तीन अक्षरों अ, ऊ और म से मिलकर बना है ऊँ. इस लिहाज से इसे ईश्वर के तीन स्वरूपों- ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का संयुक्त रूप कहा जाता है.
ॐ की उत्पत्ति कहाँ से हुई?
ओम की उत्पत्ति भगवान शिव के मुख से ही हुई है जो भी इस ओंकार मंत्र का जप प्रति दिन करता है वो शिव कृपा का भागी होता है।
ओम कितनी शक्ति है?
ऊँ का पौराणिक महत्व
कहा जाता है कि ऊँ के जाप से परमपिता परमेश्वर प्रसन्न होते हैं क्योंकि ऊँ ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त रूप है. इस चमत्कारी शब्द में इतनी शक्ति है कि केवल इसके जाप से ईश्वर को पाया जा सकता है. ऊँ शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है. इसके उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
हिंदू धर्म में ॐ का अर्थ क्या है?
हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख जैसे धर्मों में ॐ या ओम अथवा ओंकार की ध्वनि को पवित्र माना जाता है। ॐ शांति का प्रतीक है। यह शब्द हमारे मन के अंदर है और बाहर भी है। ॐ हिंदू समेत विभिन्न धर्मों का पवित्र चिह्न है।
ओम किसका नाम है?
ओउम् (ॐ) या ओंकार का नामान्तर प्रणव है। यह ईश्वर का वाचक है। ईश्वर के साथ ओंकार का वाच्य-वाचक-भाव सम्बन्ध नित्य है, सांकेतिक नहीं। संकेत नित्य या स्वाभाविक सम्बन्ध को प्रकट करता है।
ॐ का ध्यान कौन करता है?
ओ३म् का जप ध्यान आदि कौन करते हैं ? ओ३म् का जप ध्यान साधु, सन्यासी, विरक्ति का भाव लिए लोग, ईश्वर भक्ति में लगे लोग नित्य प्रति करते हैं। वह लोग जो साधु हैं, जिन्होंने संन्यास धारण कर लिया है। जिन्हें मन की शांति चाहिए, जो संसार से विरक्ति का भाव अपना चुके हैं, जो ईश्वर की भक्ति में लगे हुए हैं।
ओम कौन से भगवान हैं?
यह ध्वनि इंसान की सुनने की क्षमता से बहुत ऊपर है. लेकिन जो लोग ध्यान की गहराइयों में उतरना जानते हैं, वे इस चमत्कारी ध्वनि को सुन सकते हैं. तीन अक्षरों अ, ऊ और म से मिलकर बना है ऊँ. इस लिहाज से इसे ईश्वर के तीन स्वरूपों- ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का संयुक्त रूप कहा जाता है.
ओम बोलने से क्या होता है?
ॐ का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है। ॐ का उच्चारण और जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म का मूल मंत्र क्या है?
सनातन धर्म के मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप, यम-नियम आदि हैं जिनका शाश्वत महत्व है। अन्य प्रमुख धर्मों के उदय के पूर्व वेदों में इन सिद्धान्तों को प्रतिपादित कर दिया गया था। भावार्थ : अर्थात हे ईश्वर मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मृत्यु से अमृत की ओर ले चलो।
शिवलिंग पर ओम लिखने से क्या होता है?
शिव के स्थानों पर होता रहता है ओम का उच्चारण : सभी ज्योतिर्लिंगों के पास स्वत: ही ओम का उच्चारण होता रहता है। यदि आप कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे, तो आपको निरंतर एक आवाज सुनाई देगी, जैसे कि कहीं आसपास में एरोप्लेन उड़ रहा हो।
ओम् के जप से मनुष्य क्या बनता है?
पहली स्थिति में ‘ऊँ’ जप से शरीर शुद्ध होकर मन ही मन जप के योग्य बनता है और मन ही मन ‘ऊँ’ जप करके मन शुद्ध व निर्मल बनता है, जिससे बुरे मानसिक विचार दूर होते हैं। इस ध्यान से शरीर और मन दोनों ही ‘ऊँ’ मय हो जाते हैं। इससे मन शांत होकर ईश्वर शक्ति का ज्ञान प्राप्त करता है और व्यक्ति समाधि की प्राप्ति करता है।
ओम में कितनी शक्ति है?
ऊँ का पौराणिक महत्व
कहा जाता है कि ऊँ के जाप से परमपिता परमेश्वर प्रसन्न होते हैं क्योंकि ऊँ ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त रूप है. इस चमत्कारी शब्द में इतनी शक्ति है कि केवल इसके जाप से ईश्वर को पाया जा सकता है. ऊँ शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है. इसके उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
ध्यान में कितनी शक्ति है?
*ध्यान से तनाव ही नहीं, पीठ का दर्द, लकवा, मांसपेशियों में खिंचाव, मधुमेह व अस्थमा जैसे रोगों का उपचार भी संभव है। *याददाश्त बढ़ाने, मन-मस्तिष्क को एकाग्र करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और आज के प्रतिस्पर्द्धी वातावरण के दबावों का सामना करने के लिए ध्यान की शक्ति महत्वपूर्ण सिद्ध होती है।
ध्यान कितने मिनट करते हैं?
ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10 मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान ना हों।
हिंदू धर्म में 108 नंबर का क्या मतलब है?
आखिर क्या कारण है कि 108 के अंक को हिन्दू धर्म में इतना महत्व हासिल है. 108 को शिव का अंक माना गया है. इसके पीछे वजह यह है कि मुख्य शिवांगों की संख्या 108 होती है. सभी शैव संप्रदायों खासतौर से लिंगायत संप्रदाय में रुद्राक्ष की माला में कुल 108 मनके होते हैं, जिनका जाप किया जाता है.
सोने से पहले किस मंत्र का जाप करना चाहिए?
स्वप्नदोष से बचने के लिए निम्न मंत्र का जाप करें। रामं स्कंदं हनुमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् । शयने यः स्मरेन्नित्यं दुःस्वप्नस्तस्य नश्यति ।। अर्थ : सोते समय श्रीराम, कार्तिकेय, हनुमान, गरुड़ और भीम का स्मरण करने से स्वप्नदोष का नाश होता है।
महिलाओं को शिवलिंग को छूने की अनुमति क्यों नहीं है?
इसका कारण यह है कि भगवान शिव को सबसे अच्छा पति माना जाता है और लड़कियां उनसे अपने लिए उनके जैसा पति मांगती हैं। लिंग पुराणम के अनुसार, सभी पुरुष भगवान शिव के अंश हैं और सभी लड़कियां पार्वती के अंश हैं। इसलिए भले ही लड़कियों को शिवलिंग को छूने की मनाही है, लेकिन इसमें जल चढ़ाने की कोई मनाही नहीं है।
शिवलिंग शिव जी का कौन सा अंग है?
क्योंकि इस उत्तर दिशा में भगवान शिव जी का बाया अंग होता है और शक्ति रूपा देवी उमा/पार्वती जी का स्थान होता है। शिवलिंग को शिवलिंग क्यों कहा जाता है? इसे सुनेंरोकेंलिंग रूप में इन्हें समस्त ब्रह्मांड में पूजा जाता है क्योंकि वो समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं. इसलिए शिव मूर्ति और लिंग दोनों रूप में पूजे जाते हैं.
चलते फिरते कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
इन मंत्रों का जाप चलते फिरते किया जा सकता है!
षडाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय करने से अत्यंत लाभ होता है। पूरा कर लिया जाए तो,यह आपके पूरे जीवन को बदल कर रख सकता है। इसके अलावा बीज मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है । जैसे क्रीं यह महाकाली माता का मंत्र है।
ओम मंत्र किसका है?
ओम् (ॐ) परमपिता परमात्मा का वेदोक्त एवं शास्त्रोक्त नाम है। समस्त वेद-शास्त्र ओम् की ही उपासना करते हैं। अत: ओम् का ज्ञान ही सर्वोत्कृष्ट ज्ञान है। ईश्वर के सभी स्वरूपों की उपासना के मंत्र ओम से ही प्रारंभ होते हैं।
ध्यान में क्या सोचना चाहिए?
ध्यान करते वक्त सोचना बहुत होता है। लेकिन यह सोचने पर कि ‘मैं क्यों सोच रहा हूं’ कुछ देर के लिए सोच रुक जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि 20 मिनट के लिए मैं अपने दिमाग को शून्य कर देना चाहता हूं। अंतत: ध्यान का अर्थ ध्यान देना, हर उस बात पर जो हमारे जीवन से जुड़ी है।
ध्यान करने से क्या नुकसान होता है?
मेडिटेशन करने से आपको शारीरिक बीमारी जैसी भी कई समस्या देखने को मिल सकती है। जो लोग मेडिटेशन में अधिक लीन हो जाते हैं उनके शरीर में दर्द, सिर में दर्द, कमजोरी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज आदि देखने को मिलती हैं। कई बार आपको चक्कर आने जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
108 बार जाप कैसे करें?
* जप करने वाले व्यक्ति को एक बार में 108 जाप पूरे करने चाहिए। इसके बाद सुमेरु से माला पलटकर पुनः जाप आरंभ करना चाहिए। * किसी भी स्थिति में माला का सुमेरु लांघना नहीं चाहिए। * माला को अंगूठे और अनामिका से दबाकर रखना चाहिए और मध्यमा उंगली से एक मंत्र जपकर एक दाना हथेली के अंदर खींच लेना चाहिए।
1 वोल्ट गिराने में कितने ओम लगते हैं?
इसे दर्शाने के लिए हम ओम के नियम का उपयोग करते हैं। 1 amp लोड से जुड़े 100 V स्रोत के साथ हम देखते हैं कि लोड में 100 Ω [V÷I=R] का प्रतिरोध है। इसलिए हम फिर उपरोक्त सर्किट में 1 Ω रोकनेवाला डालते हैं और इसके आर-पार V ड्रॉप [ R×I=Vdrop ] मापते हैं। इसका मतलब है कि 1Ω के पार वोल्टेज ड्रॉप 1 वोल्ट है।
दुनियाभर में हिंदुओं की संख्या कितनी है?
हिंदू लगभग एक अरब आबादी के साथ हिंदू दुनिया में तीसरा बड़ा धार्मिक समुदाय है. पूरी दुनिया में 13.95 प्रतिशत हिंदू हैं.
दुनिया में हिंदू धर्म कौन से नंबर पर आता है?
दुनियाभर में अनुयायियों की संख्या के लिहाज से ईसाई सबसे बड़ा, जबकि हिंदू धर्म तीसरा सबसे बड़ा धर्म है. इस्लाम दूसरे स्थान पर है.
सोते समय कौन सा भगवान का नाम लेना चाहिए?
-ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। -राम शिव हरे राम शिव राम राम शिव हरे. रात को सोने से पहले इन सबी मंत्रों का जाप आपके लिए लाभदायक हैं. अगर किसी को रात में नींद न आने की परेशानी है तो वे तो इन मंत्रों का जाप अवश्य करें.
सुबह उठते ही कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।। “ अर्थात् हथेलियों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है। प्रभात यानि (सुबह का समय) में मैं इनका दर्शन करता हूं।
स्त्री को किसकी पूजा करनी चाहिए?
महिलाओं को शिव की पूजा मूर्ति रूप में करनी चाहिए.
क्या तुलसी के पास शिवलिंग रख सकते हैं?
तुलसी के पास न रखें शिवलिंग
कई लोग तुलसी के गमले में शिवलिंग रख देते हैं और वहीं तुलसी और शिवलिंग का पूजन करते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार कभी ही तुलसी के पौधे में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। दरअसल तुलसी का पूर्व जन्म में नाम वृंदा था और वह जालंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी थी।
रात को सोते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
-ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। -राम शिव हरे राम शिव राम राम शिव हरे. रात को सोने से पहले इन सबी मंत्रों का जाप आपके लिए लाभदायक हैं. अगर किसी को रात में नींद न आने की परेशानी है तो वे तो इन मंत्रों का जाप अवश्य करें.
ओम नमः शिवाय का जाप करने से क्या फायदा?
धर्मग्रंथों के अनुसार “ॐ नमः शिवाय” के जप से भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं एवं इस मंत्र के जप से आपके सभी दुःख, सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और आप पर शिवजी की असीम कृपा बरसने लगती है। भगवान शिव का वार सोमवार माना जाता है।
हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
गायत्री मंत्र को सभी हिंदू मंत्रों में सबसे सार्वभौमिक माना जाता है, जो सार्वभौमिक ब्राह्मण को ज्ञान के सिद्धांत और मौलिक सूर्य की रोशनी के रूप में आमंत्रित करता है।
ओम के जप से मनुष्य क्या बनता है?
ॐ का उच्चारण करने मात्र से ही शारीरिक और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है। ॐ का उच्चारण और जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यदि सही प्रकार से पूर्ण ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो इससे आपको सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
ऐसा कौन सा मंत्र है जिससे दिमाग तेज होता है?
रोजाना सुबह स्नान करने के बाद बुध के मंत्र ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का पाठ करें। यह मंत्र कम से कम 108 बार जपें तो आपको तेज दिमाग की प्राप्ति होगी। इस मंत्र को जपने से आपको बुध ग्रह की कृपा प्राप्त होगी और अपने तेज दिमाग की वजह से आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी।
बुद्धि को तेज कैसे करें?
बुद्धि को बढ़ाने के लिए आप हर रोज सूर्य पूजा कर सकते हैं क्योंकि सूर्य और बुध आमतौर पर साथ रहते हैं। वहीं सूर्य और बुध के संयोग से बुधादित्य योग बनता है। सूर्य पूजा से बुद्धि व आपकी योग्यता बढ़ने लगती हैं, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। इसलिए नियमित रूप से सूर्य देव के दर्शन करें और जल का अर्घ्य दें।
हमें कितनी बार ध्यान करना है?
ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10 मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान ना हों।
लेट कर ध्यान कैसे करे?
ध्यान के लिए स्थान की व्यवस्था
अपने लिए एक ऐसा पवित्र स्थान बनायें जो मात्र आपके ध्यान के अभ्यास के लिए ही हो। बिना हत्थे की एक कुर्सी पर बैठें या ज़मीन पर — ऊनी कम्बल या सिल्क का आसन बिछा कर पालथी मारकर बैठें। यह आपकी चेतना के प्रवाह को नीचे की ओर खींचने वाले धरती के सूक्षम प्रवाहों को अवरुद्ध करता है।
ध्यान करते समय मैं क्यों रोता हूं?
जैसे-जैसे आप नियमित रूप से ध्यान करते हैं, आंतरिक शांति की खेती करते हैं, ध्यान के दौरान आप अंतराल में जो समय बिताते हैं, वह बढ़ जाएगा। ध्यान के दौरान रोना इंगित करता है कि आपके शरीर, मन या आत्मा के भीतर अनसुलझी उदासी और हानि एक अवसर के मुक्त होने की प्रतीक्षा में रहती है ।
खाली पेट ध्यान क्यों करना पड़ता है?
खाली पेट ध्यान करने के फायदे:
जब आप खाली पेट होते हैं, तो आपका दिमाग सतर्क होता है, जो आपको एक बेहतर ध्यान अवस्था प्राप्त करने में मदद करता है । 2. जब आप खाली पेट होते हैं तो आपकी संज्ञानात्मक क्षमताओं में काफी सुधार होता है, जो एक केंद्रित ध्यान की स्थिति की ओर ले जाता है।