- ज़िम्मेदारी निभायें
- पेरेंट्स से अपना प्यार जताएँ
- जब आप वयस्क हो जाएँ तब अच्छी बेटी बनें
मैं एक अच्छी बेटी कैसे बन सकती हूं?
एक अच्छी बेटी बनने के लिए, आपको अपने माता-पिता को दिखाना होगा कि आप उनसे प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं । ऐसा करने का कोई एक तरीका नहीं है क्योंकि प्रत्येक परिवार अलग है, लेकिन सामान्य तौर पर इसका मतलब है कि आपको अपने माता-पिता की बात सुननी चाहिए, जिम्मेदार होना चाहिए और घर के काम में मदद करनी चाहिए, और खुले, ईमानदार और दयालु होना चाहिए।
लड़कियों के संस्कार कैसे होने चाहिए?
उसको हर तरह की अच्छी और बुरी दोनों बातों का ज्ञान बोध कराती रहें। ताकि वह अपने अच्छे बुरे के बारे में अच्छे से सोच सके। यह सोच कर कभी ना संकोच करें कि यह बेटी के साथ बात शेयर करने की नहीं है, क्योंकि बेटियां आजकल बहुत समझदार हो रही है । अपनी बेटी से हर तरह की बात शेयर करना एक मां का पहला कर्तव्य है।
बेहतर बेटी या बेटा बनने के लिए आप क्या करेंगे?
अपने माता- पिता की बात सुनें और उनका सम्मान करें – अपने माता -पिता और भाई-बहनों को सुनना और उनका सम्मान करना सबसे बड़ा पूरक है जो हम उन्हें दे सकते हैं। घर के आसपास के कामों में उनकी मदद करें – घर को बनाए रखना बहुत काम का काम है। जितना हो सके अपने माता-पिता की मदद करें।
बेटी का क्या रोल होता है?
एक बेटी अपने माता-पिता की देखभाल करना शुरू कर देती है और उनके जीवन में इतना प्यार और आनंद जोड़ती है । एक बच्चे से ज्यादा, वह उनकी दोस्त बन जाती है और भावनात्मक समर्थन प्रदान करती है जिसकी माता-पिता को अक्सर आवश्यकता होती है क्योंकि वे बड़े होने लगते हैं। वह सुनिश्चित करती हैं कि उनके पास वह सब कुछ है जो उनके जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाता है।
बेटी घर की खुशी है कैसे?
बेटियाँ घर की लक्ष्मी होती है। अगर परिवार में बेटी न हो तो वह घर सुना होता है। परिवार में बेटी का होना परिवार की ख़ुशी बयां करता है। जिन घरो में बेटियाँ होती है वह घर हमेशा खुशियों से झूम उठता है।
बेटी पैदा कैसे किया जाता है?
सेक्स के बाद अगर पुरुष का X लिंग गुणसूत्र वाला शुक्राणु माँ के अंडे से मिलता है, तो होने वाला शिशु लड़की होगी, और अगर सेक्स के बाद पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र वाला शुक्राणु माँ के अंडे से मिलता है, तो गर्भ में लड़का होगा। यह एक कुदरती प्रक्रिया है, लड़की होने की दवा या लड़का पैदा करने के उपाय इसे बदल नहीं सकते।
दाह संस्कार का हक स्त्रियों को क्यों नहीं?
महिलाओं के श्मशान घाट जाने पर नकारात्मक ऊर्जा आसानी से उनके शरीर प्रवेश कर सकती है क्योंकि स्त्रियां कोमल ह्रदय की मानी जाती है। साथ ही नकारात्मक ऊर्जा से उनके अंदर बीमारी फैलने की संभावना ज्यादा होती है।
पहला संस्कार कौन सा है?
हमारे धर्मशास्त्रों में भी मुख्य रूप से सोलह संस्कारों की व्याख्या की गई है। इनमें पहला गर्भाधान संस्कार और मृत्यु के उपरांत अंत्येष्टि अंतिम संस्कार है। गर्भाधान के बाद पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण ये सभी संस्कार नवजात का दैवी जगत् से संबंध स्थापना के लिये किये जाते हैं।
क्या बेटा होना जरूरी होता है?
लड़का मतलब परिवार का ‘नाम’
ऐसे में बेटे को ही वारिस माना जाता है। बेटियां तो पराया धन होती हैं और उनका अपना घर ससुराल होता है। यदि परिवार और खानदान का नाम, वंश बढ़ाना है तो संतान के रूप में बेटा होना बहुत आवश्यक है। बेटे को अहमियत देने का एक प्रमुख कारण परिवार की मान व प्रतिष्ठा से जोड़ दिया गया है।
अच्छा बेटा कैसे होता है?
एक अच्छा बेटा वह होता है जो अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति जानता है । जो पूरे परिवार को एक साथ लेकर चलता हो सबकी पसंद नापसंद का ख्याल रखता हो सबकी जरूरतों का ख्याल रखता हो । बड़े छोटों का ख्याल रखता हो और सब को एक साथ लेकर चलता हो । सारे रिश्ते नाते को एक साथ लेकर चलता हो ऐसा जिम्मेदार बेटा होना चाहिए ।
बेटी का बेटा क्या लगता है?
उदाहरण, अगर रोहन और मोना भाई बहन है तो मोना की पुत्री रोहन की भांजी लगेगी और रोहन को पुत्री मोना की भतीजी लगेगी। क्योंकि बहन का लड़का/लड़की भाई का भांजा/भांजी लगते है। और भाई का लड़का/लड़की बहन की भतीजा/भतीजी लगते है।
बेटी को क्यों पढ़ना चाहिए?
बेटियां भविष्य की मां है और एक मां शिक्षित होगी तभी भविष्य भी शिक्षित होगा। समाज राष्ट्र के उत्थान के लिए भी बेटियों का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियां अब विभिन्न तकनीकी एवं कंप्यूटरीकृत युग के साथ साथ सेना में भी शीर्ष पदों पर आसीन हो रही है। ये जागरूकता एवं पढ़ाई के कारण ही संभव हुआ है।
मन अपनी बेटी को क्या सीख दी?
माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। कहीं वही उसके लिए जानलेवा सिद्ध न हो जाए। वह उस आग की तपन का भी ध्यान रखे जो रोटी पकाने में काम आती है।
ऐसा क्या करें जिससे लड़का ही पैदा हो?
लड़के की प्राप्ति के लिए पुरुष को अपने लिंग को पत्नी के पीछे से योनि में प्रवेश कराना चाहिए इससे शुक्राणु सीधे गर्भाशय के द्वार पर पहुच जाते है। महिला के गर्भाशय का मार्ग योनि की अपेक्षा अधिक क्षारीय होता है। योनि मार्ग में मौजूद अम्लीय वातावरण के कारण ही पुरुष के (y) शुक्राणु नष्ट हो जाते है।
बेटी होने के क्या लक्षण होते हैं?
- बच्चे की हृदय गति एक मिनट में 140 बीट से कम है।
- आपका पेट बाहर की ओर बढ़ा है।
- गर्भ में बच्चा नीचे की ओर लटका हुआ नजर आता है।
- गर्भावस्था में आपका चेहरा खिल उठा है।
- पहली तिमाही में आपको उल्टी-मितली या माॅर्निंग सिकनेस नहीं हुई है।
- आपका दायां स्तन, बाएं स्तन से ज्यादा बड़ा है।
लाश को कब जलाना चाहिए?
सूर्यास्त के बाद हुई है मृत्यु तो हिन्दू धर्म के अनुसार शव को जलाया नहीं जाता है। इस दौरान शव को रातभर घर में ही रखा जाता और किसी न किसी को उसके पास रहना होता है। उसका दाह संसाकार अगले दिन किया जाता है। यदि रात में ही शव को जला दिया जाता है तो इससे व्यक्ति को अधोगति प्राप्त होती है और उसे मुक्ति नहीं मिलती है।
बेटा होने के 4 लक्षण क्या है?
- सामान्य दिनों की तुलना में आपका मूड काफी स्विंग होने लगा है।
- गर्भावस्था में लहसुन खाने के बावजूद आपके शरीर से गंध नहीं आती है।
- इन दिनों आपके बाल काफी कमजोर हो गए हैं।
- प्रेग्नेंसी में आपको सिरदर्द की समस्या नहीं हुई।
- सोते समय आप दाईं करवट सोती हैं।
- आपके पिछले बच्चे का पहला शब्द ‘मां’ था।
बेटा कैसे पैदा करते हैं?
पुरुष और महिला के संभोग के बाद जब वीर्य महिला के अंदर जाता है तब यदि महिलाओं के एक्स क्रोमोसोम से पुरुष का एक्स क्रोमोसोम मिलता है तो इस मिलन से लड़की का जन्म होता है। इसी तरह महिला के एक्स क्रोमोसोम से जब पुरूष के वाई क्रोमोसोम मिलते हैं तो इससे लड़के का जन्म होता है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से होती है।
बेटा होने के क्या संकेत है?
गर्भ में बेटा होने के लक्षण
पेट की पोजीशन ऊपर की ओर है। आपका चेहरा मुरझाने लगा है। आपको पहली तिमाही में काफी ज्यादा माॅर्निंग सिकनेस की परेशानी हुई है। आपका बायां स्तन दाएं स्तन से बड़ा है।
माँ ने अपनी बेटी को क्या क्या सीख दीं?
माँ ने बेटी को क्या–क्या सीख दी? माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। कहीं वही उसके लिए जानलेवा सिद्ध न हो जाए।
एक अच्छी बेटी कैसे बनें?
- 2.1 1. अपने माता-पिता का सम्मान करें
- 2.2 2. अपने माता-पिता से बहस न करें
- 2.3 3. अपने माता-पिता को आहत न करें
- 2.4 4. अपने माता-पिता को खुश रखे
- 2.5 5. अपने जीवन में आगे बढ़ें
- 2.6 6. अपने माता-पिता की सलाह लें
- 2.7 7. अपना चरित्र साफ रखें
- 2.8 8. लोगों का आदर करें
एक अच्छी बेटी बनने के लिए क्या करना चाहिए?
- ज़िम्मेदारी निभायें
- पेरेंट्स से अपना प्यार जताएँ
- जब आप वयस्क हो जाएँ तब अच्छी बेटी बनें
अपनी बेटी को कैसे समझें?
उसे समझने का पूरा वक्त देना ही सही विकल्प है। जब वो अपने भीतर और अपने आस-पास के बारे अच्छी तरह जान लेगी तो वह खुद ही समझदार हो जाएगी क्योंकि जब उसको अच्छे और बुरे का दोनों का ज्ञान नहीं होगा तो वह समझ नहीं पाएगी। और अगर हो सके तो अपने जीवन के अनुभव भी अच्छे हो या बुरे दोनों अपनी बेटी के साथ जरूर शेयर करें।
बेटी को क्या क्या नहीं देना चाहिए?
भूलकर भी बेटी को विदा करते समय उसे नमक नहीं देना चाहिए। नमक देने का अर्थ है कि आप नए रिश्तों में बेटी को सामंजस्य बैठाने से रोक रहे हैं। इससे यह संदेश जाता है कि आप चाहते हैं कि बेटी केवल मायके के रिश्तों को ही निभाए। नए रिश्तों में मिठास बनी रहे इसलिए बेटियों को विदाई के वक्त मीठी वस्तुएं दी जाती हैं।
अच्छी पत्नी ने अपनी बेटी को क्या सिखाया?
गुड वाइफ की सलाह कई बिंदुओं पर प्रेमालाप और संबंधों को खतरनाक वाणिज्य के रूप में वर्णित करती है; जिस तरह एक महिला को पैसे उधार लेने या बाजार में अपने माल के लाभ को खोने से सावधान रहना चाहिए, उसे पुरुषों से उपहार स्वीकार नहीं करना चाहिए या उनमें से बहुत से लोगों के साथ देखा जाना चाहिए।
कौन से दिन संबंध बनाने से लड़का पैदा होता है?
शास्त्रों के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को संतान प्राप्ति के लिए बनाए गए संबंध सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं। इन हफ्ते के चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी और मानसिक रुप से तेज होती है।
बेटा होने के लक्षण क्या होते हैं?
- सामान्य दिनों की तुलना में आपका मूड काफी स्विंग होने लगा है।
- गर्भावस्था में लहसुन खाने के बावजूद आपके शरीर से गंध नहीं आती है।
- इन दिनों आपके बाल काफी कमजोर हो गए हैं।
- प्रेग्नेंसी में आपको सिरदर्द की समस्या नहीं हुई।
- सोते समय आप दाईं करवट सोती हैं।
- आपके पिछले बच्चे का पहला शब्द ‘मां’ था।
गर्भ में लड़का है तो क्या खाने का मन करता है?
लेकिन ऐसा माना जाता है कि मीठा खाने की क्रेविंग का संबंध गर्भ में लड़की होने से होता है जबकि नमकीन खाने की इच्छा होने का मतलब है लड़का होगा।
लावारिस लाश का क्या होता है?
ऐसे मामलों में पुलिस मृतक के परिजनों का इंतजार (Unclaimed Dead Body) 3 से 4 दिन तक करती है। अगर शिनाख्त नहीं होती है तो पुलिस ही लावारिस लाश (Unclaimed Dead Body) का अंतिम संस्कार करती है। मृतक के कपड़े मालखाने में जमा करा दिए जाते हैं। सालों तक पड़े रहने के बाद वे खुद ही नष्ट हो जाते हैं और जांच भी बंद हो जाती है।
रात में लाश को क्यों नहीं छोड़ा जाता है?
क्योंकि गरुड़ पुराण के अनुसार अगर शव को अकेला छोड़ दिया तो उसमें से गंध आ सकती है। साथ ही अगर शव को अकेला छोड़ दिया तो चींटिया या कोई पशु उसको नोंचकर खा सकता है। वहीं एक वजह यह भी है कि अगर शरीर को अकेला छोड़ दिया तो उसकी बुरी आत्माएं उसके शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। इस कारण भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है।
दफनाने के बाद शरीर का क्या होता है?
अंग, मांसपेशियां और त्वचा द्रवीभूत हो जाते हैं । जब शरीर के सभी कोमल ऊतक विघटित हो जाते हैं, तो बाल, हड्डियाँ, उपास्थि और क्षय के अन्य उपोत्पाद शेष रह जाते हैं। इस चरण के दौरान शव सबसे अधिक द्रव्यमान खो देता है।
पत्नी का अंतिम संस्कार कौन करता है?
अंतिम संस्कार औरत नहीं कर सकती है। यह तथ्य मौजूदा सदी में अव्यावहारिक परंपरा मानी जा सकती है। भारतीय संस्कृति में किसी की मौत होने पर उसको मुखाग्नि मृतक का बेटा/भाई/ भतीजा/पति या पिता ही देता है। दूसरे लफ्जों में आमतौर पर पुरुष वर्ग ही इसे निभाता है।
मरने के बाद मुंडन क्यों किया जाता है?
ताकि आत्मा उनके मोह से मुक्त हो सके. व्यक्ति के निधन के बाद उसके परिजनों द्वारा सिर मुंडवाना मृतक के प्रति प्रेम और सम्मान जताने का एक जरिया भी है. मृतक के प्रति कृतज्ञता दर्शाते हुए लोग अपने बाल कटवा लेते हैं, क्योंकि बालों के बिना सुंदरता अधूरी है. शव में कई तरह बैक्टीरिया पनप जाते हैं.
कौन से दिन संबंध बनाने से पुत्र की प्राप्ति होती है?
शास्त्रों के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को संतान प्राप्ति के लिए बनाए गए संबंध सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं। इन हफ्ते के चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी और मानसिक रुप से तेज होती है।
कौन सा पौधा लगाने से पुत्र की प्राप्ति होती है?
हिंदू धर्म में पुत्र प्राप्ति के लिए घर में पलाश का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पीपल अश्वगंधा का पेड़ लगाने से भी पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होती है। ऐसा शास्त्रों में उल्लेख पाया जाता है। इसके अतिरिक्त नीम गुड़हल नागकेशर आदि के पेड़ भी पुत्र प्राप्ति अथवा संतान प्राप्ति के लिए शुभ माने जाते हैं।
गोरा बच्चा पैदा करने के लिए क्या खाना चाहिए?
फ्रूट्स खट्टे फल जैसे कि संतरा प्रेग्नेंसी में खाने से बच्चे का रंग साफ होता है। इन फलों में विटामिन सी होता है जो न सिर्फ बच्चे के विकास में मदद करते हैं बल्कि बेबी की स्किन टोन में भी सुधार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अनानास में भी विटामिन सी होता है और यह शिशु के रंग को साफ कर सकता है।
बेटी क्या बनना चाहती है?
बेटी की क्या क्या तमन्नाएँ हैं ? उत्तर : बेटी तारा बनना चाहती है ।
अच्छी बेटी क्या होती है?
जो बेटियां बचपन में पिता के साथ खूब समय बिताती हैं और जिन्हें पिता का खूब प्यार भी मिलता है, वो पढ़ाई और स्पोर्ट्स दोनों में अच्छी होती हैं। ये आत्मनिर्भर बनती हैं और आगे तक पढ़ाई करती हैं। लड़कियां बड़े होने पर स्ट्रेस से किस तरह डील करती हैं, ये काफी हद पिता के साथ उनके रिश्ते पर निर्भर करता है।
अच्छी बच्ची कैसे बने?
- ज़िम्मेदारी निभायें
- पेरेंट्स से अपना प्यार जताएँ
- जब आप वयस्क हो जाएँ तब अच्छी बेटी बनें
मायके से क्या नहीं खाना चाहिए?
विदाई के वक्त बेटियों के साथ अचार भूलकर भी न रखें। ऐसा माना जाता है कि बेटियों को अचार देने से नए रिश्ते बनने से पहले ही उनमें खटास आ जाती है। अचार की प्रकृति खट्टी होने की वजह से ऐसा माना जाता है।