‘खुशबू रचते हैं हाथ’ से कवि का तात्पर्य है , मजदूर वर्ग के लोगों से है | यह छोटे-छोटे घरों , नगरों , बस्तियों में रह कर , छोटा काम कर भी लोगों के हाथ खुशबूदार पदार्थों की रचना करते हैं। यह लोग स्वयं मुश्किल परिस्थितियों में अपना जीवन बिताते हैं परन्तु दूसरों का जीवन खुशहाल बनाते हैं।
खुशबू रचते हैं हाथ कविता का मूल भाव क्या है?
इस पाठ की दूसरी कविता 'खुशबू रचते हैं हाथ' में कवि ने सामाजिक विषमताओं को बेनकाब किया है। इस कविता में कवि ने गरीबों के जीवन पर प्रकाश डाला है। कवि कहता है कि अगरबत्ती का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति करता है। इस कविता में कवि ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के बारे में बताया है जो खुशबू से कोसों दूर है।
खुशबू रचते है हाथ हमें क्या संदेश देती है?
खुशबू रचने वाले हाथ संसार में सुगंध फैलाते हैं। वे खुद गंदे और अंधियारे निवास में रहते हैं। नाली और कीचड़ के बीच में रहकर सबको खुशबू बांटते हैं। इससे हमें यह सन्देश मिलता है कि मजदूर वर्ग जो सुंदर कलाकृति को जन्म देता है, खुद गंदे और बदतर हालात में रहता है।
खुशबू रचते हैं हाथ कविता में कवि ने किस सच को प्रकट किया है और कैसे?
'खुशबू रचते हैं हाथ' में निहित विडंबना को प्रकट कीजिए। खुशबू रचने वाले हाथ आर्थिक अभावों में गंदी गलियों में रहते हैं जहाँ छोटी-छोटी गालियाँ, नालों व कूड़े के ढेर हैं। अगरबत्तियाँ बनाने वाले नगरों, कस्बों और बस्तियों से दूर गंदे स्थानों पर रहकर तरह-तरह की सुगंधों से युक्त अगरबत्तियाँ बनाते हैं।
खुशबू रचने से कवि का क्या आशय है?
'खुशबू रचते हैं हाथ' ऐसा कवि ने इसलिए कहा है जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं। (घ) जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है? जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का वातावरण अत्यंत गंदा होता है।
अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ कैसे होते हैं?
उत्तर: अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं।
मुल्क की मशहूर अगरबत्ती कहाँ बनती है?
प्रश्न 3. मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ कहाँ बनती हैं ? उत्तरः देश की मशहूर खुशबूदार अगरबत्तियाँ जहाँ बनती हैं, वहाँ गन्दगी होती है। ये अगरबत्तियाँ चारों तरफ बदबू से भरी बस्तियों तथा कूड़े के ढेर वाली गलियों में बसे गंदे मोहल्लों में बनती है।
पीपल के पत्ते से नए नए हाथ का क्या अर्थ है?
इन पंक्तियों में कवि ने हमारा ध्यान उन छोटे बच्चों की ओर आकर्षित करना चाहा है जिनके हाथ पीपल के नए पत्तों के समान कोमल होते हैं तथा ऐसी स्त्रियों का वर्णन किया है जिनके हाथ जूही की डाल के समान सुंदर और खुशबूदार है किन्तु गरीबी के कारण ये अत्यन्त कठोर और भयावह हो जाते हैं यह इनके जीवन की एक ऐसी विडंबना है कि ये शहरों से …
अगरबत्तियाँ बनाने वाले लोग कहाँ रहते हैं?
सुगन्धित अगरबत्तियाँ बनाने वाले लोग गन्दे मोहल्लों में रहते हैं। ये लोग स्वयं भी गन्दे होते हैं तथा दुनिया-भर की गन्दगी के बीच रहते हैं। वहाँ का माहौल रहने योग्य नहीं होता पर वहाँ रहना इनकी मजबूरी है। प्रश्न 5.
खुशबू रचने वाले लोग बदबूदार टोले में क्यों रहते हैं?
उत्तर:- खुशबू रचते हाथ अपना जीवनयापन बड़ी ही निम्न परिस्तिथियों में करते हैं। खुशबू रचनेवाले हाथ बदबूदार, तंग और नालों के पास रहते हैं। इनका घर कूड़े-कर्कट और बदबू से भरे गंदे नालों के पास होता है यहाँ इतनी बदबू होती है कि सिर फट जाता है। ऐसी विषम परिस्तिथियों में खुशबू रचनेवाले हाथ रहते हैं।
उभरी नसों वाले हाथ का क्या अर्थ है?
“उभरी नसों वाले हाथ” का अर्थ है बूढ़े लोग। (ख) “पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ” का क्या अर्थ है? उत्तर: “पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ” का अर्थ है नन्हें – नन्हें बच्चों का कोमल हाथ ।
कविता को हिंदी में क्या कहते हैं?
काव्य; शायरी; गीत।
एक अच्छी कविता की पहचान क्या है?
Answer: कविता छंद और मुक्त छंद दोनों में होती है। छंदोबद्ध कविता के लिए छंद के बारे में बुनियादी जानकारी आवश्यक है ही, मुक्त छंद में लिखने के लिए भी इसका ज्ञान ज़रूरी है। कविता समय विशेष की उपज होती है उसका स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता रहता है।
गाय के गोबर से अगरबत्ती कैसे बनती है?
धूप अगरबत्ती : एक गाय के दिनभर में जमा होने वाले आठ से दस किलो गोबर में पांच किलोग्राम लकड़ी का बुरादा, आधा किलोग्राम बाजार में मिलने वाला चंदन पाउडर, आधा लीटर नीम का रस, 10 टिकिया कर्पूर, 250 ग्राम सरसों जौ का आटा तथा 250 ग्राम गौमूत्र (तीन बार उबाला हुआ) मिक्स कर लें।
अगरबत्ती बनाने में कौन सा फूल उपयोग होता है?
- गुड़हल के फूल-4-5.
- रोजमेरी/चंदन का पाउडर- 4 चम्मच
- डिस्टिल्ड वाटर- 3 चम्मच
- लैवेंडर ऑयल- 3 बूंद
- बम्बू स्टिक- 4.
अगरबत्ती की खोज किसने की?
200 सीई के आसपास, घूमने वाले बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह ने चीन में अगरबत्ती बनाना शुरू किया। सामग्री के आधार पर कुछ धूप, जैविक कीट विकर्षक के रूप में भी कार्य कर सकती हैं।
मंदिरों में अगरबत्ती क्यों जलाई जाती है?
इसलिए जलाते हैं अगरबत्ती-धूपबत्ती
अगरबत्ती-धूपबत्ती का उपयोग इनकी खुशबू (Fragrance) के कारण किया जाता है. ताकि पूजा-पाठ के दौरान माहौल सुगंधित रहे. माहौल से नकारात्मकता खत्म हो और उसकी जगह सकारात्मकता आए. अगरबत्ती-धूपबत्ती से फैलती सुगंध मन को शांति देती है और बहुत अच्छा महसूस कराती है.
पीपल के नीचे दिया रखने से क्या होता है?
पीपल के नीचे दीपक रखने का ऐसा नियम
मान्यता है कि प्रत्येक अमावस्या को रात्रि में पीपल के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होते हैं। वहीं अगर नियमित रूप से 41 दिनों तक पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाया जाए तो सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
पीपल के पेड़ के नीचे बैठने से क्या होता है?
अगर आपकी किसी के साथ शत्रुता है और आपका शत्रु आपको परेशान कर रहा है, तो पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का भी पाठ जरूर करें. इस तरह से आपको आपके शत्रुओं से जुड़ी सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी साथ ही आपके शत्रुओं का नाश होगा.
पीपल के पत्तों की कैसे हाथों से तुलना की गई है?
इन पंक्तियों में कवि ने हमारा ध्यान उन छोटे बच्चों की ओर आकर्षित करना चाहा है जिनके हाथ पीपल के नए पत्तों के समान कोमल होते हैं तथा ऐसी स्त्रियों का वर्णन किया है जिनके हाथ जूही की डाल के समान सुंदर और खुशबूदार है किन्तु गरीबी के कारण ये अत्यन्त कठोर और भयावह हो जाते हैं यह इनके जीवन की एक ऐसी विडंबना है कि ये शहरों से …
खुशबू रचने वाले हाथ कहाँ रहते हैं?
‘खुशबू रचनेवाले हाथ‘ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ–कहाँ रहते हैं? उत्तर:- खुशबू रचते हाथ अपना जीवनयापन बड़ी ही निम्न परिस्तिथियों में करते हैं। खुशबू रचनेवाले हाथ बदबूदार, तंग और नालों के पास रहते हैं। इनका घर कूड़े-कर्कट और बदबू से भरे गंदे नालों के पास होता है यहाँ इतनी बदबू होती है कि सिर फट जाता है।
जब आपके हाथों की नसें उठ जाती हैं तो इसका क्या मतलब होता है?
उभरी हुई नसें निम्न के कारण हो सकती हैं: अस्थायी रूप से रक्तचाप और/या शरीर का तापमान बढ़ना । जब आप व्यायाम कर रहे हों या अपने हाथों से काम कर रहे हों, तो उस क्षेत्र में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। गर्म परिस्थितियों में नसें भी सूज जाती हैं, क्योंकि शरीर रक्त को त्वचा की सतह की ओर ठंडा होने के लिए भेजता है।
Has का मतलब क्या होता है हिंदी में?
1. पास है/पास होना – जब He, she, it (उसका, उसके, उसकी) और sungular noun (एकवचन संज्ञा) के पास कोई चीज़ होता है तो ये बताने के लिए sentence में has का use किया जाता है। उदाहरन के लिए, उसके पास एक किताब है (He has a book)
Have क्या होता है?
Has/Have = पास होना, रखना, अधिकार सम्बन्ध
जी हाँ दोस्तों Has तथा Have दोनों ही का हिंदी अर्थ होता है पास होना, रखना, या अधिकार सम्बन्ध का भाव प्रकट होना।
साफ करने को इंग्लिश में क्या बोलेंगे?
साफ करना {transitive verb}
rub {v.t.} scour {v.t.} tidy {v.i.} wipe {v.t.}
घर में गंदगी कैसे फैलती है?
(j) घरेलू कूड़े-कर्कट के लिए उचित स्थान का न होना। (ii) छोटे घरों में अधिक पारिवारिक सदस्यों का रहना। (iii) रसोईघर, स्नानघर तथा शौचालय के गंदे पानी की निकासी व्यवस्था उचित न होना। (iv) घर के सदस्यों को सफाई के नियमों का ज्ञान न होना।
उर्दू की कविता को क्या कहते हैं?
वैसे तो उर्दू की हर कविता को नज़्म कहा जा सकता है।
1 किलो अगरबत्ती बनाने में कितना खर्च आता है?
कम दाम वाली मशीन में प्रोडक्शन कम होती है और आपको इससे ज्यादा मुनाफा नहीं होगा. मेरा ये सुझाव है की आप अगरबत्ती बनाने वाली आटोमेटिक मशीन से काम स्टार्ट करें क्यूंकि ये बहुत तेजी से अगरबत्ती बनता है. आटोमेटिक मशीन की कीमत 90000 से 175000 रुपए तक है. एक आटोमेटिक मशीन एक दिन में 100kg अगरबत्ती बन जाती है.
गाय के गोबर का क्या काम है?
हालांकि, आज के दौर में गोबर का उपयोग उपले बनाने से लेकर खेतों के लिए खाद बनाने के तौर पर किया जा रहा है. इसके अलावा गोबर से कई अन्य तरह के प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं, उनका मार्केट में बेहद डिमांड है. बता दें कि किसान गोबर का उपयोग बायोगैस, अगरबत्ती, दीए, कागज, सीएनजी प्लांट, गमला जैसे कई तरह के प्रोडक्ट्स बना सकते हैं.
क्या हमें घर में अगरबत्ती जलानी चाहिए?
वास्तु शास्त्र व ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक घर में अगरबत्ती जलाना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि घर में अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। Lighting Incense Sticks: घर में सुख शांति व सकारात्मक ऊर्जा के लिए हर व्यक्ति पूजा पाठ करता है।
अगरबत्ती के धुएं से क्या होता है?
अगरबत्ती को खुशबूदार बनाने के लिए कार्बन कणों का इस्तेमाल किया जाता है और जब अगरबत्ती जलाते हैं तो धुएं के रूप में कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जित होता है, जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नतीजा, यूरिनरी ब्लैडर प्रभावित होता है। लंबे समय तक कार्बन मोनो ऑक्साइड ग्रहण करने से सांस की नली कैंसर की चपेट में आ सकती है।
घर में कौन सी धूप जलाना चाहिए?
यदि आप गुग्गल की धूप को नियमित घर पर जलाते हैं तो इससे घर का क्लेश शांत होता है और घर में सकारात्मक उर्जा आती है। इसके अलाव घर का माहौल सुगंधित होता है।
घर में कितनी अगरबत्ती जलानी चाहिए?
पूजा करते समय आप तीन या पांच अगरबत्ती (agarbatti) जरूर जलाएं। कभी भी एक अगरबत्ती (agarbatti) ना जलाएं। तीन अंक त्रिदेव से जुड़ा होता है। इसलिए तीन अगरबत्ती जलाना शुभ होता है।
पीपल में दीपक सुबह कितने बजे जलाना चाहिए?
पीपल के वृक्ष पर जल सूर्योदय के बाद ही चढ़ाना चाहीए। जिससे आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि सदा बनी रहे। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करता है उसकी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही शत्रुओं का नाश भी होता है।
पीपल के पेड़ में लक्ष्मी का वास कब होता है?
शास्त्रों के मुताबिक पीपल के वृक्ष में दिन के समय लक्ष्मी का वास होता है। जबकि पीपल में रात के समय लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी का वास होता है। रविवार के दिन पीपल में किसी देवी-देवता का वास नहीं होता है इसलिए देवी लक्ष्मी की बहन ही दिन रात पीपल में वास करती हैं। इस दिन पीपल की पूजा से सुख समृद्धि की हानि होती है।
पीपल को काटने से क्या होता है?
ऐसे वृक्षों में पीपल का स्थान सबसे ऊपर है। माना जाता है कि पीपल को विष्णुजी का वरदान मिला है कि जो कोई शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मीजी की कृपा रहेगी। इसके उलट, पीपल को काटने वाले के घर की सुख-समृद्धि नष्ट होने की आशंका रहती है। इस कारण लोग पीपल को काटने से बचते हैं।
पीपल का पौधा घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए?
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में पीपल के पेड़ होना या पीपल के पेड़ की छाया पड़ना अशुभ होता है. इससे घर परिवार के सदस्यों की तरक्की में बाधा आती है और घर पर आर्थिक संकट आ सकता है.
पीपल के पत्ते को पर्स में रखने से क्या होता है?
पीपल के पत्ते कराते हैं धन लाभ
मान्यता है कि दिन में मां लक्ष्मी पीपल के पत्ते में वास करती हैं। इसलिए पीपल का पत्ता जेब में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। ध्यान रखें कि जब भी पत्ता पर्स में रखें तो सबसे पहले उसे गंगाजल से पवित्र कर लें। इसके बाद कुमकुम से उस पर ‘श्री’ लिखकर पत्ता पर्स में रख लें।
हनुमान जी को पीपल का पत्ता क्यों चढ़ाया जाता है?
पीपल का पत्ता
मंगलवार के दिन स्नान के बाद पीपल के 11 पत्ते तोड़ लें. इन पत्तों को गंगाजल से साफ करने के बाद कुमकुम या चंदन से श्रीराम लिखें. इन पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें. मान्यता है कि इससे आर्थिक समस्या का निवारण जल्द हो जाता है.
कवि ने यह क्यों कहा है कि खुशबू रचते हैं हाथ ‘?
(ग) कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ‘? ‘खुशबू रचते हैं हाथ‘ ऐसा कवि ने इसलिए कहा है जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं।
खुशबू रचते हैं हाथ से क्या तात्पर्य है?
‘खुशबू रचते हैं हाथ‘ से कवि का तात्पर्य है , मजदूर वर्ग के लोगों से है | यह छोटे-छोटे घरों , नगरों , बस्तियों में रह कर , छोटा काम कर भी लोगों के हाथ खुशबूदार पदार्थों की रचना करते हैं। यह लोग स्वयं मुश्किल परिस्थितियों में अपना जीवन बिताते हैं परन्तु दूसरों का जीवन खुशहाल बनाते हैं।