सरयूपारीण ब्राह्मण जिनको सरवरिया ब्राह्मण भी कहा जाता है। सरयूपारीण ब्राह्मण सरयू नदी के पूर्वी तरफ बसे हुए ब्राह्मणो को कहा जाता है। सरयूपारीण ब्राह्मण कन्याकुब्ज ब्राह्मणो की ही एक शाखा है। भगवान् श्रीराम ने लंका विजय के बाद कान्यकुब्ज ब्रामणो से यज्ञ करवाकर उन्हें सरयू के पार ठहरने का स्थान दिया था।