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गायत्री मंत्र का कितनी बार पाठ करना चाहिए?

सूर्योदय के समय घर के पूजा स्थल में या किसी अन्य जगह पर बैठकर 3 माला या 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में इच्छा पूर्ति के साथ सदैव रक्षा होती है।

रोज गायत्री मंत्र करने से क्या होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य मानसिक तौर पर जागृत हो जाता है।

गायत्री मंत्र का जाप कब नहीं करना चाहिए?

कबकब कर सकते हैं गायत्री मंत्र जाप

तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले। सूर्यास्त से पूर्व मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए। इन तीन समय के अतिरिक्त अगर गायत्री मंत्र का जाप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिएमंत्र जाप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए

गायत्री मंत्र का जप कितना समय करना चाहिए?

इस समय करें गायत्री मंत्र का जप

पहला समय प्रात:काल का, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले गायत्री मंत्र का जप शुरू करके सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए, दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है शाम का सायंकाल में सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना अच्छा माना गया है।

क्या हम रात में गायत्री मंत्र कर सकते हैं?

गायत्री मंत्र का जाप हमेशा सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक किया जाना चाहिए वरना आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा. मौन रहकर भी गायत्री मंत्र का मानसिक जाप किया जा सकता है. इस मंत्र का जाप रात में करने से बचना चाहिए.

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गायत्री मंत्र कब नहीं करना चाहिए?

कबकब कर सकते हैं गायत्री मंत्र जाप

तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले। सूर्यास्त से पूर्व मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए। इन तीन समय के अतिरिक्त अगर गायत्री मंत्र का जाप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिएमंत्र जाप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए

औरतों को गायत्री मंत्र क्यों नहीं करना चाहिए?

ये है मंत्र जाप ना करने की वजह

स्त्रियों के गायत्री मंत्र का जाप न करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण महिलाओं को होने वाला मासिक धर्म है। हिंदू धर्म के अनुसार मासिक धर्म के दौरान स्त्रियों को किसी भी तरह के धार्मिक कार्य और पूजा में हिस्‍सा नहीं लेना चाहिए। इसलिए स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए

स्त्रियों को गायत्री मंत्र क्यों नहीं करना चाहिए?

मान्‍यता है कि स्‍त्री द्वारा गायत्री मंत्र का जाप करने से महिलाएं पुरुष की तरह व्‍यवहार करने लगती हैं और इस मंत्र की शक्‍ति और प्रभाव से उनके शारीरिक अंगों और त्‍वचा पर भी इसका असर पड़ने लगता है। चेहरे पर अनचाहे बाल आना और मासिक धर्म में दिक्‍कत आना गायत्री मंत्र का ही अशुभ प्रभाव माना जाता है।

गायत्री माता किसकी पुत्री है?

संकल्प शक्ति चेतन सत्- संभव होने से ब्रह्मा की पुत्री है। परमाणु शक्ति स्थूल क्रियाशील एवं तम- संभव होने से ब्रह्मा की पत्नी है। इस प्रकार गायत्री और सावित्री ब्रह्मा की पुत्री तथा पत्नी नाम से प्रसिद्ध हुईं।

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गायत्री किसकी बेटी है?

संकल्प शक्ति चेतन सत्- संभव होने से ब्रह्मा की पुत्री है। परमाणु शक्ति स्थूल क्रियाशील एवं तम- संभव होने से ब्रह्मा की पत्नी है। इस प्रकार गायत्री और सावित्री ब्रह्मा की पुत्री तथा पत्नी नाम से प्रसिद्ध हुईं।

मां गायत्री किसकी पत्नी है?

त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य देवी भी इनको माना जाता है, इसलिए देवी गायत्री वेदमाता होने के साथ देवमाता भी हैं। गायत्री माता ब्रह्माजी की दूसरी पत्नी हैं, इनको पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी का अवतार भी कहा जाता है।

गायत्री देवी की मृत्यु कैसे हुई?

उन्हें 17 जुलाई 2009 को संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल (एसडीएमएच) में भर्ती कराया गया था। 29 जुलाई 2009 को 90 वर्ष की आयु में कथित तौर पर फेफड़ों की विफलता के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

गायत्री का असली नाम क्या है?

गायत्री का असली नाम डॉली डी क्रूज़ था, वह एक लोकप्रिय यूट्यूबर थीं और उनके चैनल का नाम जलसा रायडू है। उन्हें आखिरी बार एक वेब सीरीज तेलुगु वेब सीरीज मैडम सर मैडम अंते में देखा गया था। गायत्री का असली नाम डॉली डी क्रूज़ था, वह एक लोकप्रिय यूट्यूबर थीं और उनके चैनल का नाम जलसा रायडू है।

मां गायत्री के पति कौन है?

कहा जाता है कि एक बार भगवान ब्रह्मा यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे। धार्मिक कार्यों में पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए पत्नी का साथ होना नितांत जरूरी होता है, परन्तु उस समय ब्रह्मा जी के साथ उनकी पत्नी सावित्री मौजूद नहीं थीं। तब उन्होंने देवी गायत्री से विवाह कर लिया।

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गायत्री माता किसकी बेटी है?

संकल्प शक्ति चेतन सत्- संभव होने से ब्रह्मा की पुत्री है। परमाणु शक्ति स्थूल क्रियाशील एवं तम- संभव होने से ब्रह्मा की पत्नी है। इस प्रकार गायत्री और सावित्री ब्रह्मा की पुत्री तथा पत्नी नाम से प्रसिद्ध हुईं।

गायत्री देवी किसकी बेटी है?

गायत्री देवी के पिता का नाम राजकुमार जितेंद्र नारायण था, जो बंगाल में कूचबिहार के युवराज के छोटे भाई थे। हालांकि कूंच बिहार के राजा की मौत के बाद जितेंद्र राजा बन गए थे। वहीं गायत्री देवी की माता राजकुमारी इंदिरा राजे थीं, जो कूंच बिहार की रानी और बड़ौदा के महाराज सयाजीराव की बेटी थीं।