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किस्मत जैसी कोई चीज होती है?

क्या भाग्य जैसी भी कोई चीज है? भाग्य ऐसी चीज है जिस पर किसी का कोई जोर नहीं चलता है, चाहे हम चर्चा करें अथवा चर्चा ना करें भाग्य के कारण ही सब कुछ घटित होता है, ऐसा मेरा मानना है। कर्म करने वाले जब कर्म करते-करते थक जाते हैं, तब ना चाहते हुए भी पूछते हैं क्या भाग्य होता है, यही उत्तर का मूल स्रोत है ।

कर्मों का फल कौन देता है?

उन्होंने कहा कि कर्म का फल कोई परमात्मा नहीं देता। व्यक्ति जो करता है, वही उसे मिलता है। अच्छे कर्म करता है तो अच्छा फल मिल जाता है, बुरे कर्म करता है तो बुरा फल मिल जाता है। पक्का हुआ आम कभी कड़वा नहीं हो सकता वो सदैव मीठा ही रहता है।

इंसान का नसीब कौन लिखता है?

पुराणों के अनुसार मनुष्य के पिछले जन्मों के कर्मों व इच्छाओं के अनुसार ही उसका नसीब ईश्वर बनाकर उसके साथ भेजता है। इस कारण कहा भी जाता है कि नसीब का लिखा नहीं टलता? जो होना है वो होकर ही रहता है, पर कभी-कभी नसीब भी बदलते हैं।

इंसान का किस्मत कौन लिखता है?

किस्मत अल्लाह लिखता है। यह अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ” पूर्वलिखित । इस्लाम मे मान्यता है कि जो कुछ होता है अल्लाह की मर्जी से होता है चाहे बाबरी मस्जिद टूटे, या NRC, CAB लागू हो सब अल्लाह की मर्जी से होता हे। इसलिये जो लोग किस्मत पर विश्वास करते है वो अंशत: इस्लामी नियमो पर चल रहे है।

मनुष्य का भाग्य कब बदलता है?

हमारा भाग्य और कुछ नहीं हमारे कर्मों का ही प्रतिफल है । मानव जिस काल में जन्म लेता है वही काल उसके भाग्य का निर्धारक होता है । जन्म जन्मांतर में किये गये कर्म प्रारब्ध के रूप में हमें फल प्रदान करते हैं ।

देवताओं का भोजन क्या है?

गोघृत (गाय का घी) देवताओं का अत्यन्त प्रिय और आनन्द देने वाला भोजन माना गया है । सभी धार्मिक कार्यों में देवताओं को प्रधान हवि के रूप में गोघृत अर्पित किया जाता है । यज्ञ में देवताओं के लिए जो हवनीय सामग्री अर्पित की जाती है उसके साथ घी की आहुति चलती है ।

क्या किस्मत में जो लिखा होता है वही होता है?

अक्सर हमने लोगों को कहते सुना है कि जो भाग्य में लिखा होता है वही होता है. लेकिन आज मैं भाग्य हूं में एक कहानी के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि हमारे जीवन में जो भी घटना घटित होती है, वो हमारे कर्म की वजह से होती है. हम जो कर्म करते हैं, उसी का फल हमें मिलता है.

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सबसे पहला देवता कौन है?

त्रिदेव में ब्रह्मा प्रथम हैं। भारतीय धारणा के अनुसार ब्रह्मा ही स्त्रष्टा हैं और वे ही प्रजापति हैं। वे एक हैं और उनकी इच्छा कि मैं बहुत हो जाऊँ (एकोऽहं बहु स्याम्‌) ही विश्व की समृद्धि का कारण है। मंडूक उपनिषद् में ब्रह्मा को देवताओं में प्रथम, विश्व का कर्ता और संरक्षक कहा गया है।

सबसे बड़ी देवी कौन सी है?

हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है)।

नसीब कौन लिखता है?

पुराणों के अनुसार मनुष्य के पिछले जन्मों के कर्मों व इच्छाओं के अनुसार ही उसका नसीब ईश्वर बनाकर उसके साथ भेजता है। इस कारण कहा भी जाता है कि नसीब का लिखा नहीं टलता? जो होना है वो होकर ही रहता है, पर कभी-कभी नसीब भी बदलते हैं।

भाग्य का देवता कौन है?

ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय और भाग्य का देवता माना जाता है. न्याय और भाग्य के संतुलन में कर्म का सर्वाधिक प्रभाव होता है.

इंसान का भाग्य कौन लिखता है?

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आयु, कर्म, धन-संपत्ति, विद्या और मौत, ये पांच चीजें मनुष्य के भाग्य में उसी समय लिख दी जाती हैं जब वो गर्भ में होता है. बाद में इनमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं होता.

मनुष्य का भाग्य कब लिखा जाता है?

अगर आपका लक साथ नहीं दे रहा तो आप रोजाना सुबह पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर स्नान करें. इससे विष्णु जी और बृहस्पतिदेव की कृपा बनी रहती है जिससे आपका भाग्योदय होता है. अगर आप शाम को नहा रहे हैं तो पानी में चुटकी भर नमक मिला लें. इससे सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है.

भाग्य साथ नहीं दे रहा हो तो क्या करना चाहिए?

ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय और भाग्य का देवता माना जाता है. न्याय और भाग्य के संतुलन में कर्म का सर्वाधिक प्रभाव होता है.

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मनुष्य को कौन सा कर्म करना चाहिए?

कर्म गति को अपनी इच्छा के अनुरूप बनाने का अंतिम अवसर कार्य के स्तर पर होता है। यहां समझने योग्य बात यह है कि हमारे ये नित कर्म ही हमारे भाग्य का निर्धारण करते रहते हैं। भाग्य कोई हवा से अवतरित कराकर हमारे ऊपर नहीं थोप दिया जाता है। इसे हम ही अपने कर्मों द्वारा बनाते-बिगाड़ते रहते हैं।

अच्छे कर्म कैसे करते हैं?

ज्योतिष में शनि ग्रह को न्याय और भाग्य का देवता माना जाता है. न्याय और भाग्य के संतुलन में कर्म का सर्वाधिक प्रभाव होता है.

भाग्य कैसे काम करता है?

किस्मत अल्लाह लिखता है। यह अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ” पूर्वलिखित । इस्लाम मे मान्यता है कि जो कुछ होता है अल्लाह की मर्जी से होता है चाहे बाबरी मस्जिद टूटे, या NRC, CAB लागू हो सब अल्लाह की मर्जी से होता हे। इसलिये जो लोग किस्मत पर विश्वास करते है वो अंशत: इस्लामी नियमो पर चल रहे है।

सबसे सुंदर देवता कौन सा है?

कौन से देवी देवता रखने चाहिए

घर के पूजनस्थल में किन देवी-देवताओं को स्थापित करना चाहिए यह भी वास्तु के लिहाज से आवश्यक होता है। वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है।

घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

किस्मत अल्लाह लिखता है। यह अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ” पूर्वलिखित । इस्लाम मे मान्यता है कि जो कुछ होता है अल्लाह की मर्जी से होता है चाहे बाबरी मस्जिद टूटे, या NRC, CAB लागू हो सब अल्लाह की मर्जी से होता हे। इसलिये जो लोग किस्मत पर विश्वास करते है वो अंशत: इस्लामी नियमो पर चल रहे है।

भाग्य का लिखा कौन मिटा सकता है?

अपने भाग्य को जगाने के लिए भक्ति करे, सत्संग करे, दान करे यही जीवन का सच्चा सार है। स्वर्ग और कहीं नहीं है, मनुष्य की शांति में ही स्वर्ग का वास है। किस्मत का लिखा कोई मिटा नहीं सकता है।

मनुष्य का भाग्य कौन लिखता है?

किस्मत अल्लाह लिखता है। यह अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ” पूर्वलिखित । इस्लाम मे मान्यता है कि जो कुछ होता है अल्लाह की मर्जी से होता है चाहे बाबरी मस्जिद टूटे, या NRC, CAB लागू हो सब अल्लाह की मर्जी से होता हे। इसलिये जो लोग किस्मत पर विश्वास करते है वो अंशत: इस्लामी नियमो पर चल रहे है।

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Kis भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान विष्णु के भक्तों को श्रीहरि पूजन के दौरान अगस्त्य के फूलों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके साथ माधवी और लोध के फूलों का भी उपयोग नहीं करना चाहिए। मां पार्वती यानी आदिशक्ति को कभी भी आंवला या मदार के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इससे मां पार्वती नाराज होती हैं और भक्तों के ऊपर से उनकी कृपा हट जाती है।

बासी फूल चढ़ाने से क्या होता है?

साथ ही साथ देवी-देवताओं को अर्पित फूलों से 2-3 घंटे तक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहता है। जैसे ही फूल मुरझाना शुरू करता है सकारात्मक ऊर्जा कम होने लगती है। इसलिए कहा जाता है कि बासी या मुरझाए हुए फूलों को पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

क्या पांडव शराब पीते थे?

महाभारत में शराब का सेवन

पांडवों के साथ भी ऐसा ही हुआ था। मदिरापान के संग जुआ के कारण इन्हें अपना सबकुछ गंवाना पड़ा और 12 वर्ष बनवास और 1 साल अज्ञात रूप से रहना पड़ा। मद और मदिरा के सेवन से कीचक का अंत हो गया। इन दिनों शनि अपनी राशि में संचार करते हुए काफी प्रभावशाली हैं ऐसे में मदिरा सेवन से बचना ही शुभ है।

शनिवार को शराब पीने से क्या होता है?

शनिवार को शराब पीना सबसे घातक माना गया है। इससे आपके अच्छे-भले जीवन में तूफान आ सकता है। 2. शनिवार के दिन भैरव महाराज को शराब अर्पित करने से शनि दोष समाप्त हो जाते हैं।

अच्छे कर्मों का फल कब मिलता है?

जो कर्म ज्यादा होते हैं उसे बाद में तथा जो कम होते है उसे पहले भोगने को मिलता है। वैसे इसका कोई एक ही पैमाना ना होकर परिस्थिति तथा दैवी कृपा से निर्धारण होते देखा या सुना गया है। यदि अच्छे कर्म ज्यादा हैं तो बुरे कर्मों का फल इसी जन्म में तथा अच्छे का फल अगले जन्म में या इसी जन्म के बाद के दिनों में भोगने को मिलता है।

भारत में भाग्य का देवता कौन है?

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