 1398-1468) टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या का आविष्कारक। … इन्होनें सन १४३९ में प्रिंटिंग प्रेस की रचना की जिसे एक महान आविष्कार माना जाता है। इन्होने मूवेबल टाइप की भी रचना की। इनके द्वारा छापी गयी बाइबल गुटेनबर्ग बाइबल के नाम से प्रसिद्ध है।
गुटेनबर्ग कौन था मुद्रण क्रांति में उनका योगदान बताइए?
1400 – 3 फरवरी 1468) एक जर्मन आविष्कारक, मुद्रक, प्रकाशक और स्वर्णकार थे जिन्होंने अपने यांत्रिक जंगम प्रकार के मुद्रण यन्त्र के साथ यूरोप में छपाई की शुरुआत की। उनके कार्य ने यूरोप में मुद्रण क्रान्ति का आरम्भ की और इसे दूसरी सहस्राब्दी का एक मीलशिला माना जाता है, जो मानव इतिहास के आधुनिक इतिहास का आरम्भ करता है।
गुटेनबर्ग कौन थे और उनके मुद्रण आविष्कार क्या थे इन रचनाओं ने धर्म को कैसे प्रभावित किया?
BRIA 24 3 b गुटेनबर्ग और यूरोप में मुद्रण क्रांति। चल-प्रकार की छपाई के जोहान गुटेनबर्ग के आविष्कार ने पुनर्जागरण यूरोप में ज्ञान, खोजों और साक्षरता के प्रसार को गति दी । मुद्रण क्रांति ने कैथोलिक चर्च को अलग करने वाले प्रोटेस्टेंट सुधार में भी शक्तिशाली योगदान दिया।
गुटेनबर्ग कौन था answer?
Solution : योहान गुटेन्बर्ग एक जर्मन सुनार तथा अन्वेषक था जिसने यूरोप में चल प्रकार की मुद्रण तकनीक की खोज की थी। <br> गुटेनबर्ग एक व्यापारी का बेटा था और वह खेती की एक बड़ी रियासत में पल-बढ़कर बड़ा हुआ था । वह बचपन से ही तेल और जैतून पेरने की मशीनें देखता आया था। बाद में उसने पत्थर पर पॉलिश करने की कला सीखी.
गुटेनबर्ग के आविष्कार ने मुद्रण विचारों के क्षेत्र में क्रांति कैसे लाई?
गुटेनबर्ग के नवनिर्मित हाथ के सांचे ने बड़ी मात्रा में धातु के जंगम प्रकार का सटीक और तेजी से निर्माण संभव बना दिया । उनके दो आविष्कारों, हैंड मोल्ड और मूवेबल-टाइप प्रिंटिंग प्रेस ने मिलकर यूरोप में पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों की छपाई की लागत को काफी कम कर दिया, विशेष रूप से छोटे प्रिंट रन के लिए।
गुटेनबर्ग का पूरा नाम क्या था?
योहानस गेन्स्फ़्लाइश त्सुर लाडन त्सुम गूटन्बर्ग ( ल. 1400 – 3 फरवरी 1468) एक जर्मन आविष्कारक, मुद्रक, प्रकाशक और स्वर्णकार थे जिन्होंने अपने यांत्रिक जंगम प्रकार के मुद्रण यन्त्र के साथ यूरोप में छपाई की शुरुआत की।
छापाखाना यूरोप में कैसे आया?
Solution : ग्यारहवीं शताब्दी में रेशम मार्ग द्वारा कागज चीन से यूरोप पहुँचा। 1295 में मार्कोपोलो अपने साथ काठ की तख्ती (वुड ब्लॉक) पर छपाई की तकनीक लेकर वापस रोम (इटली) पहुँचा। 1448 में जर्मनी के योहान गुटेबर्ग ने छापाखाना या मुवेवल टाइप प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया।
ख छापाखाना यूरोप में कैसे पहुँचा?
Solution : ग्यारहवीं शताब्दी में रेशम मार्ग द्वारा कागज चीन से यूरोप पहुँचा। 1295 में मार्कोपोलो अपने साथ काठ की तख्ती (वुड ब्लॉक) पर छपाई की तकनीक लेकर वापस रोम (इटली) पहुँचा। 1448 में जर्मनी के योहान गुटेबर्ग ने छापाखाना या मुवेवल टाइप प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया।
10 गुटेन्बर्ग कौन था?
Solution : योहान गुटेन्बर्ग एक जर्मन सुनार तथा अन्वेषक था जिसने यूरोप में चल प्रकार की मुद्रण तकनीक की खोज की थी। <br> गुटेनबर्ग एक व्यापारी का बेटा था और वह खेती की एक बड़ी रियासत में पल-बढ़कर बड़ा हुआ था । वह बचपन से ही तेल और जैतून पेरने की मशीनें देखता आया था। बाद में उसने पत्थर पर पॉलिश करने की कला सीखी.
यूरोप में सबसे पहली छपी किताब कौन सी थी?
गुटनबर्ग ने इन टाइपों का आविष्कार 1440 से 1450 के बीच किया और 1456 ई़ में 42 लाइनों वाली बाइबिल छापी। इस बाइबिल को ही यूरोप की पहली मुद्रित पुस्तक माना जाता है।
विश्व में मुद्रण की शुरूआत कहाँ से हुई?
चीन में ही दुनिया का पहला मुद्रण स्थापित हुआ, जिसमें लकड़ी के टाइपों का प्रयोग किया गया था। टाइपों के ऊपर स्याही जैसे पदार्थ को पोतकर कागज के ऊपर दबाकर छपाई का काम किया जाता था। इस प्रकार, मुद्रण के आविष्कार और विकास का श्रेय चीन को जाता है।
मुद्रण क्रांति का अर्थ क्या है?
मुद्रण तकनीक ने पाठकों के एक नये वर्ग को जन्म दिया। मुद्रण की मदद से किसी किताब की आसानी से अनेक कॉपी बनाई जा सकती थी, इसलिए किताबें सस्ती होने लगीं। इसके परिणामस्वरूप किताबें अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचने लगीं। जनसाधारण तक किताबें पहुँचने से पढ़ने की एक नई संस्कृति का विकास हुआ।
मुद्रण क्रांति का जनक कौन है?
Detailed Solution. जोहान्स गुटेनबर्ग को मुद्रण के जनक के रूप में जाना जाता है। वह एक जर्मन सुनार, प्रिंटक, लोहार और प्रकाशक था। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया।
गुटेनबर्ग ने 1455 में सबसे पहले अपनी छापे खाने में क्या छापा?
1456 को 23 अगस्त ही के दिन जर्मनी के माइंस शहर में दुनिया की पहली छपाई मशीन बनाने वाले जर्मन वैज्ञानिक योहानेस गुटेनबर्ग ने इस बाइबिल का प्रकाशन किया था। गुटेनबर्ग ने 380 ईस्वी के एक लैटिन अनुवाद से यह बाइबिल सफेद कागज पर काले अक्षरों में छापी थी। इसकी तीन सौ प्रतियाँ छापकर विभिन्न शहरों में भेजी गई थीं।
भारत मे पहला छापाखाना कहाँ स्थापित हुआ?
छापाखाना से पुस्तक ज्यादा मात्रा में जल्दी छपने लगी। फलस्वरूप ज्ञान का वितरण संपूर्ण विश्व में तेजी से फैल गया।
छापाखाना से क्या लाभ है?
भारत का पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला था, जिनका श्रय पुर्तगालियो को जाता हे।
भारत का पहला छापाखाना कहाँ खुला था?
भारत में पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला। इसे मिशनरियों ने धर्म-प्रचार की पुस्तकें छापने के लिए खोला था।
दुनिया की सबसे पुरानी किताब क्या है?
868 ईसवी में चीन में छपी डायमंड सूत्रा को दुनिया की सबसे पुरानी प्रिंटेड किताब माना जाता है. इसमें बुद्ध और उनके शिष्यों के बीच का संवाद है. शब्दों और तस्वीरों को पहले लकड़ी पर उकेरा गया फिर रंग चढ़ाकर उन्हें कागज पर छापा गया.
दुनिया की पहली किताब कौन है?
बहरहाल पुस्तक दिवस पर ‘यूनेस्को’ को समझना होगा कि दुनिया का सर्वप्रथम ग्रंथ ‘ऋग्वेद’ है।
मुद्रण मतलब क्या?
एक मास्टर फॉर्म या टेम्प्लेट का उपयोग करके किसी टेक्स्ट या/और छबि (इमेज) की अनेक प्रतियाँ बनाना मुद्रण या छपाई (प्रिंटिंग) कहलाता है।
भारत में प्रिंटिंग प्रेस कौन लाया था?
भारत में प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तगालियों को है। गोवा में वर्ष 1557 में कुछ ईसाई पादरियों ने एक पुस्तक छापी थी, जो भारत में मुद्रित होने वाली पहली किताब थी। 1684 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की।
प्रिंटिंग प्रेस भारत कब आया?
भारत में पहला प्रेस 1550 में पुर्तगालियों द्वारा शुरू किया गया था। भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया था। फादर गैस्पर कालेजा ने एबिसिनिया में मिशनरी काम को बढ़ावा देने के लिए पुर्तगाल से एबिसिनिया (वर्तमान इथियोपिया) के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस ले जाने वाले जहाज की बात की।
भारत में छापेखाने की शुरुआत कब हुई?
भारत में प्रिंटिंग प्रेस का आगमन
भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया था।
गुटेनबर्ग कौन था हिंदी में?
1400 – 3 फरवरी 1468) एक जर्मन आविष्कारक, मुद्रक, प्रकाशक और स्वर्णकार थे जिन्होंने अपने यांत्रिक जंगम प्रकार के मुद्रण यन्त्र के साथ यूरोप में छपाई की शुरुआत की। उनके कार्य ने यूरोप में मुद्रण क्रान्ति का आरम्भ की और इसे दूसरी सहस्राब्दी का एक मीलशिला माना जाता है, जो मानव इतिहास के आधुनिक इतिहास का आरम्भ करता है।
विश्व में प्रथम छापाखाना कहाँ आरंभ हुआ?
1448 में जर्मनी के योहान गुटेबर्ग ने छापाखाना या मुवेवल टाइप प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया। इस आविष्कार ने यूरोप में बौद्धिक क्रांति ला दी। 1475 में कैक्सपटन ने इंग्लैण्ड में छापाखाना स्थापित किया। 1544 में पुर्तगाल में छापाखाना स्थापित हुआ।
विश्व में पहला छापाखाना कब और कहां खुला?
जॉन गुटेनबर्ग ने ही सन् १४५४-५५ ई. में दुनिया का पहला छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) लगाया तथा सन् १४५६ ई. में बाइबिल की ३०० प्रतियों को प्रकाशित कर पेरिस भेजा।
भारत में पहला छापाखाना कहाँ है?
भारत का पहला छापाखाना सन 1556 में गोवा में खुला था, जिनका श्रय पुर्तगालियो को जाता हे।
विश्व में पहला छापाखाना कब खुला?
जॉन गुटेनबर्ग ने ही सन् १४५४-५५ ई. में दुनिया का पहला छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) लगाया तथा सन् १४५६ ई. में बाइबिल की ३०० प्रतियों को प्रकाशित कर पेरिस भेजा।
मुंबई में सर्वप्रथम छापाखाना कब स्थापित हुआ?
बम्बई में यह प्रिंटिंग प्रेस 1674-75 में एक व्यापारी ने लगाया था।
दुनिया की सबसे खतरनाक किताब कौन सी है?
डेविल्स बाइबिल को दुनिया की सबसे खतरनाक किताब भी माना जाता है, क्योंकि इसके बारे में आज तक ये पता नहीं चल पाया है कि इसे किसने और क्यों लिखा है। इस शैतानी किताब को ‘कोडेक्स गिगास’ के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि ये किताब फिलहाल स्वीडन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई है।
दुनिया का सबसे मोटी किताब कौन है?
उत्तर : दुनिया की सबसे मोटी किताब “श्री हरिचरित्रमुरूत सागर” है। जो की भगवान स्वामीनारायण की बायोग्राफी है।
दुनिया में सबसे अच्छी किताब कौन है?
दुनिया की सबसे अच्छी किताब कौन सी है? संभवतः, एक धार्मिक व्यवसायी के लिए, स्पष्ट उत्तर बाइबल, टोरा या कुरान होगा। यद्यपि वे स्थायी वैधता के ग्रंथ हैं और अच्छी तरह से बताए गए आख्यानों से भरे हुए हैं, उनमें से केवल एक का चुनाव एक धार्मिक बहस (अनावश्यक) उत्पन्न करता है।
दुनिया की सबसे छोटी किताब कौन है?
सबसे छोटी किताब
आकार 0.74 गुणा 0.75 मिलीमीटर. इस जापानी किताब “शिकी नो कुसाबाना” के नाम दुनिया की सबसे छोटी किताब का रिकॉर्ड है.
मुद्रण का आरम्भ कहाँ से माना जाता है?
मुद्रण कला का प्रयोग पहली बार चीन में शुरू हुआ, जब 650 ई में भगवान बुद्ध की मूर्ति छापी गई। इतना ही नहीं, चीन की सहस्र् बुद्ध गुफाओं से हीरक सूत्र नामक मिली पुस्तक को ही संसार की पहली मुद्रित पुस्तक माना जाता है। सबसे पहली टाइप मशीन 1041 ई़ में चीन के केपी शैंग ने बनाई थी।
भारत में पहली पुस्तक कब छापी गई थी?
वहीं भारत में, पहली मुद्रित कृतियाँ पुस्तकें नहीं थीं, बल्कि कॉन्क्लूसो (Conclusoes) नामक थीसिस थीं। और पहली मुद्रित भारतीय भाषा तमिल थी, रोमनकृत तमिल लिपि में पहली तमिल पुस्तक लिस्बन में 1554 में छपी थी। जेसुइट फादर ने 20 अक्टूबर, 1578 को केरल में पहली भारतीय भाषा की किताब छापी।
छपाई कला क्या है?
वस्त्रों के उपर निश्चित पैटर्न या डिजाइन के अनुसार रंग चढ़ाने की प्रक्रिया का वस्त्रों की छपाई (Textile printing) कहते हैं। एक अच्छी छपाई वह है जिसमें रंग सूत के साथ एकाकार हो जाय ताकि घर्षण से या धुलाई करने पर भी रंग न छूटे।
छपाई कितने प्रकार के होते हैं?
- (1) हाथ ठप्पों (hand blocks) से,
- (2) मशीन के द्वारा ठप्पों से (machine block, or perrotine printing),
- (3-क) स्टेन्सिल (stencil) की छपाई, (3-ख) स्क्रीन (screen) की छपाई,
- (4) ताँबे को खुदी हुई चद्दरों से छापे की छपाई (flat press printing from engraved copper plates) तथा
- (5) बेल छपाई (roller printing)।
जहां छपाई होती है उसे क्या कहते हैं?
आपको बतादे की छपाई कपड़ो पर तथा कागज दोनों पर होती है, जिस जगह कपड़ो पर छपाई होती है उसे Textile printing press कहते हैं, तथा जहाँ पेपर पर छपाई होती है उसे प्रिंटिंग प्रेस कहते हैं।
भारत में छपाई कब शुरू हुई थी?
भारत का पहला प्रेस
भारत में पहला प्रेस 6 दिसम्बर, 1556 को आया। इसके बारे में कहा जाता है कि यह प्रेस पुर्तगाल से ओबीसीनिया यानी वर्तमान इथोपिया के लिए भेजा गया था, किंतु उन दिनों स्वेज नहर नहीं बनी थी।
भारत में छपाई की शुरुआत कब हुई?
सही उत्तर पुर्तगालियों ने वर्ष 1550 में है। भारत में पहला प्रेस 1550 में पुर्तगालियों द्वारा शुरू किया गया था। भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया था।
छपाई भारत में कौन लाए थे?
सही उत्तर पुर्तगालियों ने वर्ष 1550 में है। भारत में पहला प्रेस 1550 में पुर्तगालियों द्वारा शुरू किया गया था। भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया था।