इस पूरे मामले में पुलिस ने इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 323 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया है. ऐसा करने पर कितनी सजा हो सकती है? – धारा 323: अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
किसी को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
धारा 354 कब लगती है?
अब समझिए IPC सेक्शन 354 क्या है
भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 354 के तहत किसी महिला का यौन उत्पीड़न, मारपीट, उसके अभिमान को ठेस पहुंचाना शामिल है। अगर कोई शख्स ये जानते हुए भी कि किसी महिला के साथ मारपीट करता है, यौन उत्पीड़न करता या उसकी लज्जा भंग करता है तो उसे सेक्शन 354 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाता है।
मार करने पर कौन सी धारा लगती है?
धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।
जान से मारने की कोशिश पर कौन सी धारा लगती है?
अगर कोई देता है जान से मारने की धमकी
भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत अगर धमकी जान से मारने की दी जाती है तो ऐसा करना अपराध माना जाएगा। इसके अनुसार धमकी देने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है। आप धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा सकती हैं।
महिला पर हाथ उठाने पर कौन सी धारा लगती है?
महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आइए जानते हैं आईपीसी की धारा 354 के बारे में. भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है.
लड़कियों को परेशान करने पर कौन सी धारा लगती है?
लड़की को छेड़ने पर कितने साल की सजा होगी | छेड़छाड़ पर कानून की धारा 354/354a/354b/354c/354d IPC 1860. महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आइए जानते हैं आईपीसी की धारा 354 के बारे में।
हाफ मर्डर में कितने साल की सजा होती है?
हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।
फोन पर गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
झूठ बोलने की कौन सी धारा लगती है?
कानून में सजा का प्रावधान
एडवोकेट सुनील आनंद ने बताया कि झूठ बोलने वाले शख्स को पहले सीआरपीसी की धारा-344 के तहत नोटिस जारी किया जाता है। फिर उस पर सुनवाई होती है। झूठ साबित होने पर उसे 6 महीने की कैद व 500 से 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है।
गाली देना कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है।
कोई झूठा आरोप लगाए तो क्या करें?
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली अधिवक्ता शुभम भारती ने बताया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत झूठी एफआईआर को चैलेंज किया जा सकता है. अगर आपके खिलाफ या आपके जाननेवाले के खिलाफ कोई झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो धारा 482 के तहत उसे हाईकोर्ट से राहत मिल सकती है.
अगर कोई बच्चा मर्डर कर दे तो उसे क्या सजा मिलेगी?
पहले उपरोक्त उम्र के किशोर कोई अपराध करते थे तो उनके केसों की सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा देने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन अब जस्टिस जुवेनाइल एक्ट 2015 में संशोधन हो चुका है और नाबालिग अपराधी को उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकेगी।
1 मर्डर करने पर कितने दिन की सजा होती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
हाफ मर्डर करने पर कितने साल की सजा है?
हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।
गाली में कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
घर में घुसकर मारपीट करने में कौन सी धारा लगती है?
धारा 323 के तहत छह महीने सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा दी जाएगी व धारा 506 के तहत तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।
धमकी देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 506 यह स्पष्ट रूप से कहती है कि अगर धमकी जान से मारने की दी जा रही है तो ऐसा करना अपराध माना जाएगा. इस तरह की धमकी देने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है.
1 मर्डर की सजा क्या है?
हत्या के आरोपी व्यक्तियों पर धारा 302 के तहत कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा, हत्या के मामले में आरोपी को दोषी पाए जाने पर धारा 302 के तहत सजा दी जाती है। धारा 302 के अनुसार आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ – साथ जुर्माने की सजा दी जाती है।
हाफ मर्डर क्या है?
आरोपी जानता था कि इस हमले से प्रार्थी मर सकता है। ज्ञात हो बस्तर में होने वाले इस तरह के जानलेवा हमलों के मामलों को आम ग्रामीण हाफ मर्डर के रूप में जानता है। ऐसे मामले शराब या अन्य किसी मादक पेय के सेवन से ही होते हैं।
पुलिस को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति को गाली देने पर करीब तीन महीने तक की सजा हो सकती है।
महिला को मारने पर कौन सी धारा लगती है?
इंडियन पेनड कोड की धारा 498 ए शादीशुदा महिला के साथ ससुराल में क्रूरता के मामले में लगाई जाती है। दहेज उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्याओं के मामलों को देखते हुए 1983 में आईपीसी में धारा 498ए शामिल की गई थी। ये एक गैरजमानती धारा है।