सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार कार्य प्रारंभ करने के लिए शुभ हैं। द्वितीया, पंचमी, सप्तमी, नवमी, एकादशी, त्रयोदशी।
कौन सा वार शुभ है?
रविवार सूर्य का दिन होता है। यह भगवान विष्णु का दिन भी है। हिन्दू धर्म में इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है।
शुभ कार्य करने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?
* शनिवार सर्वाधिक शुभ दिन माने गए हैं। * रविवार को कभी भी भूमिपूजन, गृह निर्माण की शुरुआत, शिलान्यास या गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
2022 में कौन से शुभ दिन हैं?
2022 में गृह प्रवेश के लिए शुभ वास्तु तिथियां: अगस्त
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 2 अगस्त से शुरू हो रहा है, चित्रा नक्षत्र 4 अगस्त से शुरू हो रहा है और उत्तरा आषाढ़ 10 अगस्त से शुरू हो रहा है । 29 अगस्त 2022 को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शुरू होगा, जिसके साथ 31 अगस्त 2022 को चित्रा नक्षत्र होगा।
शनिवार शुभ दिन है?
शनिवार – शनिवार
सातवाँ वार या दिन शनिवार है। इस वार का स्वामी शनि है। इस दिन शिक्षा, सिलाई, तकनीक, कला, मशीनरी, विद्या, लोहा, लकड़ी, तेल, पेट्रोल, ठेका, हथियार शुभ माने जाते हैं।
ससुराल से मायके कब जाना चाहिए?
ससुराल से मायके जाने के लिए चतुर्थी और अष्टमी का दिन सबसे शुभ होता है, मगर आप यदि नौवीं के दिन ससुराल लौटना चाहती हैं, तो यह न करें बल्कि आपको मायके जाकर कम से कम 5 दिन का वक्त जरूर बिताना चाहिए। आप वापसी के लिए पूर्णिमा का दिन चुन सकती हैं या फिर आप एकादशी के दिन भी ससुराल वापस आ सकी हैं।
नए घर में जाने के लिए कौन सा दिन शुभ है?
मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश वर्जित माना गाया है। सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है। अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्लपक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां प्रवेश के लिए बहुत शुभ मानी जाती हैं।
घर से निकलने से पहले क्या करना चाहिए?
घर से निकलने से पहले घर के मंदिर में 11 अगरबत्ती और शुद्ध घी का दीपक जलाकर निकलें। इसके साथ ही हल्दी, कुमकुम, अबीर गुलाल, चावल और फूल को थाली में सजाकर भगवान की आरती करके घर से जाएं। इसके साथ ही भगवान से सफलता की कामना करते हुए घर से जाएं। इसके बाद स्वयं के ऊपर से काले तिल 7 बार उबारकर उत्तर दिशा में फेंक दें।
शुभ काम करने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?
हिंदू वैदिक पंचांग में सप्ताह के सात वार जैसे रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के सभी वार अलग-अलग कामों के लिए निश्चित किए गए हैं। इसलिए वार के अनुसार ही इन कामों को करना चाहिए, तभी कार्य सफल होते हैं और इसके शुभ परिणाम भी मिलते हैं।
सुबह कितने बजे तक पूजा कर लेना चाहिए?
कुछ लोग पूजा सुबह 6:00 बजे से लेकर 8:00 बजे के बीच में करने को सही समय मानते हैं. तो बता दे कि भगवान की पूजा सुबह 8:00 बजे के बाद में भी की जा सकती है. पूजा करने का नियमित समय सुबह 10:00 बजे तक का होता है, इसके बाद भगवान की पूजा करना अशुभ माना जाता है.
शनिवार को क्या क्या घर में नहीं लेना चाहिए?
शनिवार को लोहे का बना सामान भी नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनिवार को लोहे का सामान खरीदने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं क्योंकि लोहे को शनि की धातु माना गया है। हालांकि इस दिन लोहे का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। लोहे का दान करने से शनि देव कुपित नहीं होते हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
पत्नी बार बार मायके क्यों जाती है?
पत्नी मायके क्यों जाती हैं
विवाह के बाद अपने माता-पिता, भाई-भाभी, बहन आदि से मिलने के लिए पत्नी मायके जाती हैं। ससुराल में पत्नी के ऊपर काफी जिम्मेदारी होती हैं। इस वजह से वह स्ट्रेस भी महसूस करती हैं। तो ऐसे स्ट्रेस से फ्री होने के लिए भी पत्नी अपने मायके जाती हैं।
बुधवार को बेटी ससुराल क्यों नहीं जाती?
पौराणिक मान्यता है कि महिलाओं में चंद्र ग्रह प्रबल होता है. बुधवार का संबंध बुध ग्रह से होता है. बुध और चंद्र के बीच शत्रुता का भाव रहता है. यही कारण है कि बुधवार के दिन विवाहित कन्या को ससुराल के लिए विदा नहीं किया जाता है.
गृह प्रवेश में किसकी पूजा करनी चाहिए?
गृह प्रवेश पूजा का महत्व
पूजा करने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियां। कलश या पानी या दूध से भरा बर्तन। पूजा की आवश्यक वस्तुएँ जैसे – अगरबत्ती, फल, मिठाई, हल्दी, फूल की पंखुड़ियाँ एवं फूल।
हमेशा बीमार रहने का क्या कारण है?
अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं। गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से भी आजकल लोग बीमार पड़ने लगे हैं। इसके अलावे एक्सरसाइज न करना, साफ-सफाई पर ध्यान न देना, जरूरी पोषक तत्व न लेना आदि जैसी चीजों को नजरअंदाज करके के भी लोग अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
घर में कौन सी चीज शुभ रहती है?
आप चांदी, पीतल या कांसे की धातु से बना कछुआ घर में रख सकते हैं. इससे तरक्की के रास्ते खुलते हैं. घर में चांदी का हाथी रखना भी बेहद शुभ माना जाता है. इससे व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलने की मान्यता है.
नए मकान में रहने से पहले क्या करना चाहिए?
नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और स्वामिनी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी, गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए। 10. भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए।
बिना नहाए पूजा कैसे करें?
जी हाँ बिना नहाए पूजा की जा सकती है और इससे परमेश्वर को कोई फर्क नई पड़ता कि हम नहाए है या नही ओर कोई भी चीज़ हमे बाहर से लग कर इस तरह असुद्ध नही कर सकती कि हम उस स्थिति में परमेश्वर से पूजा या प्राथना न कर सके या परमेश्वर हमारी प्राथना पूजा ग्रहण न करे वो हमारी प्राथना विनती तब भी सुनता है और हमे क़बूल भी करता है जब …
घर के मंदिर में माचिस रखने से क्या होता है?
घर में बना मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है यहां पर माचिस रखना घर में नकारात्मकता लाता है और अपशगुन का कारण बनता है. घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति-तस्वीरें रखी जाती हैं, उनकी पूजा की जाती है इसलिए यहां पर हमेशा पवित्र और सकारात्मकता लाने वाली चीजें ही रखनी चाहिए.
रात में पति और पत्नी को कैसे सोना चाहिए?
वास्तु के अनुसार बेड की दिशा
वास्तु के अनुसार विवाहित जोड़ों को अपना सिर दक्षिण, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम की ओर रखना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि सोते समय सिर उत्तर की ओर न रखें।
ससुराल से मायके कब नहीं जाना चाहिए?
महिलाओं में प्रबल होता है चंद्र ग्रह
पौराणिक मान्यता के अनुसार, महिलाओं में चंद्र ग्रह प्रबल होता है. बुधवार का संबंध बुध ग्रह से होता है. बुध और चंद्र के बीच शत्रुता का भाव रहता है. यही कारण है कि बुधवार के दिन विवाहित कन्या को ससुराल के लिए विदा नहीं किया जाता है.
मायके से अचार क्यों नहीं लेना चाहिए?
ऐसा माना जाता है कि बेटियों को अचार देने से नए रिश्ते बनने से पहले ही उनमें खटास आ जाती है। अचार की प्रकृति खट्टी होने की वजह से ऐसा माना जाता है। विदाई के वक्त उनके साथ खाने-पीने की अन्य चीजें रख सकते हैं, लेकिन अचार भूलकर भी न रखें।
कौन से भगवान की मूर्ति घर में नहीं रखना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कभी भी एक ही देवी-देवता की अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. वास्तु में इसे अशुभ माना गया है. इसके अलावा मंदिर में कभी भी रौद्र रूप वाली मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए. ऐसी तस्वीर या मूर्ति रखने से अनिष्ट होता है.
कैसे पता करें कि घर में वास्तु दोष है?
घर में शांति का भंग होना, कलेश रहना आदि कुछ संकेत हैं, जो घर में वास्तु दोष होने का इशारा देते हैं. Share: Vastu Dosh: घर में मौजूद वास्तु दोष लोगों के जीवन में बुरा असर डालते हैं. घर में शांति का भंग होना, कलेश रहना आदि कुछ संकेत हैं, जो घर में वास्तु दोष होने का इशारा देते हैं.
घर की बीमारी कैसे दूर करें?
घर से बीमारियों को दूर करने के लिए उपाय
-अगर आपके घर के मुख्यद्वार या गेट के बाहर कोई गड्ढा है तो उसे तुरंत भर दें. इससे घर के लोगों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. घर के मुख्यद्वार के सामने साफ-सफाई होना जरूरी है. घर के मेन दरवाजे के सामने गंदगी इकट्ठा न करें.
बेडरूम में कौन से भगवान की तस्वीर लगानी चाहिए?
बेडरूम में मोर-मोरनी की तस्वीर जरूर लगानी चाहिए, इससे न सिर्फ पति-पत्नी के संबंध लंबे समय तक मधुर रहते हैं, बल्कि दोनों के बीच रोमांस भी बढ़ता है। साथ ही इसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। मोर को प्रेम का भी प्रतीक माना जाता है।
घर के मंदिर में क्या नहीं होना चाहिए?
पूजा कक्ष डिजाइन करते समय यह देखना जरूरी है कि मंदिर में देवताओं का मुख सही दिशा में है या नहीं। इसके अलावा, देवताओं की मूर्तियों का चेहरा माला और फूलों से ढकना नहीं चाहिए। हमेशा भगवान की ठोस मूर्ति रखें और मंदिर में खोखली मूर्ति रखने से बचें। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मंदिर में मूर्तियों को फर्श पर न रखें।
पति को पत्नी का कौन सा अंग नहीं छूना चाहिए?
पति को पत्नी का कौन सा अंग नहीं छूना चाहिए? पति को। पत्नि की नाभी कभी नहीं छूना चाहिए।
मायके से क्या नहीं लाना चाहिए?
विदाई के वक्त बेटियों के साथ अचार भूलकर भी न रखें। ऐसा माना जाता है कि बेटियों को अचार देने से नए रिश्ते बनने से पहले ही उनमें खटास आ जाती है। अचार की प्रकृति खट्टी होने की वजह से ऐसा माना जाता है।
कौन से महीने में घर बनाना अच्छा होता है?
बैसाख (मई), मार्गशीर्ष (दिसंबर), पौष (जनवरी) और फाल्गुन (मार्च) नींव रखने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। प्राचीन हिंदू शास्त्रों और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, बैशाख, श्रावण, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन, भाद्रपद और कार्तिक महीने भी चल सकते हैं। भूमि पूजन 2022 करने से शुभ तिथियों देख लें।
मकान बनाने के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
- द्वितीया
- तृतीया
- पंचमी
- सप्तमी
- दशमी
- एकादशी
- त्रयोदशी
- पूर्णिमा
शाम को घंटी क्यों नहीं बजाना चाहिए?
– हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कि बताया गया है कि शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है.
घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?
माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल
ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।
भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?
यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।
ज्यादा पूजा पाठ करने से क्या होता है?
इसका सीधा सा उत्तर यह है कि ज्यादा पूजा पाठ करने वाला भक्ति के स्वरूप को नही समझने के कारण पूजा पाठ तो करता है, लेकिन वह अनजाने में सकाम पूजा ही करता है जिसका फल उसे सुख दुख के रूप में ही मिलता है। ज्यादा पूजा पाठ करने वाला बेशक ज्यादा पूजा पाठ या भक्ति करता हुआ नजर आता है लेकिन वह कर्मकांड को ठीक से नही करना जानता है।
भारत का नंबर वन शैंपू कौन सा है?
ये झड़ते बालों के लिए बेस्ट हैं। प्रश्न – भारत का नंबर वन शैंपू कौन सा है (Which is the No 1 Shampoo in India)? उत्तर – वैसे तो ऊपर बताए गए सभी शैंपू बेस्ट शैम्पू हैं। लेकिन अगर बात करें उनमें से भारत में इस्तेमाल होने वाले नंबर वन शैम्पू की तो वह Tresemme Keratin है।
नहाने के बाद बालों में क्या लगाना चाहिए?
- कडीशनर लगाएं …
- हेयर सीरम लगाएं …
- बालों को बांधने के लिए स्नैग-फ्री इलास्टिक बैंड का प्रयोग करें …
- चौड़ी कंघी से बाल काढ़ें …
- बालों को स्टाइल करने से पहले सीरम लगाएं
शनिदेव का प्रिय पौधा कौन सा है?
शमी का पौधा भगवान शिव और शनि देव को अत्यंत प्रिय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार माना गया है कि शमी के पौधे को घर में लगाने से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
शनिवार को कपूर जलाने से क्या होता है?
इन दोषों से मुक्ति पाने के लिए घर में तीन समय सुबह, शाम और रात में कपूर जलाना चाहिए. ऐसा करने से इन दोषों से जल्द मुक्ति मिल जाती है. शनिवार के दिन नहाने के पानी में कपूर और चमेली के तेल की कुछ बूंदे डालने से शनि दोष दूर होता है. इसके प्रभाव से कार्य में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और घर में धन का आगमन होता है.
स्त्री को सबसे ज्यादा मजा कब आता है?
महिलाओं को कब पसंद है सेक्स करना
लेकिन महिलाओं का मानना था कि सुबह के समय उन्हें सेक्स करने में ज्यादा आनंद आता है। जब वह सुबह के समय यौन संबंध बनाती हैं तो उन्हें जल्दी ही संतुष्टि प्राप्त हो पाती है। यही कारण है कि ज्यादातर महिलाएं सुबह के समय सेक्स करना ज्यादा पसंद करती हैं।
स्त्री को जोश कब आता है?
ओव्यलैशन के समय- ओव्यलैशन जैविक रुप से सेक्स का सर्वोत्तम समय है क्योंकि इस वक़्त महिलाओं के हार्मोन्स काफी सक्रिय होते हैं। एस्ट्रोजन का स्तर अक्सर उच्च होता है और कभी-कभार ही कम होता है। साथ ही इस समय प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर भी काफी ऊंचा होता है जिससे महिलाओं को सेक्स की डिज़ायर बहुत अधिक होती है।